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हरियाणा से चलकर बगहा पहुंचे मजदूरों का छलका दर्द, कहा- वहां भूखे मरने से बेहतर है अपनों के बीच मरना

दो जून की रोटी की किल्लत लॉकडाउन पर भारी पड़ी और प्रवासी मजदूरों ने हरियाणा और इलाहाबाद से पैदल यात्रा कर यूपी बिहार सीमा के गंडक नदी को नाव के सहारे पार कर बगहा पहुंच गये. स्थानीय लोगों की सूचना दिये जाने के बाद एसपी राजीव रंजन के निर्देश पर गंडक नदी तट से नगर थाना पुलिस ने मजदूरों को अनुमंडल अस्पताल पहुंचा दिया.

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Published : Apr 28, 2020, 8:30 PM IST

बगहा पहुंचे मजदूरों का छलका दर्द
बगहा पहुंचे मजदूरों का छलका दर्द

बगहा: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को लेकर लगाये गए लॉकडाउन में मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि हरियाणा से दर्जनों प्रवासी मजदूर यूपी के रास्ते पैदल चलकर बगहा पहुंचे और वहां से नाव द्वारा गंडक नदी को पार किया. प्रशासन ने सभी मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिंग कराकर क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया है.

हरियाणा से गौनाहा जा रहे मजदूर पहुंचे बगहा
लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के दावों का प्रवासी मजदूर हवा निकाल दे रहे हैं. बिहार में जिस तरह से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वैसे परिस्थिति में इन मजदूरों का बिहार में प्रवेश करना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. दरअसल, मंगलवार को हरियाणा से 18 और इलाहाबाद से 12 प्रवासी मजदूर पैदल चलकर यूपी के रास्ते गंडक नदी के किनारे पहुंचे.

बगहा
जांच की प्रतीक्षा में खड़े मजदूर

भूख ने तोड़ा हौसला
दो जून की रोटी की किल्लत लॉकडाउन पर भारी पड़ी और प्रवासी मजदूरों ने हरियाणा और इलाहाबाद से पैदल यात्रा कर यूपी बिहार सीमा के गंडक नदी को नाव के सहारे पार कर बगहा पहुंच गये. स्थानीय लोगों की सूचना दिये जाने के बाद एसपी राजीव रंजन के निर्देश पर गंडक नदी तट से नगर थाना पुलिस ने मजदूरों को अनुमंडल अस्पताल पहुंचा दिया. जहां, सभी प्रवासी मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिंग कर जांच की गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मजदूरों का छलका दर्द, बोले- भूखे मरने से बेहतर परिवार के बीच मरें
लॉकडाउन में काम बंद होने से भूखे रहने को लेकर मजदूरों का दर्द छलक पड़ा. मजदूरों आपबीती सुनाते हुये कहा कि दूसरे प्रदेश में भूखे मरने से बेहतर है कि घर परिवार के बीच ही मरें. बता दें कि करीब तीस से चालीस प्रवासी मजदूरों में पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर और पश्चिम चंपारण के लच्छनौता गौनाहा निवासी बताए गये हैं.

14 दिनों के लिए किया गया क्वारंटाइन
वहीं, बगहा के पीएचसी प्रभारी डॉ. सूर्यनारायण महतो ने जानकारी देते हुए बताया कि सबों का मेडिकल जांच कर 14 दिनों के लिए एनएच 727 किनारे स्थित डीएम एकेडमी स्कूल कॉरेंटाइन में रखा गया है और प्रतिदिन इनकी प्रॉपर स्क्रीनिंग और काउंसिलिंग की जा रही है.

बगहा: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को लेकर लगाये गए लॉकडाउन में मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि हरियाणा से दर्जनों प्रवासी मजदूर यूपी के रास्ते पैदल चलकर बगहा पहुंचे और वहां से नाव द्वारा गंडक नदी को पार किया. प्रशासन ने सभी मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिंग कराकर क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया है.

हरियाणा से गौनाहा जा रहे मजदूर पहुंचे बगहा
लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के दावों का प्रवासी मजदूर हवा निकाल दे रहे हैं. बिहार में जिस तरह से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वैसे परिस्थिति में इन मजदूरों का बिहार में प्रवेश करना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. दरअसल, मंगलवार को हरियाणा से 18 और इलाहाबाद से 12 प्रवासी मजदूर पैदल चलकर यूपी के रास्ते गंडक नदी के किनारे पहुंचे.

बगहा
जांच की प्रतीक्षा में खड़े मजदूर

भूख ने तोड़ा हौसला
दो जून की रोटी की किल्लत लॉकडाउन पर भारी पड़ी और प्रवासी मजदूरों ने हरियाणा और इलाहाबाद से पैदल यात्रा कर यूपी बिहार सीमा के गंडक नदी को नाव के सहारे पार कर बगहा पहुंच गये. स्थानीय लोगों की सूचना दिये जाने के बाद एसपी राजीव रंजन के निर्देश पर गंडक नदी तट से नगर थाना पुलिस ने मजदूरों को अनुमंडल अस्पताल पहुंचा दिया. जहां, सभी प्रवासी मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिंग कर जांच की गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मजदूरों का छलका दर्द, बोले- भूखे मरने से बेहतर परिवार के बीच मरें
लॉकडाउन में काम बंद होने से भूखे रहने को लेकर मजदूरों का दर्द छलक पड़ा. मजदूरों आपबीती सुनाते हुये कहा कि दूसरे प्रदेश में भूखे मरने से बेहतर है कि घर परिवार के बीच ही मरें. बता दें कि करीब तीस से चालीस प्रवासी मजदूरों में पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर और पश्चिम चंपारण के लच्छनौता गौनाहा निवासी बताए गये हैं.

14 दिनों के लिए किया गया क्वारंटाइन
वहीं, बगहा के पीएचसी प्रभारी डॉ. सूर्यनारायण महतो ने जानकारी देते हुए बताया कि सबों का मेडिकल जांच कर 14 दिनों के लिए एनएच 727 किनारे स्थित डीएम एकेडमी स्कूल कॉरेंटाइन में रखा गया है और प्रतिदिन इनकी प्रॉपर स्क्रीनिंग और काउंसिलिंग की जा रही है.

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