पश्चिम चंपारण(बेतिया): स्वच्छ और संक्रमणमुक्त वातावरण से कोरोना के फैलाव पर रोक लगेगा. गली मोहल्लों में शुद्ध आबोहवा, आपदा के इस दौर में बेहद जरूरी है. इसी संकल्प के साथ आर्य समाज ने भ्रमणशील हवन यज्ञ का आयोजन किया. वातावरण शुद्ध करने के लिए विशेष जड़ी बूटी और शुद्ध घी से हवन किया गया.
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विशेष जड़ी बूटियों से हवन
हवन यज्ञ का वाहन विभिन्न मोहल्लों में घूमा ताकि संक्रमण के विरुद्ध हवन का प्रसार और प्रभाव गली मोहल्ला तक हो सके. मास्क लगाकर और शारीरिक दूरी बनाकर काफी संख्या में आर्य समाज के लोग इस हवन यज्ञ में शामिल हुए. इस भ्रमणशील यज्ञ को पूरे शहर में घूमाया गया. कोरोना महामारी से बचने के लिए नगर में भ्रमणशील सैनिटाइज यज्ञ कर पूरे नगर को सैनिटाइज किया जा रहा है. बता दें कि इसमें प्रयुक्त हवन सामग्री के धुएं को नगर भर में पहुंचाया गया.
'आयुर्वेद में बताए गए अध्याय तीसरे के 21वें मंत्र के अनुसार यज्ञ से कीटाणुओं का नाश होता है और वायु शुद्ध होता है. चार प्रकार के विशेष शुद्ध औषधियों से यज्ञ करने से इसके सूक्ष्म परमाणु हमारे शरीर के खून में प्रवेश कर शुद्धिकरण के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देते हैं. ऐसे में आयुर्वेद द्वारा बताए गए मंत्रों से यज्ञ किया जा रहा है ताकि आमजन महामारी को हरा सके.'- गोलू आर्य, आर्य समाज पुरोहित
लोगों से अपील
इस दौरान आर्य समाज की ओर से लोगों से अपील की गई कि सभी गिलोय, सेंधा नमक, लोहबान के साथ नीम के पत्तों का महत्व समझे.ये कीटाणुनाशक के साथ कृमिनाशक होते हैं. हवन में इनका ज्यादा से ज्यादा अग्नि में दहन कर रोग प्रतिरोध क्षमता को मजबूत किया जा सकता है. साथ ही कहा गया कि ऐसा करने के साथ ही कोविड नियमों का नियमित पालन कर देश महामारी को हरा सकता है.
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