पश्चिमी चंपारण: दशकों से आतंक के दुनिया में कुख्यात बंशी चौधरी ने बगहा पुलिस अधिक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. वंशी यादव की अपहरण, लूट और हत्या के दर्जनों मामलों में लम्बे समय से पुलिस को तलाश थी. ये ध्रुव चौधरी गैंग का भी सदस्य रहा है.
80 के दशक में थी खौफ
मिनी चम्बल के नाम से मशहूर चम्पारण में बंसी चौधरी का खौफ था. वर्ष 1983 से लगतार दो दशक तक अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा था. बेतिया और बगहा जिले की पुलिस के लिए यह डकैत सिरदर्द बना हुआ था. वर्ष 1987 में बगहा पुलिस और डकैतों के मुठभेड़ में ध्रुव मल्लाह मारा गया था, जो बंसी चौधरी का दायां हाथ था.
नेपाल में ले रखी थी शरण
वंशी चौधरी, वंशी यादव और पतरु चौधरी के नाम से एक समय में कुख्यात बंसी चौधरी नेपाल में नाम बदलकर रह रहा था. पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन ने बताया कि इसने पुलिस की दबिश की वजह से सरेंडर किया है. अपहरण, लूट और हत्या के दर्जनों मामलों में इसकी संलिप्तता रही है. काफी लंबे समय से पुलिस को इसकी तलाश थी.