बेतिया: कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर क्षेत्र के पखनाहा सिंगही पिपराघाट गंडक नदी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. इसको लेकर अहले सुबह से ही घाट पर पहुंच कर श्रद्धालुओं ने गंडक नदी में स्नान कर मंदिरो में पूजा अर्चना की. इस मौके पर प्रशासन की ओर से घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. श्रद्धालुओं ने कड़े इंतजाम के बीच गंडक नदी में आस्था की डुबकी लगाई.
कार्तिक पूर्णिमा का है विशेष महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन को दामोदर के नाम से भी जाना जाता है. यह भगवान विष्णु का ही एक नाम है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था. जिसकी खुशी में देवताओं ने हजारों दीप जलाकर दिवाली मनाई थी. तब से आज के दिन हर साल देव दिपावली के रुप में मनाई जाती है.
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श्रद्धालुओं ने उठाया जागरण का लुत्फ
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पखनाहा के सिंगही पिपराघाट स्थित गंडक नारायणी नदी के तट पर बजरंग दल की ओर से सेवा शिविर भी लगाया गया. यहां रात को सामुहिक रूप से दिप प्रज्वलित करने के साथ ही हनुमान चालिसा का पाठ कर श्रद्धालुओं में भक्ति का संचार किया गया. रात भर चले इस जागरण में हजारों श्रद्धालुओं ने भक्ति रस में गोते लगाएं और सेवा शिविर का लाभ उठाया.
सुख-समृद्धि की होती है प्राप्ति
कार्तिक पूर्णिमा को लेकर घाटों पर लाइट और दुकानों की व्यवस्था की गई है. कई जिलों से लोग घाटों पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंडक नारायणी नदी में स्नान करने पर सुख-समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है.