सारण: जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अमानत ज्योति कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसमें मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए काम किया जाएगा. इसके लिए डॉक्टरों और एएनएम, जीएनएम को सुरक्षित प्रसव कराने के साथ ही जच्चा-बच्चा के बेहतर देखभाल के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.
क्या है अमानत ज्योति कार्यक्रम
अमानत ज्योति कार्यक्रम के जरिये सभी सरकारी अस्पताल के व्यवस्था, गुणवत्ता और अस्पताल कर्मियों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि पिछले दिनों इस कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल के डॉक्टर, एएनएम और जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया. ताकि प्रसव के दौरान आने वाली जटिल समस्याओं को पहचान कर उसको वे आसानी से हल कर सकें. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से जच्चा-बच्चा के बेहतर देखभाल के लिए उन्हें तैयार किया जा रहा है, ताकि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके.
2 जीवनों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण
जीएनएम मनिता कुमारी ने बताया कि प्रसव के दौरान आपातकालीन स्थिति में खास कर प्रसव कक्ष ही एक ऐसी जगह होती है, जहां एक साथ 2 जीवन हमारे सामने होते हैं. उनके जिंदगी को लेकर हमें सजग रहना पड़ता है. इसकी जिम्मेदारी वहां मौजूद डॉक्टर, एएनएम, जीएनएम और ममता की होती हैं. जिस कारण हमें यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
महिलाओं को मिलेगा लाभ
बता दें कि अमानत ज्योति कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग की एक ऐसी पहल है, जिससे मातृत्व और नवजात की मृत्यु दर में कमी तो आएगी ही, साथ ही बहुत से लाभ भी मिलेंगे. महिलाओं में एनीमिया के खतरे के कारणों की पहचान और उसका उपचार भी इस कार्यक्रम के तहत आसान हो सकेगा.