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स्वास्थ्य विभाग का 'अमानत ज्योति कार्यक्रम', मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की अच्छी पहल

अमानत ज्योति कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग की एक ऐसी पहल है, जिससे मातृत्व और नवजात की मृत्यु दर में कमी तो आएगी ही साथ ही बहुत से लाभ भी मिलेंगे. महिलाओं में एनीमिया के खतरे के कारणों की पहचान और उपचार  भी इस कार्यक्रम के तहत आसान हो सकेगा.

amanat jyoti
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Published : Dec 26, 2019, 5:07 PM IST

सारण: जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अमानत ज्योति कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसमें मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए काम किया जाएगा. इसके लिए डॉक्टरों और एएनएम, जीएनएम को सुरक्षित प्रसव कराने के साथ ही जच्चा-बच्चा के बेहतर देखभाल के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.

amanat jyoti program
डॉक्टर, एएनएम, जीएनएम को किया जा रहा प्रशिक्षित

क्या है अमानत ज्योति कार्यक्रम
अमानत ज्योति कार्यक्रम के जरिये सभी सरकारी अस्पताल के व्यवस्था, गुणवत्ता और अस्पताल कर्मियों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि पिछले दिनों इस कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल के डॉक्टर, एएनएम और जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया. ताकि प्रसव के दौरान आने वाली जटिल समस्याओं को पहचान कर उसको वे आसानी से हल कर सकें. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से जच्चा-बच्चा के बेहतर देखभाल के लिए उन्हें तैयार किया जा रहा है, ताकि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से अमानत ज्योति कार्यक्रम की शुरुआत

2 जीवनों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण
जीएनएम मनिता कुमारी ने बताया कि प्रसव के दौरान आपातकालीन स्थिति में खास कर प्रसव कक्ष ही एक ऐसी जगह होती है, जहां एक साथ 2 जीवन हमारे सामने होते हैं. उनके जिंदगी को लेकर हमें सजग रहना पड़ता है. इसकी जिम्मेदारी वहां मौजूद डॉक्टर, एएनएम, जीएनएम और ममता की होती हैं. जिस कारण हमें यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

amanat jyoti program
महिलाओं को मिलेगा लाभ

महिलाओं को मिलेगा लाभ
बता दें कि अमानत ज्योति कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग की एक ऐसी पहल है, जिससे मातृत्व और नवजात की मृत्यु दर में कमी तो आएगी ही, साथ ही बहुत से लाभ भी मिलेंगे. महिलाओं में एनीमिया के खतरे के कारणों की पहचान और उसका उपचार भी इस कार्यक्रम के तहत आसान हो सकेगा.

सारण: जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अमानत ज्योति कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसमें मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए काम किया जाएगा. इसके लिए डॉक्टरों और एएनएम, जीएनएम को सुरक्षित प्रसव कराने के साथ ही जच्चा-बच्चा के बेहतर देखभाल के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.

amanat jyoti program
डॉक्टर, एएनएम, जीएनएम को किया जा रहा प्रशिक्षित

क्या है अमानत ज्योति कार्यक्रम
अमानत ज्योति कार्यक्रम के जरिये सभी सरकारी अस्पताल के व्यवस्था, गुणवत्ता और अस्पताल कर्मियों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि पिछले दिनों इस कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल के डॉक्टर, एएनएम और जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया. ताकि प्रसव के दौरान आने वाली जटिल समस्याओं को पहचान कर उसको वे आसानी से हल कर सकें. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से जच्चा-बच्चा के बेहतर देखभाल के लिए उन्हें तैयार किया जा रहा है, ताकि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से अमानत ज्योति कार्यक्रम की शुरुआत

2 जीवनों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण
जीएनएम मनिता कुमारी ने बताया कि प्रसव के दौरान आपातकालीन स्थिति में खास कर प्रसव कक्ष ही एक ऐसी जगह होती है, जहां एक साथ 2 जीवन हमारे सामने होते हैं. उनके जिंदगी को लेकर हमें सजग रहना पड़ता है. इसकी जिम्मेदारी वहां मौजूद डॉक्टर, एएनएम, जीएनएम और ममता की होती हैं. जिस कारण हमें यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

amanat jyoti program
महिलाओं को मिलेगा लाभ

महिलाओं को मिलेगा लाभ
बता दें कि अमानत ज्योति कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग की एक ऐसी पहल है, जिससे मातृत्व और नवजात की मृत्यु दर में कमी तो आएगी ही, साथ ही बहुत से लाभ भी मिलेंगे. महिलाओं में एनीमिया के खतरे के कारणों की पहचान और उसका उपचार भी इस कार्यक्रम के तहत आसान हो सकेगा.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-AMANAT JYOTI PROGRAM WILL REDUCE MATERNAL AND CHILD MORTALITY
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरोग्य दिवस पर प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती हैं, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमानत ज्योति कार्यक्रम की शुरुआत की गई हैं. जिसके तहत चिकित्सकों एवं एएनएम- जीएनएम को सुरक्षित प्रसव कराने के साथ ही जच्चा बच्चा के बेहतर देख भाल के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे अस्पताल की चिकित्सीय व्यवस्था, गुणवत्ता व अस्पताल कर्मियों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा.Body:सारण के सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान कहा कि विगत दिनों इस कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल के चिकित्साकर्मी, एएनएम व जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया हैं ताकि प्रसव के दौरान आने वाली जटिल समस्याओं को पहचान कर उसको कैसे हल किया जाए, वहीं सुलभ तरीके से समस्या का निराकरण करते हुए सुरक्षित प्रसव कराया जा सकें. जच्चा बच्चा का बेहतर देखभाल करते हुए मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाया जा सकता हैं.

Byte:-डॉ माधवेश्वर झा, सिविल सर्जन, सारण


वहीं सदर अस्पताल की प्रशिक्षित जीएनएम मनिता कुमारी ने बताया कि प्रसूति विभाग में कार्यरत सभी कर्मियों को अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिला एवं उससे होने वाले बच्चें का बेहतर देखभाल करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया हैं, प्रसव के दौरान आपातकालीन स्थिति में खास कर प्रसव कक्ष ही एक ऐसा जगह होता हैं जहां एक साथ दो जिंदगियों को रखा जाता हैं और उसका देख भाल भी करना पड़ता हैं, जिसकी जिम्मेदारी वहां मौजूद चिकित्साकर्मियों, एएनएम, जीएनएम व ममता की होती हैं.

Byte:-मनिता कुमारी, जीएनएम, सदर अस्पताल, छपरा
Conclusion:आइये जानते है कि आखिरकार अमानत ज्योति कार्यक्रम क्या हैं और इसका लाभ क्या होगा...

बताते चलें कि अमानत ज्योति कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग का एक ऐसा पहल हैं जिससे मातृत्व एवं नवजात की मृत्यु दर में कमी तो आएगी ही साथ ही बहुत से लाभ भी मिलेंगे. इसके तहत चिकित्सकों एवं नर्सों को सामुहिक रूप से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लायी जा सके.

इससे अन्य फायदें भी होंगे जैसे:-
महिलाओं में एनीमिया के खतरे के कारणों की पहचान एवं उपचार में गुणात्मक सुधार, गर्भवती महिलाओं का नर्स खास कर अस्पताल के कर्मियों पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा, अमानत ज्योति कार्यक्रम से अस्पताल की चिकित्सा गुणवत्ता में सुधार तो होगा साथ ही अस्पताल के चिकित्सकीय व्यवस्था का भी सर्वांगिण विकास होगा.
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