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जिले में शांतिपूर्ण तरीके से खत्म हुई वोटिंग, प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला EVM में कैद

उजियारपुर की जंग में बीजेपी के दिग्गज नित्यानंद राय हो या फिर रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा, समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोजपा के रामचंद्र पासवान हो या फिर कांग्रेस के दिग्गज अशोक कुमार. चौथे चरण की जंग में इन महारथियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है.

मतदाता
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Published : Apr 29, 2019, 7:39 PM IST

समस्तीपुर: जिले के दोनों लोकसभा सीटों पर चौथे चरण में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान समाप्त हुआ. एक तरफ जहां सियासत के कई बड़े दिगज्जों की किस्मत ईवीएम में कैद हुई. वहीं, आयोग और प्रशासन का मत प्रतिशत बढ़ाने का हर प्रयास धरातल पर फेल नजर आया.


पिछले चुनाव के मुकाबले मत प्रतिशत में कोई खास बढ़ोतरी नहीं दिखी. वैसे जिले में पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ. किसी भी प्रकार की कोई घटना सुनने में नहीं आई है.

जागरुकता कार्यक्रम रहा फिसड्डी
अपनी मांगों को लेकर हजारों मतदाताओं ने इस लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा नहीं लिया. लेकिन लोकसभा का यह चुनाव जिला प्रशासन के लिए भी कई सवाल छोड़ गया है. दरअसल, लाख कोशिशों के बाद भी मतों का प्रतिशत फिसड्डी साबित हुआ. हालंकि चुनाव के दौरान मतदाताओं में कहीं उत्साह तो कहीं गुस्सा देखने को मिला.

जानकारी देते संवाददाता

समस्तीपुर कॉलेज में रखे गए ईवीएम
बता दें कि उजियारपुर की जंग में बीजेपी के दिगज्ज नित्यानंद राय हो या फिर रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा, समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोजपा के रामचंद्र पासवान हो या फिर कांग्रेस के दिगज्ज अशोक कुमार. चौथे चरण की जंग में इन महारथियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. गौरतलब है कि समस्तीपुर सुरक्षित व उजियारपुर के 3300 मतदान केंद्रों पर हुए मतदान के सभी ईवीएम समस्तीपुर कॉलेज में रखे गए हैं.

समस्तीपुर: जिले के दोनों लोकसभा सीटों पर चौथे चरण में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान समाप्त हुआ. एक तरफ जहां सियासत के कई बड़े दिगज्जों की किस्मत ईवीएम में कैद हुई. वहीं, आयोग और प्रशासन का मत प्रतिशत बढ़ाने का हर प्रयास धरातल पर फेल नजर आया.


पिछले चुनाव के मुकाबले मत प्रतिशत में कोई खास बढ़ोतरी नहीं दिखी. वैसे जिले में पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ. किसी भी प्रकार की कोई घटना सुनने में नहीं आई है.

जागरुकता कार्यक्रम रहा फिसड्डी
अपनी मांगों को लेकर हजारों मतदाताओं ने इस लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा नहीं लिया. लेकिन लोकसभा का यह चुनाव जिला प्रशासन के लिए भी कई सवाल छोड़ गया है. दरअसल, लाख कोशिशों के बाद भी मतों का प्रतिशत फिसड्डी साबित हुआ. हालंकि चुनाव के दौरान मतदाताओं में कहीं उत्साह तो कहीं गुस्सा देखने को मिला.

जानकारी देते संवाददाता

समस्तीपुर कॉलेज में रखे गए ईवीएम
बता दें कि उजियारपुर की जंग में बीजेपी के दिगज्ज नित्यानंद राय हो या फिर रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा, समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोजपा के रामचंद्र पासवान हो या फिर कांग्रेस के दिगज्ज अशोक कुमार. चौथे चरण की जंग में इन महारथियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. गौरतलब है कि समस्तीपुर सुरक्षित व उजियारपुर के 3300 मतदान केंद्रों पर हुए मतदान के सभी ईवीएम समस्तीपुर कॉलेज में रखे गए हैं.

Intro:समस्तीपुर जिले के दोनों लोकसभा सीटों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ मतदान। एक तरफ जंहा सियासत के जंहा कई बड़े दिगज्जो का का किस्मत जंहा ईवीएम में कैद हुआ। वंही मतों का फीसदी बढ़ाने का सभी प्रयास धरातल पर फेल नजर आया ।


Body:उजियारपुर के जंग में बीजेपी के दिगज्ज नित्यानंद राय हो या फिर रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा । समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोजपा के रामचंद्र पासवान हो या फिर कांग्रेस के दिगज्ज अशोक कुमार । चौथे चरण के जंग में इन महारथी का किस्मत ईवीएम में कैद हो गया । वैसे जिले में पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ । लेकिन अपनी मांगों को लेकर हजारो मतदाताओं ने इस लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा नाही लिया। लेकिन लोकसभा का यह चुनाव जिला प्रशासन के लिए भी कई सवाल छोड़ गया । दरअसल लाख कोशिशों के बाद भी मतों का फीसदी फिसड्डी साबित हुआ । वैसे मतदाताओं में कंही उत्साह था तो कंही गुस्सा । कंही सवाल था तो कंही पहले बार मतदान करने की ललक ।

बाईट - स्थानीय वोटर ।


Conclusion:गौरतलब है की समस्तीपुर सुरक्षित व उजियारपुर के 3300 मतदान केंद्रों पर हुए मतदान का सभी ईवीएम , समस्तीपुर कॉलेज में रखे जा रहे है ।

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