समस्तीपुर: जिले के मोहनपुर स्थित निजी क्लीनिक में प्रसव के दौरान एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था और बच्चों को कार्टन में बंद कर परिजनों को सौंप दिया था. लेकिन परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने कार्टन खोलकर देखा तो दोनों बच्चे जिंदा थे. हालांकि शिशु विशेषज्ञ के पास पहुंचने तक दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी.
डॉक्टरों ने जिंदा बच्चों को किया कार्टन में बंद
बता दें कि गंडक कॉलोनी बांध में रहने वाली मुन्नी देवी को प्रसव के लिए निजी क्लनिक में भर्ती कराया गया था. जहां उन्होंने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. लेकिन डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर कार्टन में बंद कर दिया था. जिसके बाद परिजन दोनों बच्चों को दाह संस्कार के लिए ले जा रहे थे. तभी उन्होंने कार्टन को खोला तो देखा दोनों बच्चे जिंदा थे.
'जन्म के समय इलाज होता तो बच सकते थे बच्चे'
वहीं, परिजन आनन-फानन में दोनों बच्चों को शिशु रोग विशेषज्ञ के पास लेकर गए. जहां डॉक्टर ने बताया कि दोनों की हालत गंभीर है. सांसे उल्टी चल रही है बच्चों का बचाना मुश्किल है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर बच्चे का इलाज जन्म के समय ही किया जाता तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती. लेकिन डॉक्टर ने दोनों बच्चों का इलाज शुरू किया पर 3 घंटे के अंदर दोनों की मौत हो गई.