रोहतास: राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के बीच पुआल ना जलाने को लेकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधि और किसानों के साथ जिले के सभी प्रखंडों में लगातार बैठकें भी हो रही हैं. बता दें कि 20 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक जिले के 19 प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों में किसान चौपाल लगाया जा रहा है.
धान का अवशेष जलाने से काफी प्रदूषण होता है. इसके अलावा खेत भी बंजर हो जाता है. लेकिन किसानों का कहना है कि खेतों में पुआल जलाना उनकी मजबूरी है. क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं है. सरकार अगर विकल्प देती है तो निश्चित तौर पर वह अपने खेतों में पराली को नहीं जलाएंगे.
किसानों से खेतों में पराली न जलाने की अपील
वहीं, प्रखंड प्रमुख पूनम देवी कहती हैं कि खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण तो होते ही है, उर्वरा की भी कमी हो जाती है. सरकार की ओर से चलाये जा रहे जागरुकता अभियान से किसानों को सीख लेनी चाहिए. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि वो अपनी खेतों में पराली ना जलाएं और खेतों को बंजर होने से बचाएं. साथ ही सरकार की तरफ से मिलने वाले उपकरणों का भी किसान लाभ उठाएं.
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चलाया जा रहा जागरुकता अभियान
जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमन की मानें तो कृषि सलाहकार से लेकर कृषि विभाग के विभिन्न निकायों के अधिकारी और कर्मचारियों को इस जागरुकता अभियान में लगाया गया है. वो पंचायत स्तर पर जाकर किसानों के साथ बैठक कर रहे हैं. उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जा रही है. बहरहाल, फसल अवशेष प्रबंधन में अभी भी यह जिला पीछे हैं. जिला प्रशासन इसके लिए जागरुकता अभियान चला रही है. अब देखना है कि किसान इसका कितना लाभ उठा पाते हैं.