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रोहतास: पराली नहीं जलाने के प्रति चौपाल लगाकर किसानों को किया जा रहा जागरूक

रोहतास जिले के 19 प्रखंडों की विभिन्न पंचायतों में किसान चौपाल लगाया गया है. इस दौरान किसानों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

पराली न जलाने के प्रति किसानों को किया जा रहा जागरूक
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Published : Nov 22, 2019, 12:05 PM IST

रोहतास: राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के बीच पुआल ना जलाने को लेकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधि और किसानों के साथ जिले के सभी प्रखंडों में लगातार बैठकें भी हो रही हैं. बता दें कि 20 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक जिले के 19 प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों में किसान चौपाल लगाया जा रहा है.

धान का अवशेष जलाने से काफी प्रदूषण होता है. इसके अलावा खेत भी बंजर हो जाता है. लेकिन किसानों का कहना है कि खेतों में पुआल जलाना उनकी मजबूरी है. क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं है. सरकार अगर विकल्प देती है तो निश्चित तौर पर वह अपने खेतों में पराली को नहीं जलाएंगे.

rohtas
किसानों से खेतों में पराली न जलाने की अपील

किसानों से खेतों में पराली न जलाने की अपील
वहीं, प्रखंड प्रमुख पूनम देवी कहती हैं कि खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण तो होते ही है, उर्वरा की भी कमी हो जाती है. सरकार की ओर से चलाये जा रहे जागरुकता अभियान से किसानों को सीख लेनी चाहिए. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि वो अपनी खेतों में पराली ना जलाएं और खेतों को बंजर होने से बचाएं. साथ ही सरकार की तरफ से मिलने वाले उपकरणों का भी किसान लाभ उठाएं.

जानकारी देते किसान और जिला कृषि पदाधिकारी

ये भी पढ़ें- पप्पू यादव बोले- हमारी सरकार बनी तो 4 महीने के अंदर कर देंगे टैक्स फ्री

चलाया जा रहा जागरुकता अभियान
जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमन की मानें तो कृषि सलाहकार से लेकर कृषि विभाग के विभिन्न निकायों के अधिकारी और कर्मचारियों को इस जागरुकता अभियान में लगाया गया है. वो पंचायत स्तर पर जाकर किसानों के साथ बैठक कर रहे हैं. उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जा रही है. बहरहाल, फसल अवशेष प्रबंधन में अभी भी यह जिला पीछे हैं. जिला प्रशासन इसके लिए जागरुकता अभियान चला रही है. अब देखना है कि किसान इसका कितना लाभ उठा पाते हैं.

रोहतास: राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के बीच पुआल ना जलाने को लेकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधि और किसानों के साथ जिले के सभी प्रखंडों में लगातार बैठकें भी हो रही हैं. बता दें कि 20 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक जिले के 19 प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों में किसान चौपाल लगाया जा रहा है.

धान का अवशेष जलाने से काफी प्रदूषण होता है. इसके अलावा खेत भी बंजर हो जाता है. लेकिन किसानों का कहना है कि खेतों में पुआल जलाना उनकी मजबूरी है. क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं है. सरकार अगर विकल्प देती है तो निश्चित तौर पर वह अपने खेतों में पराली को नहीं जलाएंगे.

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किसानों से खेतों में पराली न जलाने की अपील

किसानों से खेतों में पराली न जलाने की अपील
वहीं, प्रखंड प्रमुख पूनम देवी कहती हैं कि खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण तो होते ही है, उर्वरा की भी कमी हो जाती है. सरकार की ओर से चलाये जा रहे जागरुकता अभियान से किसानों को सीख लेनी चाहिए. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि वो अपनी खेतों में पराली ना जलाएं और खेतों को बंजर होने से बचाएं. साथ ही सरकार की तरफ से मिलने वाले उपकरणों का भी किसान लाभ उठाएं.

जानकारी देते किसान और जिला कृषि पदाधिकारी

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चलाया जा रहा जागरुकता अभियान
जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमन की मानें तो कृषि सलाहकार से लेकर कृषि विभाग के विभिन्न निकायों के अधिकारी और कर्मचारियों को इस जागरुकता अभियान में लगाया गया है. वो पंचायत स्तर पर जाकर किसानों के साथ बैठक कर रहे हैं. उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जा रही है. बहरहाल, फसल अवशेष प्रबंधन में अभी भी यह जिला पीछे हैं. जिला प्रशासन इसके लिए जागरुकता अभियान चला रही है. अब देखना है कि किसान इसका कितना लाभ उठा पाते हैं.

Intro:Desk bihar
Report _Ravi kumar /Sasaram
Slug _
bh_roh_03_parali_special_pkg_bh10023
Assignment by Desk bihar

रोहतास जिले को धान का कटोरा कहा जाता है इस इलाके में लगभग दो .5 लाख हैक्टेयर भूमि में धान की बंपर पैदावार होती है लेकिन शहरी तो शहरी ग्रामीण इलाके के खेतों में भी हार्वेस्टर मशीन द्वारा धान की कटनी की जाती है इस कारण खेतों में लगे फसल के डंठल छूट जाते हैं। जिसे ज्यादातर किसान जला देते हैं। जिस कारण खेतों की उर्वरा शक्ति तो नष्ट होती ही हैं, वही प्रदूषण के स्तर में भी इजाफा होता है पर अब
जिला प्रशासन ने किसानों को अभी से ही जागरूक करना शुरू कर दिया है। क्योंकि धान की कटनी अब शुरू हो गई है, ऐसे में जिला प्रशासन चाह रही है कि समय रहते किसानों को अपने फसलों के अवशिष्ट निस्तारण के गुर समझाया जाए तथा उन्हें खेतों में धान के डंठल जलाने से रोका जाए।

Body:दरअसल दिल्ली और हरियाणा की तर्ज पर राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन वह कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के बीच पुआल ना जलाने को लेकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं यही नहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों और किसानों को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में लगातार बैठक के भी की जा रही हैं वही 20 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक रोहतास जिला के 19 प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों में किसान चौपाल लगाया जा रहा है।
जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमन की माने तो कृषि सलाहकार से लेकर कृषि विभाग के विभिन्न निकायों के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस जागरूकता अभियान में लगाया गया है। वह पंचायत स्तर पर जाकर किसानों के साथ बैठक कर रहे हैं तथा उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में बताया जा रहा है।

इस संबंध में किसान सुरेंद्र तिवारी कहते हैं खेतों में पुआल जलाना उनकी मजबूरी है क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं है सरकार अगर विकल्प देती है तो निश्चित तौर पर वह अपने खेतों में पराली को नहीं जलाएंगे क्योंकि किसान कभी नहीं चाहता है कि उसके खेत बंजर हो क्योंकि धरती उनकी मां है
वही प्रखंड प्रमुख पूनम देवी कहती है कि खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण तो होते ही है उर्वरा की भी कमी हो जाती है सरकार की तरफ से फैलाए जा रहे जागरूकता अभियान से किसानों को सीख लेनी चाहिए साथियों ने अपील करते हुए भी कहा कि किसान अपने खेतों में ना जलाएं और खेतों को बंजर होने से बचाएं साथी सरकार की तरफ से मिलने वाले उपकरणों का भी किसान लाभ उठाएंConclusion:बहर हाल फसल अवशेष प्रबंधन में अभी भी यह जिला पीछे हैं। जिला प्रशासन ने इसके लिए इस बार जागरूकता अभियान शुरू की है। अब देखना है कि धान के कटोरे के किसान उसका कितना लाभ ले पाते हैं। ईटीवी भारत के लिए रोहतास से रवि कुमार की रिपोर्ट
बाइट सुरेंद्र तिवारी किसान
बाइट राधारमण जिला कृषि पदाधिकारी
बाइट पूनम देवी प्रखंड प्रमुख
ऐंड पीटीसी बाय रवी कुमार
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