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भीषण गर्मी के कारण बंद हुए हाइडल प्लांट्स, पानी और बिजली की दोहरी मार झेल रहे हैं लोग

सोन नदी के सूखने से जिले के कई हाइडल प्लांट बंद पड़े हैं. इससे आम लोगों को पानी और बिजली के किल्लत की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

बंद हाइडल प्लांट
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Published : May 29, 2019, 11:39 AM IST

रोहतास: जिले में भीषण गर्मी पड़ने के बाद सोन नदी सूखने की कगार पर है. इस वजह से सहायक नदियों में भी पानी का अकाल पड़ गया है. जिले में पानी की किल्लत के कारण कई हाइडल प्लांट बंद हो गए हैं.

पानी की कमी से प्लांट हुए ठप
जिले में कुल 6 हाइडल प्लांट से बिजली उत्पादन का काम किया जाता है, लेकिन नदियों में पानी कम होने की वजह से ये प्लांट पूरी तरह से ठप हो चुका है. दिल्ली हाइडल को पानी सोन नदी से ही उपलब्ध होता है. बिजली आपूर्ति ठप होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से लोग काफी हलकान हो रहे हैं तो वहीं पावर सब स्टेशन को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है.नहर में जलापूर्ति ठप रहने के साथ-साथ मशीनों में खराबी भी इसका एक कारण बताया जा रहा है.

हाइडल प्रभारी का बयान

क्या है हाइडल व्यवस्था?
बिहार स्टेट हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन के जरिए हाइडल प्लांट से बिजली का उत्पादन होता है. इसके लिए मुख्य नहर में पानी का होना बेहद जरूरी है. नहरों में आपूर्ति होने वाले पानी से जल विद्युत का निर्माण करके पावर सब-स्टेशन को विद्युत की आपूर्ति की जाती है. इसके लिए सभी हाइडल प्लांट में दो मशीनें लगी होती है. इसमें तीन ऑपरेटर के अलावा 9 गेटमैन इस पूरे प्लांट में काम करते हैं. नहरों में पानी कम होने पर विद्युत आपूर्ति के लक्ष्य के मुताबिक नहीं हो पाती है और विद्युत उत्पादन का काम पूरी तरह से ठप हो जाता है.

dried waterlevel
प्लांट में सूखा जलस्तर

जिले में कहां-कहां है हाइडल प्लांट?
जिले में कुल 6 हाइडल प्लांट हैं जो पूरी तरह काम करना बंद कर चुके हैं. वहीं डेहरी हाइडल प्लांट की बात करें तो वहां से रोजाना 6.6 मेगावाट और दूसके हाइडल प्लांट से 1 मेगावाट की बिजली आपूर्ति होती है. हाइडल प्लांट के ठप हो जाने से पावर सब स्टेशनों को विद्युत की बेहद कमी हो रही है, जिससे आम लोगों को पानी और बिजली की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

रोहतास: जिले में भीषण गर्मी पड़ने के बाद सोन नदी सूखने की कगार पर है. इस वजह से सहायक नदियों में भी पानी का अकाल पड़ गया है. जिले में पानी की किल्लत के कारण कई हाइडल प्लांट बंद हो गए हैं.

पानी की कमी से प्लांट हुए ठप
जिले में कुल 6 हाइडल प्लांट से बिजली उत्पादन का काम किया जाता है, लेकिन नदियों में पानी कम होने की वजह से ये प्लांट पूरी तरह से ठप हो चुका है. दिल्ली हाइडल को पानी सोन नदी से ही उपलब्ध होता है. बिजली आपूर्ति ठप होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से लोग काफी हलकान हो रहे हैं तो वहीं पावर सब स्टेशन को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है.नहर में जलापूर्ति ठप रहने के साथ-साथ मशीनों में खराबी भी इसका एक कारण बताया जा रहा है.

हाइडल प्रभारी का बयान

क्या है हाइडल व्यवस्था?
बिहार स्टेट हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन के जरिए हाइडल प्लांट से बिजली का उत्पादन होता है. इसके लिए मुख्य नहर में पानी का होना बेहद जरूरी है. नहरों में आपूर्ति होने वाले पानी से जल विद्युत का निर्माण करके पावर सब-स्टेशन को विद्युत की आपूर्ति की जाती है. इसके लिए सभी हाइडल प्लांट में दो मशीनें लगी होती है. इसमें तीन ऑपरेटर के अलावा 9 गेटमैन इस पूरे प्लांट में काम करते हैं. नहरों में पानी कम होने पर विद्युत आपूर्ति के लक्ष्य के मुताबिक नहीं हो पाती है और विद्युत उत्पादन का काम पूरी तरह से ठप हो जाता है.

dried waterlevel
प्लांट में सूखा जलस्तर

जिले में कहां-कहां है हाइडल प्लांट?
जिले में कुल 6 हाइडल प्लांट हैं जो पूरी तरह काम करना बंद कर चुके हैं. वहीं डेहरी हाइडल प्लांट की बात करें तो वहां से रोजाना 6.6 मेगावाट और दूसके हाइडल प्लांट से 1 मेगावाट की बिजली आपूर्ति होती है. हाइडल प्लांट के ठप हो जाने से पावर सब स्टेशनों को विद्युत की बेहद कमी हो रही है, जिससे आम लोगों को पानी और बिजली की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

Intro:रोहतास। जिले में भीषण गर्मी पड़ने के बाद सोन नदी में जलस्तर पूरी तरह से सूख चुका है। नतीजा सहायक नदियों में भी पानी का अकाल पड़ गया है जिसके करण जिले के कई हाइडल बंद हो गए हैं।


Body:गौरतलब है कि रोहतास जिले में कुल 6 हाइडल से विद्युत उत्पादन का काम किया जाता है। लेकिन भीषण गर्मी पड़ने से नदियों में पानी कम होने की वजह से ये हाइडल पूरी तरह से ठप हो चुका है। गौरतलब है कि दिल्ली हाइडल को पानी सोन नदी से ही उपलब्ध होता है। लेकिन सोन नदी में पानी नहीं रहने की वजह से हाइडल से बिजली का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया। गर्मी का मौसम आते ही हाइडल से विद्युत आपूर्ति ठप होने से हा हाकार मच गया है। जहां भीषण गर्मी में लोग काफी परेशान है तो वहीं हाइडल से विद्युत आपूर्ति ठप होने के पावर सब स्टेशन को पर्याप्त इससे बिजली नहीं मिल पा रही है। नहर में जलापूर्ति ठप रहने के साथ-साथ मशीनों में खराबी भी एक कारण बताया जा रहा है।

क्या है हाइडल व्यवस्था

बिहार सरकार का उपक्रम बिहार स्टेट हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन द्वारा हाइडल के माध्यम से पानी से विद्युत उत्पादन किया जाता है। इसके लिए मुख्य नहर में पानी का होना बेहद जरूरी है। नहरों में आपूर्ति होने वाले पानी से जल विद्युत का निर्माण करके पावर सबस्टेशन को विद्युत की आपूर्ति की जाती है। इसके लिए सभी हाइडल केंद्र में दो मशीनें लगी होती है इसमें तीन ऑपरेटर के अलावे 9 गेटमैन इस पूरे हाइडल में काम करते हैं। नहरों में पानी कम होने पर विद्युत आपूर्ति के लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो पाती है और विद्युत उत्पादन का काम पूरी तरह से ठप हो जाता है।


Conclusion:कहां कहां है जिले में हाइडल

जिले में कुल छहः हाइडिल है जो सारे पूरी तरह काम करना बंद कर चुके है। वही डेहरी हाइडल कि बात करें तो डेहरी हाइडल से प्रतिदिन 6.6 मेगावाट व अन्य हाइडल प्रतिदिन एक 1 मेगावाट की बिजली आपूर्ति होती है। बरहाल हाइडल के ठप हो जाने से पावर सब स्टेशनों को विद्युत की कमी जरूर खल रही होगी।

बाइट। हाइडल प्रभारी
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