रोहतास: बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. नीतीश सरकार चाहे लाख दावा कर रही हो कि राज्य में कोरोना महामारी से निपटने के लिए सभी व्यवस्था की गई है. लेकिन आए दिन हो रही मौतों ने उन तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी है.
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अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की किल्लत अभी भी बनी हुई है. कहीं कोई इलाज के अभाव में दम तोड़ रहा है तो कहीं मरने के बाद भी लोगों को एम्बुलेंस मुहैया नहीं करायी जा रही है जिसकी वजह से बाइक और ऑटो पर लोगों को शव ले जाना पड़ रहा है.
बाइक पर रखकर ले गये शव
जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उस हिसाब से सरकार संसाधनों में इजाफा नहीं कर पा रही है. नतीजतन, ऑक्सीजन और दवाइयों के अभाव में संक्रमित मरीज दम तोड़ रहे हैं. ताजा मामला जिला मुख्यालय सासाराम के सदर अस्पताल का है जहां सदर अस्पताल में एक मृत व्यक्ति को परिजन बाइक पर रखकर घर ले गये.
परिजनों में कोहराम
बताया जाता है कि 70 वर्षीय एक वृद्ध की अचानक तबीयत बिगड़ गई. परिजनों ने उन्हें आनन-फानन में सदर अस्पताल लाया. लेकिन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के गेट पर पहुंचते-पहुंचते वृद्ध ने दम तोड़ दिया. जिस बाइक पर परिजन बीमार वृद्ध को बीच में बैठा कर लाए थे, फिर उसी बाइक पर रखकर शव को लेकर चले गए.
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सिस्टम पर कई सवाल
वृद्ध की मौत किस बीमारी से हुई यह पता नहीं चल सका है. क्योंकि इलाज से पहले ही वृद्ध ने दम तोड़ दिया. लेकिन जिस तरह से एक मृत व्यक्ति को बाइक पर ले जाया गया, यह सिस्टम पर कई सवाल खड़े करता है. बिहार सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन उन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.