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सीमांचल एक्सप्रेस हादसे के बाद दहशत में यात्री, ज्यादातर सीमांचल के लोगों की हुई है मौत

रेल विभाग के अनुसार मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 7 पर पहुंच गया है. जिसमें एक को छोड़ सभी 6 की पहचान कर ली गयी है. रेल विभाग के मुताबिक हताहतों में ज्यादातर लोग सीमांचल के हैं.

हादसे की तस्वीर
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Published : Feb 3, 2019, 8:09 PM IST

पूर्णिया: रविवार सुबह जोगबनी से दिल्ली आ रही 12487 सीमांचल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. जिसमें अब तक सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई है वहीं 24 अन्य घायल हैं. यह ट्रेन शनिवार रात पूर्णिया जंक्शन से खुली थी. जो महनार और सहदोई बुर्जुर्ग स्टेशन के बीच बड़े रेल हादसे का शिकार हो गयी. इस हादसे के बाद लोगों में दहशत का माहौल है.

सीमांचल एक्सप्रेस के हादसे का शिकार हो जाने के बाद पूर्णिया जंक्शन में खौफ का माहौल दिखा. इस रेल हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए यात्रियों ने कहा कि इस तरह लगातार हो रही घटनाओं से रेल और रेलवे के प्रति लोगों में असुरक्षा की भावना बन रही है. बार -बार हो रही गलतियों के बाद भी रेलवे संजीदा नहीं हो रहा, बस मुआवजा देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है. जिससे इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं.

पूर्णिया जंक्शन में खौफ का माहौल दिखा
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मरने वालों और घायलों में ज्यादातर सीमांचल के

रेल विभाग के अनुसार मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 7 पर पहुंच गया है. जिसमें एक को छोड़ सभी 6 की पहचान कर ली गयी है. रेल विभाग के मुताबिक हताहतों में ज्यादातर लोग सीमांचल के हैं. जिनमें पूर्णिया, कटिहार, जोगबनी, किशनगंज, खगरिया, उत्तरी और दक्षिण दीनापुर के अलावा बेगूसराय और दिल्ली के यात्री शामिल हैं.

रेलवे प्रशासन की तरफ से मरने वालों को 5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाने की घोषणा की गई है. वहीं घटना स्थल और उसके आसपास वाले स्टेशनों के अलावा पूर्णिया जंक्शन से हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं.

train accident
टूटी पटरी
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टूटी पटरी पर दौडी थी ट्रेन

पूर्णिया जंक्शन के स्टेशन प्रबंधक प्रबंधन की मानें तो जिस वक्त यह हादसा हुआ रेल की तय स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे थी. वहीं शुरूआती जांच में सामने आया की हादसे स्थल पर पटरियां टूटी हुई थी. रेल पटरियों के बीच गैप देखा गया. इसके चलते यह हादसा हो गया. सुत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक 11 बोगियां पटरी से उतर गई थी. बार-बार होते बड़े रेल हादसों के बाद जांच में भारी लापरवाही सामने आती है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि टूटी पटरियों और रेल में गड़बड़ी के बाद भी ये ट्रेन का परिचालन कैसे होता है. अपनी गलतियों से सीखने के बजाए आखिर कब तक रेलवे यूं ही मुआवजों से रेलवे काम चलाता रहेगा.

पूर्णिया: रविवार सुबह जोगबनी से दिल्ली आ रही 12487 सीमांचल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. जिसमें अब तक सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई है वहीं 24 अन्य घायल हैं. यह ट्रेन शनिवार रात पूर्णिया जंक्शन से खुली थी. जो महनार और सहदोई बुर्जुर्ग स्टेशन के बीच बड़े रेल हादसे का शिकार हो गयी. इस हादसे के बाद लोगों में दहशत का माहौल है.

सीमांचल एक्सप्रेस के हादसे का शिकार हो जाने के बाद पूर्णिया जंक्शन में खौफ का माहौल दिखा. इस रेल हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए यात्रियों ने कहा कि इस तरह लगातार हो रही घटनाओं से रेल और रेलवे के प्रति लोगों में असुरक्षा की भावना बन रही है. बार -बार हो रही गलतियों के बाद भी रेलवे संजीदा नहीं हो रहा, बस मुआवजा देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है. जिससे इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं.

पूर्णिया जंक्शन में खौफ का माहौल दिखा
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मरने वालों और घायलों में ज्यादातर सीमांचल के

रेल विभाग के अनुसार मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 7 पर पहुंच गया है. जिसमें एक को छोड़ सभी 6 की पहचान कर ली गयी है. रेल विभाग के मुताबिक हताहतों में ज्यादातर लोग सीमांचल के हैं. जिनमें पूर्णिया, कटिहार, जोगबनी, किशनगंज, खगरिया, उत्तरी और दक्षिण दीनापुर के अलावा बेगूसराय और दिल्ली के यात्री शामिल हैं.

रेलवे प्रशासन की तरफ से मरने वालों को 5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाने की घोषणा की गई है. वहीं घटना स्थल और उसके आसपास वाले स्टेशनों के अलावा पूर्णिया जंक्शन से हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं.

train accident
टूटी पटरी
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टूटी पटरी पर दौडी थी ट्रेन

पूर्णिया जंक्शन के स्टेशन प्रबंधक प्रबंधन की मानें तो जिस वक्त यह हादसा हुआ रेल की तय स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे थी. वहीं शुरूआती जांच में सामने आया की हादसे स्थल पर पटरियां टूटी हुई थी. रेल पटरियों के बीच गैप देखा गया. इसके चलते यह हादसा हो गया. सुत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक 11 बोगियां पटरी से उतर गई थी. बार-बार होते बड़े रेल हादसों के बाद जांच में भारी लापरवाही सामने आती है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि टूटी पटरियों और रेल में गड़बड़ी के बाद भी ये ट्रेन का परिचालन कैसे होता है. अपनी गलतियों से सीखने के बजाए आखिर कब तक रेलवे यूं ही मुआवजों से रेलवे काम चलाता रहेगा.

Intro: आकाश कुमार(पूर्णिया)

पूर्णिया के प्रमुख ट्रेनों में से जोगबनी से चलकर आनंद बिहार को जाने वाली सीमांचल एक्सप्रेस आज तड़के सुबह 3:58 में बड़े रेल हादसे का शिकार हो गयी। जिसे लेकर सीमांचल के लोगों में दहशत का माहौल है। मरने वालों व हताहतों में ज्यादातर यात्री सीमांचल के3 हैं। लिहाजा सीमांचल के लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गयी है।


Body:
100 km/h है हादसे स्थल पर ट्रेन की रफ्तार....


पूर्णिया जंक्शन के स्टेशन प्रबंधक की मानें तो जोगबनी से चलकर सीमांचल एक्सप्रेस अपने तय वक़्त पर ही कल रात पूर्णिया जंक्शन से 9 बजकर 30 मिनट पर खुली थी। जो महनार व सरदोई बुर्जुर्ग स्टेशन के बीच बड़े रेल हादसे का शिकार हो गयी। प्रबंधन की मानें तो जिस वक़्त यह हादसा हुआ रेल की तय स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे थी। यही वजह रही कि ट्रेन को भीषण नुकसान पहुंची। आधाकारिक बयानों के मुताबिक 9 डब्बे पटरी से उतर गए। जिसमें जेनरल स्लीपर के दो डब्बों के अलावा slr के एक कोच सहित बी 3 कोच को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा। s8, s 9, s10 सहित 2 अन्य डब्बे पटरी से उतर गए।


मरने वालों व हताहतों में ज्यादातर सीमांचल के......


रेल विभाग के अनुसार मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 7 पर पहुंच गया है। जिसमें एक को छोड़ सभी 6 की पहचान कर ली गयी है। रेल विभाग के मुताबिक हताहतों में ज्यादातर लोग सीमांचल के है। जिनमें पूर्णिया, कटिहार, जोगबनी, किशनगंज, खगरिया, उत्तर व दक्षिण दीनापुर के अलावा बेगूसराय व दिल्ली के यात्री शामिल हैं। सीमांचल सेंटर होंने के कारण ज्यादातर यात्री पूर्णिया जंक्शन से कोच पर सवार हुए थे।



हादसे के बाद यात्रियों में खौफ का माहौल...


सीमांचल एक्सप्रेस की ट्रेन हादसे का शिकार हो जाने को लेकर पूर्णिया जंक्शन पर रेल की सवारी करने आये यात्रियों में खौफ का माहौल दिखा। हादसे को लेकर स्टेशन पर मौजूद यात्री पूरी तरह दहशत में दिखें। भीषण रेल हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए यात्रियों ने कहा कि इस तरह लगातार हो रही घटनाओं से रेल व रेलवे के प्रति लोगों को असुरक्षा की भावना पनप रही है। बार -बार हो रही गलतियों के बाद भी रेलवे संजीदा नहीं हो रहा। जिससे इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। मरने वाले व हताहतों के परिजनों को मुआबजे का लॉलीपाप थमा कर अपनी इतिश्री पूरा करना दुर्भाग्यपूर्ण है।



Conclusion:


हालांकि रेलवे की ओर से मरने वालों को 5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख व कम घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाने की घोषणा की गई है। वहीं घटना स्थल व उसके आसपास वाले स्टेशनों के अलावा पूर्णिया जंक्शन से हेल्पलाइन नंबर जारी कर दी गयी है। बहरहाल ऐसे में सवाल यह है कि अपनी गलतियों से सीखने के बजाए आखिर कब तक रेलवे यूं ही मुआवजो से रेलवे काम चलाता रहेगा।
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