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डॉक्टर ने टूटे हाथ की जगह सही हाथ का कर दिया एक्स-रे, फिर छुट्टी लेकर हो गए फरार - मौत

मामला शहर के भाष्कर नगर मोहल्ले का है. यहां के रहने वाले उमेश ठाकुर की पत्नि शांति देवी का हाथ टूट गया है. कहा जा रहा है कि पिछले रविवार को आंधी तूफान में शांति देवी के ऊपर एक बृक्ष की टहनी टूट कर उसके बायें हाथ पर जा गिरी जिससे उसका बायां हाथ टूट गया.

मरीज
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Published : Jun 5, 2019, 3:31 PM IST

पूर्णिया: जिले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. यहां एक महिला का हाथ टूटने के बाद अभी तक उसका इलाज नहीं हो पाया है. ऐसे में महिला पिछले तीन दिन से सदर अस्पताल में भर्ती है और दर्द से कराह रही है. लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जानकारी के मुताबिक, मामला शहर के भाष्कर नगर मोहल्ले का है. यहां के रहने वाले उमेश ठाकुर की पत्नि शांति देवी का हाथ टूट गया है. कहा जा रहा है कि पिछले रविवार को आंधी तूफान में शांति देवी के ऊपर एक वृक्ष की टहनी टूट कर उसके बायें हाथ पर जा गिरी जिससे उसका हाथ टूट गया. आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते परिजनों ने सदर अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया.

डॉक्टर की लापरवाही

पीड़ित उमेश ठाकुर का कहना है कि डाक्टरों ने भर्ती करने के बाद से अब तक मरीज की सुध नहीं ली है. सोमवार को सदर अस्पताल के कर्मियों ने मरीज का एक्स-रे लिया था. लेकिन टूटे हाथ की जगह दूसरे हाथ का और कमर का एक्स-रे ले लिया गया और रिपोर्ट भी पूरी तरह से ठीक निकाला. ऐसे में डॉक्टरों ने एक्स-रे रिपोर्ट देख कर टूटे हुए हाथ का प्लास्टर नहीं किया.

कहा जा रहा है कि पीड़ित महिला सदर अस्पताल के जनरल वार्ड में टूटा हुआ हाथ लेकर पिछले तीन दिन से कराह रही है. जब डॉक्टर को अपनी गलती का एहसास हुआ तब दूसरे हाथ का एक्स रे लिखा. शिकायत पर इलाज कर रहे डॉक्टर छुट्टी पर चले गए.

पूर्णिया: जिले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. यहां एक महिला का हाथ टूटने के बाद अभी तक उसका इलाज नहीं हो पाया है. ऐसे में महिला पिछले तीन दिन से सदर अस्पताल में भर्ती है और दर्द से कराह रही है. लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जानकारी के मुताबिक, मामला शहर के भाष्कर नगर मोहल्ले का है. यहां के रहने वाले उमेश ठाकुर की पत्नि शांति देवी का हाथ टूट गया है. कहा जा रहा है कि पिछले रविवार को आंधी तूफान में शांति देवी के ऊपर एक वृक्ष की टहनी टूट कर उसके बायें हाथ पर जा गिरी जिससे उसका हाथ टूट गया. आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते परिजनों ने सदर अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया.

डॉक्टर की लापरवाही

पीड़ित उमेश ठाकुर का कहना है कि डाक्टरों ने भर्ती करने के बाद से अब तक मरीज की सुध नहीं ली है. सोमवार को सदर अस्पताल के कर्मियों ने मरीज का एक्स-रे लिया था. लेकिन टूटे हाथ की जगह दूसरे हाथ का और कमर का एक्स-रे ले लिया गया और रिपोर्ट भी पूरी तरह से ठीक निकाला. ऐसे में डॉक्टरों ने एक्स-रे रिपोर्ट देख कर टूटे हुए हाथ का प्लास्टर नहीं किया.

कहा जा रहा है कि पीड़ित महिला सदर अस्पताल के जनरल वार्ड में टूटा हुआ हाथ लेकर पिछले तीन दिन से कराह रही है. जब डॉक्टर को अपनी गलती का एहसास हुआ तब दूसरे हाथ का एक्स रे लिखा. शिकायत पर इलाज कर रहे डॉक्टर छुट्टी पर चले गए.

Intro:पूर्णिया के पॉलीटेक्निक चौक के पास रहने वाली शांति देवी का पिछले दिनों आये आंधी तूफान में बायां हाथ टूट गया था अपने इलाज के लिए वह सदर अस्पताल पूर्णिया पहुंची जहां डॉक्टर टूटे हाथ का एक्स रे छोड़ कमर और पीठ का एक्स रे करवा डाला।


Body:पिछले दिनों पूर्णिया में आये आंधी तूफान में शांति देवी के ऊपर घर के पास एक बृक्ष का टहनी टूट उसके बायें हाथ पर जा गिरा जिससे उनका बायां हाथ टूट गया।पति उमेश ने इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल लाया।उस समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसके बाएं हाथ का एक्स रे कराने के बजाय कमर और पीठ का एक्स रे लिख डाला।मगर हाथ के दर्द से वह कहराते रही जब एक्स रे करवाने पहुंची तो उसने अपने टूटे हाथ का एक्स रे करने को कहा तो एक्स रे वालों ने कहा कि डॉक्टर ने हाथ का एक्स रे नही लिखा है।दोबारा डॉक्टर के पास उमेश ने जब इस बात की जानकारी दी तो डॉक्टर को अपनी गलती का एहसास हुआ और फिर हाथ का एक्स रे लिखा।सबसे बड़ी बात सामने यह आती है कि डॉक्टर बिना बीमारी या बिना मरीज की बात सुन इलाज करना शुरू कर देते हैं अगर हाथ टूटने के बजाय शरीर के अंदर की कोई बात रहती तो ऐसे मामले में मरीज मौत भी हो सकती थी।इसे डॉक्टर की लापरवाही कहना गुनाह नही होगा।

NOTE-- डेस्क के द्वारा इस खबर की मांग की गई थी और इस इलाज कर रहे डॉक्टर छुट्टी पर चले गए जिस वजह से उनका बाइट नही मिल सका। जिसकी जानकारी डेस्क को दे दी गयी है।


Conclusion:इसी तरह के मामले में डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत होती है।
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