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कोरोना मरीज को घर पर दे रहे हैं ऑक्सीजन तो इन बातों पर दें ध्यान, न करें ये गलतियां

कोरोना के बहुत से रोगी घर पर भी इलाज करा रहे हैं. उन्हें घर पर ही ऑक्सीजन दिया जा रहा है. ऐसे में कुछ खास सावधानी बरतनी चाहिए. इसका ख्याल रखना चाहिए कि ऑक्सीजन बर्बाद न हो. मरीजों को घर पर ही ऑक्सीजन देते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इसके बारे में बता रहे हैं डॉ दिवाकर तेजस्वी.

using oxygen cylinder at home
ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल
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Published : Apr 30, 2021, 11:02 PM IST

Updated : Apr 30, 2021, 11:09 PM IST

पटना: बिहार में रोज हजारों की संख्या में नए कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. राजधानी पटना के लगभग सभी अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं. ऑक्सीजन की भी समस्या है. कई लोग घर पर ही आइसोलेट हैं. कई लोग घर पर ही अपना इलाज करा रहे हैं. घर पर इलाज करा रहे कोरोना के मरीजों को कई बार ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. मरीजों को घर पर ही ऑक्सीजन देते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इसके बारे में बता रहे हैं डॉ दिवाकर तेजस्वी.

यह भी पढ़ें- रो रहा बिहार है, जग रहा श्मशान है, बस इंतजार कीजिए...

ऑक्सीजन सैचुरेशन पर निगरानी जरूरी
डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा "होम आइसोलेशन में रहने वालों के लिए सबसे जरूरी है कि वे अपने साथ पल्स ऑक्सीमीटर रखें और नियमित अंतराल पर ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करते रहें. अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 से कम रहता है तो चिकित्सक से संपर्क करें."

using oxygen cylinder at home
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

डॉ दिवाकर ने कहा "यदि और सबकुछ नॉर्मल है और ऑक्सीजन सैचुरेशन सिर्फ थोड़ा कम हुआ है तो ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग घर पर ही कर सकते हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर में ह्यूमेडिफायर होता है. उसमें दो चाबियां होती हैं. एक चाबी से ऑक्सीजन सिलेंडर का मेन टैंक खुलता है और दूसरी चाबी से ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेसर कंट्रोल होता है. जितना तेज रेगुलेटर को खोलेंगे इतना तेज ऑक्सीजन का फ्लो जाएगा. ऑक्सीजन चढ़ाने के लिए नाक में नेजल कैनुला लगाकर या फिर ऑक्सीजन मास्क लगाकर ऑक्सीजन ले सकते हैं. इस दौरान यह देखते रहना है कि पल्स ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन सैचुरेशन 96 से 98 के बीच रहे."

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ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

ऑक्सीजन सिलेंडर न हो तो करें ये उपाए

  • पेट के नीचे तकिया लगाकर पेट के बल सोएं. इससे ऑक्सीजन सैचुरेशन 5 से 7 प्वाइंट तुरंत बढ़ जाती है. क्योंकि इस पोजीशन में फेफड़ा ज्यादा फैलता है.
  • जिस कमरे में कोरोना के मरीज हैं उस कमरे का पूरी तरह से वेंटिलेटेड होना आवश्यक है ताकि मरीज के खांसने या छिंकने से जो वायरस निकल रहे हैं वह वातावरण में जाकर नष्ट हो जाए.
  • पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें.
  • भोजन सादा और ताजा ग्रहण करें.
  • अगर बहुत अधिक खांसी नहीं हो रही है तो हल्के-फुल्के एक्सरसाइज करें.
  • अनुलोम-विलोम, कपालभाति और डीप ब्रीदिंग जैसे योग करें.
  • अगर कुछ पीने का मन करे तो गर्म सूप का सेवन करें.

ये ना करें

  • कोरोना मरीज को बंद कमरे में बिल्कुल न रखें.
  • बंद कमरे में कोरोना वायरस सुपर स्प्रेडर हो जाता है.
  • कमरे में एसी का प्रयोग बिल्कुल न करें.
  • ठंडे पानी का सेवन बिल्कुल ना करें.
  • मशालेदार भोजन न करें.
  • आइसक्रीम और पैक्ड फूड का सेवन न करें.
  • फ्रिज में रखा सामान न खाएं.

"जिन कोरोना मरीजों को घर पर ऑक्सीजन लगा है वे डॉक्टरों के संपर्क में बने रहें. ऑक्सीजन सैचुरेशन फिर भी नहीं सुधर रहा है और कम होना शुरू हो जा रहा है तो अस्पताल जाएं. ऐसी स्थिति में चिकित्सीय देखरेख में रहने की विशेष जरूरत होती है. चिकित्सक हर स्थिति की गंभीरता से मॉनिटरिंग करते हैं."- डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी

यह भी पढ़ें- अस्पताल की चौखट पर तड़प रहा मरीज, लाइन में लगे पिता की बेवसी, कोरोना रिपोर्ट मिलने पर ही होगा इलाज

पटना: बिहार में रोज हजारों की संख्या में नए कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. राजधानी पटना के लगभग सभी अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं. ऑक्सीजन की भी समस्या है. कई लोग घर पर ही आइसोलेट हैं. कई लोग घर पर ही अपना इलाज करा रहे हैं. घर पर इलाज करा रहे कोरोना के मरीजों को कई बार ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. मरीजों को घर पर ही ऑक्सीजन देते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इसके बारे में बता रहे हैं डॉ दिवाकर तेजस्वी.

यह भी पढ़ें- रो रहा बिहार है, जग रहा श्मशान है, बस इंतजार कीजिए...

ऑक्सीजन सैचुरेशन पर निगरानी जरूरी
डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा "होम आइसोलेशन में रहने वालों के लिए सबसे जरूरी है कि वे अपने साथ पल्स ऑक्सीमीटर रखें और नियमित अंतराल पर ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करते रहें. अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 से कम रहता है तो चिकित्सक से संपर्क करें."

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ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

डॉ दिवाकर ने कहा "यदि और सबकुछ नॉर्मल है और ऑक्सीजन सैचुरेशन सिर्फ थोड़ा कम हुआ है तो ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग घर पर ही कर सकते हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर में ह्यूमेडिफायर होता है. उसमें दो चाबियां होती हैं. एक चाबी से ऑक्सीजन सिलेंडर का मेन टैंक खुलता है और दूसरी चाबी से ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेसर कंट्रोल होता है. जितना तेज रेगुलेटर को खोलेंगे इतना तेज ऑक्सीजन का फ्लो जाएगा. ऑक्सीजन चढ़ाने के लिए नाक में नेजल कैनुला लगाकर या फिर ऑक्सीजन मास्क लगाकर ऑक्सीजन ले सकते हैं. इस दौरान यह देखते रहना है कि पल्स ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन सैचुरेशन 96 से 98 के बीच रहे."

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ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

ऑक्सीजन सिलेंडर न हो तो करें ये उपाए

  • पेट के नीचे तकिया लगाकर पेट के बल सोएं. इससे ऑक्सीजन सैचुरेशन 5 से 7 प्वाइंट तुरंत बढ़ जाती है. क्योंकि इस पोजीशन में फेफड़ा ज्यादा फैलता है.
  • जिस कमरे में कोरोना के मरीज हैं उस कमरे का पूरी तरह से वेंटिलेटेड होना आवश्यक है ताकि मरीज के खांसने या छिंकने से जो वायरस निकल रहे हैं वह वातावरण में जाकर नष्ट हो जाए.
  • पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें.
  • भोजन सादा और ताजा ग्रहण करें.
  • अगर बहुत अधिक खांसी नहीं हो रही है तो हल्के-फुल्के एक्सरसाइज करें.
  • अनुलोम-विलोम, कपालभाति और डीप ब्रीदिंग जैसे योग करें.
  • अगर कुछ पीने का मन करे तो गर्म सूप का सेवन करें.

ये ना करें

  • कोरोना मरीज को बंद कमरे में बिल्कुल न रखें.
  • बंद कमरे में कोरोना वायरस सुपर स्प्रेडर हो जाता है.
  • कमरे में एसी का प्रयोग बिल्कुल न करें.
  • ठंडे पानी का सेवन बिल्कुल ना करें.
  • मशालेदार भोजन न करें.
  • आइसक्रीम और पैक्ड फूड का सेवन न करें.
  • फ्रिज में रखा सामान न खाएं.

"जिन कोरोना मरीजों को घर पर ऑक्सीजन लगा है वे डॉक्टरों के संपर्क में बने रहें. ऑक्सीजन सैचुरेशन फिर भी नहीं सुधर रहा है और कम होना शुरू हो जा रहा है तो अस्पताल जाएं. ऐसी स्थिति में चिकित्सीय देखरेख में रहने की विशेष जरूरत होती है. चिकित्सक हर स्थिति की गंभीरता से मॉनिटरिंग करते हैं."- डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी

यह भी पढ़ें- अस्पताल की चौखट पर तड़प रहा मरीज, लाइन में लगे पिता की बेवसी, कोरोना रिपोर्ट मिलने पर ही होगा इलाज

Last Updated : Apr 30, 2021, 11:09 PM IST
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