पटना: राजधानी पटना के मसौढ़ी में किसान नीलगाय से हताश (Farmer frustrated with Nilgai in Patna) हैं. मसौढ़ी से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित भगवानगंज गांव में इन दिनों किसान खेतों में फसल को नीलगाय के आतंक से बचाने के लिए कई तरह के प्रयास करने में जुटे हैं. किसानों ने नीलगाय से निपटने के लिए वन विभाग के पास सूचना दी है. इसके बावजूद इनलोगों ने सीएम नीतीश कुमार के समक्ष भी पत्र भेजकर इस बात से अवगत कराने की कोशिश की है. उनका कहना है कि खेतों में लगाए हुए गेहूं, चना के साथ मसूर की फसलों को नीलगाय बर्बाद कर देते हैं.
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नीलगाय से परेशान हुए किसान: पटना के ग्रामीण इलाकों में कई नीलगाय एकसाथ झुंडों में खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद (nilgai destroyed crops in M) कर रहे हैं. किसान लगातार वन विभाग को पत्र लिखकर भी अवगत करा रहे हैं. हालांकि, वन विभाग की उदासीनता के कारण ग्रामीणों को नीलगाय से छुटकारा नहीं मिला है. इस मामले पर वन पदाधिकारी ने बताया कि नीलगाय को भगाने के लिए सभी किसानों को पटाखा छोड़ने के लिए कहा गया है. इसके बाद किसानों का कहना है कि वन विभाग की टीम को गांव में आकर एक बार देखना चाहिए कि नीलगाय के आतंक से हमलोग कितने परेशान हैं.
सीएम को लिखा पत्र: किसानों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में कई मौसमी फसलों को लगातार नीलगाय बर्बाद कर रहे हैं. वन विभाग की इस उदासीनता के कारण हर बार खेती करने वाले किसान परेशान हो जाते हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए सभी किसानों ने मुख्यमंत्री के समक्ष पत्र लिखकर गुहार लगाने की कोशिश की है ताकि इनलोगों को नीलगाय के आतंक से बचाने के लिए वन विभाग की टीम को एक्टिव करें. अन्यथा हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद होते रहेंगे. जिससे हर साल किसानों की मेहनत पर पानी फिरता रहेगा.
"ग्रामीण इलाकों में कई मौसमी फसलों को नीलगाय बर्बाद कर रही है. वन विभाग की उदासीनता के कारण हर बार खेती करने वाले किसान परेशान होते हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए सभी किसानों ने मिलकर मुख्यमंत्री के समक्ष पत्र लिखकर गुहार लगाई है. ताकि नीलगाय के आतंक से बचाने के लिए वो वन विभाग की टीम को एक्टिव करें"-राजेंद्र सिंह
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