पटनाः चुनावी समर में सभी पार्टियां जीत के लिए पूरा जोर लगा रही हैं. सब की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल की जाएं. लेकिन बिहार में विपक्ष कि इस कोशिश को तेज प्रताप यादव से सबसे बड़ा झटका लगा है.
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के लिए तेज प्रताप यादव का पार्टी विरोधी स्टैंड हर दिन एक नई मुसीबत खड़ी कर रहा है. पेश है एक खास रिपोर्ट-
पार्टी के लिए मुसीबत बने तेज प्रताप
लालू यादव के नहीं रहने और तेज प्रताप के अनर्गल बयानबाजी से राबड़ी और तेजस्वी समेत तमाम राजद नेताओं की परेशानी बढ़ती जा रही है. जहानाबाद में तेज प्रताप यादव लगातार निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रप्रकाश के समर्थन में जनसभा कर रहे हैं. उनकी हर सभा में राजद उम्मीदवार सुरेंद्र यादव के खिलाफ नारे लगाए जाते हैं. तेज प्रताप लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे सुरेंद्र यादव को वोट नहीं दें.
चंद्रिका राय के खिलाफ भी उतरे
इधर, सारण में राजद के उम्मीदवार चंद्रिका राय को लेकर तेज प्रताप की नाराजगी जगजाहिर है. तेज प्रताप यादव ने लगातार फेसबुक और ट्विटर के जरिए लोगों से यह अपील की थी कि वे चंद्रिका राय को वोट नहीं दें. तेज प्रताप ने चंद्रिका राय को बहरूपिया करार दिया है. जाहिर सी बात है कि तेज प्रताप के इस स्टैंड से पार्टी के नेता परेशान हैं. सिर्फ पार्टी ही नहीं बल्कि महागठबंधन के तमाम नेताओं के लिए खासी मुश्किल खड़ी हो गई है.
भाई वीरेंद्र ने जताई नाराजगी
हालत ऐसी है कि राजद के कोई प्रवक्ता तेज प्रताप के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि आज भाई वीरेंद्र ने एक तरह से अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि वे किसी तेज प्रताप यादव को नहीं जानते. भाई वीरेंद्र के इस रुख को लेकर बीजेपी ने तेज प्रताप के बजाय भाई वीरेंद्र पर हमला कर दिया. बीजेपी नेता ने कहा कि भाई वीरेंद्र डरपोक हैं. वे तेज प्रताप के सामने बोलने से बचते हैं. एक तरफ जहां राष्ट्रीय जनता दल के नेता परेशान हैं. वहीं, दूसरी तरफ एनडीए नेता इस कोशिश में है कि तेज प्रताप यादव की बगावत को और हवा दी जाए. जिसका सीधा फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा.