पटना: नीतीश से दोस्ती टूटने के बाद पीके के नये सियासी ठिकाने को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि वह अब किस पार्टी का दामन थामेंगे? चुनावी रणनीतिकार और जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को एक तरफ तृणमूल कांग्रेस और आरजेडी नेता तेज प्रताप से पार्टी ज्वाइन करने का निमंत्रण मिल रहा है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी अप्रत्यक्ष रूप से पीके को पार्टी में शामिल होने का आमंत्रण दे रही है. हालांकि, प्रशांत किशोर का इन सब पर स्टैंड साफ है. उन्होंने कहा है कि 11 फरवरी को अपने भविष्य का फैसला करेंगे.
दरअसल, पीके के जेडीयू से निकलने के बाद बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की ओर से उन्हें बुलावा दिया जा चुका है. साथ ही कांग्रेस की ओर से भी प्रशांत किशोर को लेकर सुगबुगाहट देखने को मिल रही है, लेकिन प्रशांत किशोर ने 11 फरवरी को अपने भविष्य का ऐलान करने की बात कही है. बता दें कि, 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा का चुनाव होने वाला है और 11 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे. इसके बाद अब देखना ये भी खास होगा कि अपनी रणनीति से पार्टी को जीत दिलाने वाले पीके किस पार्टी को चुनते हैं. पीके तृणमूल कांग्रेस का दामन थामेंगे या फिर कांग्रेस की राह पर चलना पसंद करेंगे या फिर इससे इतर कोई दूसरे दल में जाना पसंद करते हैं.
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जेडीयू से बाहर pk
बता दें कि सीएए और एनआरसी को लेकर प्रशांत किशोर विरोध की आवाज बुलंद कर रहे थे. कई बार वे पार्टी लाइन से अलग होकर बयान भी दिए. जिसके बाद जेडीयू में खींचतान बन गई. यहां तक कि सीएम नीतीश कुमार ने भी प्रशांत किशोर को लेकर बयान देना शुरू कर दिया. सीएम ने कहा कि था कि जिसे पार्टी में रहना है, उन्हें पार्टी की मर्यादोाओं का ख्याल रखना पड़ेगा. इसके बाद पीके और नीतीश कुमार में ट्विटर जंग छिड़ गया और सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बोलना प्रशांत किशोर को महंगा पड़ गया. पार्टी ने अनुशासनहीनता का मामला बताते हुए पीके को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.