पटना: लोकसभा चुनाव में राजद का सूपड़ा क्या साफ हुआ, अब ना सिर्फ महागठबंधन के कई दल बल्कि राजद के नेता भी पार्टी से दूरी बनाते दिख रहे हैं. जदयू नेता मानते हैं कि तेजस्वी यादव के हाथ में नेतृत्व देने के कारण राजद ने अपनी नैया डुबो ली है. तो वहीं राजद ने अपनी सफाई में कहा है हम सब साथ हैं.
जदयू के नेता और बिहार सरकार में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि लालू यादव ने तेजस्वी यादव पर विश्वास कर अपने ही हाथों पार्टी का पिंडदान कर दिया. जदयू नेता ने कहा कि जब पार्टी में जगदानंद सिंह, रघुवंश सिंह और अब्दुल बारी सिद्धिकी जैसे वरिष्ठ नेताओं की फौज है तो फिर तेजस्वी यादव को कमान सौंपने की बात कैसे किसी को कबूल हो सकती है?
RJD की सफाई
हालांकि पार्टी के नेता सफाई दे रहे हैं, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि ऐसा कुछ भी नहीं है. यह सिर्फ कयास है और महागठबंधन के तमाम लोग एक साथ हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही वह बिहार का अगला चुनाव लड़ेंगे. लेकिन स्थितियां किसी और तरफ इशारा कर रही हैं.
विशेष राज्य पर नीतीश के साथ कुशवाहा
तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में जीतनराम मांझी अब नीतीश कुमार से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं. इधर उपेंद्र कुशवाहा ने भी साफ कर दिया है कि विशेष राज्य के मुद्दे पर वो जदयू के साथ है. कांग्रेस ने तो पहले ही साफ कर दिया कि तेजस्वी यादव का नेतृत्व उन्हें मंजूर नहीं है.
राजद विधायक ने भी किया था विरोध
इसके पहले राजद के ही विधायक महेश्वर यादव ने कहा था कि तेजस्वी यादव जब तक इस्तीफा नहीं देते तब तक वह पार्टी के किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे. यानी लोकसभा चुनाव के बाद लगातार ना सिर्फ महागठबंधन के तमाम दल बल्कि पार्टी के नेता भी राजद से दूरी बना रहे हैं. इसके पीछे वजह सिर्फ एक है, वह हैं तेजस्वी यादव.