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मसौढी: यहां एक चापाकल पर 100 घर निर्भर, नल जल योजना पर लगा ब्रेक - पानी के लिए लोग परेशान

हांसाडीह महादलित टोला जहां सौ घर की बस्ती है. जहां अभी सिर्फ एक चापाकल है वह भी निजी है. जहां रोज सुबह पानी लेने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है. लोगों को पानी भरने के लिए लंबी लाईन लगानी पड़ती है. हर रोज लोग पानी के लिए मारामारी और जद्दोजहद करते नजर आते हैं.

पटना
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Published : Sep 16, 2020, 10:18 PM IST

पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढी के हांसाडीह महादलित टोला में इन दिनों पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पूरे गांव में एक निजी चापाकल है जिससे लोग दैनिक कार्य कर रहे हैं. सात निश्चय योजना के तहत लगे नल जल करीब एक साल से बंद हैं.

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना, सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल पटना के ग्रामीण इलाकों में सफेद हाथी साबित हो रहा है. वहां गांव-गांव में लगे वाटर टंकी शोभा कि वस्तु बन कर रह गई है. यह तस्वीर मसौढी के हांसडीह महादलित बस्ती का है जहां पूरे ताम-झाम के साथ नल जल का उद्घाटन किया गया था, लेकिन उद्घाटन के महज दस दिनों बाद से यह नल पानी देना बंद कर दिया. तब से लेकर आज तक करीब एक वर्ष बित गए नल जल से ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हुआ है. ऐसे में सभी ग्रामीण परेशान हैं.

पटना
दिनों पानी के लिए हाहाकार

एक चापाकल पर सौ घर निर्भर
परेशानी का आलम यह है कि लोग दूसरे टोले से पानी लाने जाते हैं, प्रतिदिन पानी लाने के दौरान कभी कभार पानी लेने नहीं देते है. हांसाडीह महादलित टोला जहां सौ घर का बस्ती है. जहां अभी सिर्फ एक चापाकल है वह भी निजी है जहां रोज सुबह पानी लेने के लिए भीड़ उमड़ पडती है. लोगों को पानी भरने के लिए लंबी लाईन लगानी पड़ती है. हर रोज पानी के लिए मारामारी और जद्दोजहद करते नजर आते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लोग
बहरहाल सात निश्चय योजना के तहत सरकार ने सभी वार्ड सदस्यों को 24 लाख की फंडिंग दी है जिसमें 12 लाख का नल जल मे खर्च करना है और 12 लाख का नली गली बनाना है. जबकि मोटर खराब होने पर गारंटी पीरियड मे कंपनी से बनवाना है, लेकिन हांसाडीह टोले में वार्ड सदस्य की लापरवाही और प्रशासनिक कमी के कारण सैकड़ों लोग इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.

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नल में जल नहीं

पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढी के हांसाडीह महादलित टोला में इन दिनों पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पूरे गांव में एक निजी चापाकल है जिससे लोग दैनिक कार्य कर रहे हैं. सात निश्चय योजना के तहत लगे नल जल करीब एक साल से बंद हैं.

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना, सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल पटना के ग्रामीण इलाकों में सफेद हाथी साबित हो रहा है. वहां गांव-गांव में लगे वाटर टंकी शोभा कि वस्तु बन कर रह गई है. यह तस्वीर मसौढी के हांसडीह महादलित बस्ती का है जहां पूरे ताम-झाम के साथ नल जल का उद्घाटन किया गया था, लेकिन उद्घाटन के महज दस दिनों बाद से यह नल पानी देना बंद कर दिया. तब से लेकर आज तक करीब एक वर्ष बित गए नल जल से ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हुआ है. ऐसे में सभी ग्रामीण परेशान हैं.

पटना
दिनों पानी के लिए हाहाकार

एक चापाकल पर सौ घर निर्भर
परेशानी का आलम यह है कि लोग दूसरे टोले से पानी लाने जाते हैं, प्रतिदिन पानी लाने के दौरान कभी कभार पानी लेने नहीं देते है. हांसाडीह महादलित टोला जहां सौ घर का बस्ती है. जहां अभी सिर्फ एक चापाकल है वह भी निजी है जहां रोज सुबह पानी लेने के लिए भीड़ उमड़ पडती है. लोगों को पानी भरने के लिए लंबी लाईन लगानी पड़ती है. हर रोज पानी के लिए मारामारी और जद्दोजहद करते नजर आते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लोग
बहरहाल सात निश्चय योजना के तहत सरकार ने सभी वार्ड सदस्यों को 24 लाख की फंडिंग दी है जिसमें 12 लाख का नल जल मे खर्च करना है और 12 लाख का नली गली बनाना है. जबकि मोटर खराब होने पर गारंटी पीरियड मे कंपनी से बनवाना है, लेकिन हांसाडीह टोले में वार्ड सदस्य की लापरवाही और प्रशासनिक कमी के कारण सैकड़ों लोग इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.

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नल में जल नहीं
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