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Patna High Court: आर्थिक और शारीरिक रूप से कमजोर लड़कियों के मामले में HC में सुनवाई, सीतामढ़ी से जुड़ा मामला

सीतामढ़ी की दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है, जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है. इस मामले में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट को बताया गया कि इनके इलाज के लिए राशि निर्गत करने की कार्रवाई चल रही है और अगले सप्ताह से इलाज भी शुरू हो जाएगा.

Patna High Court
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Published : Feb 3, 2023, 2:19 AM IST

पटना: सीतामढ़ी जिले के आर्थिक रूप से कमजोर और शारीरिक रूप से अपंग लड़कियों के इलाज किए जाने के मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि एम्स पटना में इनके इलाज के लिए आवश्यक धनराशि निर्गत करने की कार्रवाई हो रही है. एम्स पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि अस्थि रोग से ग्रस्त लड़कियों का इलाज पटना के एम्स अस्पताल में हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- OBC-EBC आयोग बनाएगी नीतीश सरकार, हाईकोर्ट से पुनर्विचार याचिका वापस लिया

अगले सप्ताह से इलाज होगा शुरू: अधिवक्ता ने बताया कि इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक धनराशि निर्गत होने के बाद अगले सप्ताह से इन अस्थि रोग से ग्रस्त लड़कियों का इलाज शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि एक दृष्टिहीन लड़की के इलाज की व्यवस्था एम्स,दिल्ली में करनी होगी. कोर्ट ने उनसे उस लड़की के आंखों के इलाज की व्यवस्था दिल्ली के एम्स में किये जाने का निर्देश दिया.

1 छात्रा का आवासीय विद्यालय में प्रवेश: साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर छात्रा को सीतामढ़ी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिया गया है. उस लड़की के शिक्षा पर आने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्वयं संज्ञान लेते हुए इन दिव्यांग लड़कियों की अपंगता की जांच के लिए एम्स पटना को भेजा था.

16 फरवरी को अगली सुनवाई: गौरतलब है कि सीतामढ़ी के जिला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था. इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है,जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है. इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका इलाज नहीं करवा पा रहे थे. इनके इलाज में खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था. कोर्ट ने इनके इलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा. एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया है. इस मामले पर 16 फरवरी, 2023 को फिर सुनवाई होगी.

पटना: सीतामढ़ी जिले के आर्थिक रूप से कमजोर और शारीरिक रूप से अपंग लड़कियों के इलाज किए जाने के मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि एम्स पटना में इनके इलाज के लिए आवश्यक धनराशि निर्गत करने की कार्रवाई हो रही है. एम्स पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि अस्थि रोग से ग्रस्त लड़कियों का इलाज पटना के एम्स अस्पताल में हो जाएगा.

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अगले सप्ताह से इलाज होगा शुरू: अधिवक्ता ने बताया कि इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक धनराशि निर्गत होने के बाद अगले सप्ताह से इन अस्थि रोग से ग्रस्त लड़कियों का इलाज शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि एक दृष्टिहीन लड़की के इलाज की व्यवस्था एम्स,दिल्ली में करनी होगी. कोर्ट ने उनसे उस लड़की के आंखों के इलाज की व्यवस्था दिल्ली के एम्स में किये जाने का निर्देश दिया.

1 छात्रा का आवासीय विद्यालय में प्रवेश: साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर छात्रा को सीतामढ़ी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिया गया है. उस लड़की के शिक्षा पर आने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्वयं संज्ञान लेते हुए इन दिव्यांग लड़कियों की अपंगता की जांच के लिए एम्स पटना को भेजा था.

16 फरवरी को अगली सुनवाई: गौरतलब है कि सीतामढ़ी के जिला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था. इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है,जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है. इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका इलाज नहीं करवा पा रहे थे. इनके इलाज में खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था. कोर्ट ने इनके इलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा. एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया है. इस मामले पर 16 फरवरी, 2023 को फिर सुनवाई होगी.

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