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मदद की उम्मीद में 30 km पैदल चल पहुंचे ई-दिशा केंद्र, नाम और फोन नंबर नोट कर भेजा वापस - bihar news

निराश मजदूरों ने अधिकारियों से गुहार भी लगाई कि अब उनके लिए शहर में ही कहीं रहने की व्यवस्था कर दी जाए, नहीं तो उन्हें फिर सामान उठा कर 30 किमी वापस जाना होगा, लेकिन उनकी गुहार नहीं सुनी गई.

मजदूर
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Published : May 5, 2020, 7:04 PM IST

सिरसा/पटना : लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों के फंसे लोगों उनके घर भेजने के निर्देश जारी किए हैं. इसी प्रक्रिया के तहत सिरसा ई-दिशा कार्यालय में यूपी और बिहार के मजदूरों को जानकारी देने के लिए बुलाया गया. अब इन मजदूरों का आरोप है कि कार्यालय में इनसे नाम और फोन नंबर पूछकर वापस भेज दिया. यही करना था तो 30 किमी दूर क्यों बुलाया.

सिरसा के एक गांव में फंसे उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूरों ने मदद के लिए ई-दिशा केंद्र पर फोन किया. जिसके बाद इन मजदूरों को ई-दिशा केंद्र में बुलाया गया. ये मजदूर गांव से 30 किलोमीटर पैदल ई-दिशा केंद्र पहुंचे, जहां इनका नाम और फोन नंबर नोट किया गया और घर वापस भेज दिया. इस पर मजदूर नाराज हो गए, उनका कहना था कि अगर यही जानकारी चाहिए थी, तो फोन पर ही ले लेना चाहिए थी.

देखें पूरी रिपोर्ट

रात से ही सड़क पर भूखे खड़े हैं- मजदूर
मजदूरों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों से उन्होंने 3-4 दिन कार्यालय के आसपास ही रुकने की व्यवस्था करवाने की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि वह सोमवार रात से यही सड़क के बाहर भूखे प्यासे रुके हैं. अब उन्हें वापस 30 किलोमीटर सामान उठाकर वापस पैदल जाना पड़ेगा.

कहीं से भी ऑनलाइन जानकारी दी जा सकती है
बता दें कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से एक पहल करते हुए एक टोल फ्री नम्बर नम्बर 1950 और हॉरट्रोन के कॉल सेंटर नम्बर 1100 जारी किया है. इसके अलावा एक वेबसाइट https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService भी जारी की गई है. जिस पर मजदूर नजदीकी साइबर सेंटर से अपनी ऑनलाइन जानकारी दे सकते हैं.

सिरसा/पटना : लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों के फंसे लोगों उनके घर भेजने के निर्देश जारी किए हैं. इसी प्रक्रिया के तहत सिरसा ई-दिशा कार्यालय में यूपी और बिहार के मजदूरों को जानकारी देने के लिए बुलाया गया. अब इन मजदूरों का आरोप है कि कार्यालय में इनसे नाम और फोन नंबर पूछकर वापस भेज दिया. यही करना था तो 30 किमी दूर क्यों बुलाया.

सिरसा के एक गांव में फंसे उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूरों ने मदद के लिए ई-दिशा केंद्र पर फोन किया. जिसके बाद इन मजदूरों को ई-दिशा केंद्र में बुलाया गया. ये मजदूर गांव से 30 किलोमीटर पैदल ई-दिशा केंद्र पहुंचे, जहां इनका नाम और फोन नंबर नोट किया गया और घर वापस भेज दिया. इस पर मजदूर नाराज हो गए, उनका कहना था कि अगर यही जानकारी चाहिए थी, तो फोन पर ही ले लेना चाहिए थी.

देखें पूरी रिपोर्ट

रात से ही सड़क पर भूखे खड़े हैं- मजदूर
मजदूरों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों से उन्होंने 3-4 दिन कार्यालय के आसपास ही रुकने की व्यवस्था करवाने की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि वह सोमवार रात से यही सड़क के बाहर भूखे प्यासे रुके हैं. अब उन्हें वापस 30 किलोमीटर सामान उठाकर वापस पैदल जाना पड़ेगा.

कहीं से भी ऑनलाइन जानकारी दी जा सकती है
बता दें कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से एक पहल करते हुए एक टोल फ्री नम्बर नम्बर 1950 और हॉरट्रोन के कॉल सेंटर नम्बर 1100 जारी किया है. इसके अलावा एक वेबसाइट https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService भी जारी की गई है. जिस पर मजदूर नजदीकी साइबर सेंटर से अपनी ऑनलाइन जानकारी दे सकते हैं.

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