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लालू को जेल से बाहर आने में फिर से एक नया पेंच, पढ़ें पूरी रिपोर्ट - ranchi news

चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. इसके बावजूद जेल से उनकी रिहाई नहीं हो पा रही है. क्योंकि कोर्ट ने उन्हें बेल बांड भरने के आदेश दिए हैं, कोरोना की वजह से निचली अदालत में फिलहाल काम बंद है.

lalau yadav
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Published : Apr 27, 2021, 5:38 PM IST

रांचीः बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से बेल मिल चुकी है. इसके बाद भी उनकी रिहाई में काफी कठिनाई आ रही है. फिलहाल उन्हें 1 सप्ताह और इंतजार करना होगा. इसकी वजह है कि निचली अदालत में काम नहीं हो रहा है और इसकी वजह से लालू बेल बांड नहीं भर पा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः-लालू यादव को अभी और 7 दिन रहना होगा जेल में, जानें वजह

2 मई तक अधिवक्ता काम रखेंगे बंद
झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने आपात बैठक कर कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एक अहम निर्णय लिया है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने पूर्व में 1 सप्ताह के लिए अपने अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिक को किसी भी प्रकार की अदालती कार्यवाही से अलग रहने का निर्देश दिया था. 25 अप्रैल रविवार को झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने फिर एक बैठक की और 2 मई तक अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिक को अदालती कार्य से अलग रहने का निर्देश दिया है.

देखें वीडियो....

इस निर्णय से लालू की जेल से रिहाई फिलहाल संभव नहीं
स्टेट बार काउंसिल के इस निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि अधिवक्ता या अधिवक्ता लिपिक इस निर्देश के खिलाफ अगर अदालती कार्य में भाग लेते हैं, तो उनके खिलाफ नियम पूर्वक कार्रवाई की जाएगी. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के इस निर्णय से अब लालू प्रसाद की जेल से रिहाई संभव नहीं दिख रही है. उन्हें 2 मई तक इंतजार करना होगा.

रांचीः बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से बेल मिल चुकी है. इसके बाद भी उनकी रिहाई में काफी कठिनाई आ रही है. फिलहाल उन्हें 1 सप्ताह और इंतजार करना होगा. इसकी वजह है कि निचली अदालत में काम नहीं हो रहा है और इसकी वजह से लालू बेल बांड नहीं भर पा रहे हैं.

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2 मई तक अधिवक्ता काम रखेंगे बंद
झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने आपात बैठक कर कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एक अहम निर्णय लिया है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने पूर्व में 1 सप्ताह के लिए अपने अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिक को किसी भी प्रकार की अदालती कार्यवाही से अलग रहने का निर्देश दिया था. 25 अप्रैल रविवार को झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने फिर एक बैठक की और 2 मई तक अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिक को अदालती कार्य से अलग रहने का निर्देश दिया है.

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इस निर्णय से लालू की जेल से रिहाई फिलहाल संभव नहीं
स्टेट बार काउंसिल के इस निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि अधिवक्ता या अधिवक्ता लिपिक इस निर्देश के खिलाफ अगर अदालती कार्य में भाग लेते हैं, तो उनके खिलाफ नियम पूर्वक कार्रवाई की जाएगी. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के इस निर्णय से अब लालू प्रसाद की जेल से रिहाई संभव नहीं दिख रही है. उन्हें 2 मई तक इंतजार करना होगा.

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