पटना: 'पग-पग पोखर माछ, मखान' ये लाइन बिहार के मखाना उत्पादन और मछली पालन को प्रबल करती है. वहीं, होते रहे माछ-भात पार्टी के आयोजनों से साफ होता है कि बिहार के लोग मछली के कितने शौकीन हैं. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान बिहार सरकार ने मछली आपूर्ति के लिए इसे घर-घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की की है. प्रदेश में अब जिंदा मछलियों की होम डिलीवरी की जाएगी.
सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार के मत्स्य निदेशालय ने मोबाइल ऐप लांच किया है. इसके साथ ही एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है. इन दोनों की सहायता से लोग घर बैठे मछली मंगा सकते हैं. लोग ठीक उसी प्रकार मछली का ऑर्डर कर सकते हैं, जैसे वो खाने पीने या अन्य सामान का ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं.
ऐसे होगी होम डिलीवरी
ऑनलाइन आर्डर करते ही ताजी मछलियां आपके घर पहुंच जाएंगे. ऑनलाइन मछली मंगाने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा. DOF AHD BIHAR नाम के इस मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के बाद आप मछली विक्रेताओं को सीधे ऑर्डर दे सकते हैं. वहीं, मत्स्य निदेशालय के टोल फ्री नंबर 8823443863 पर संपर्क कर मछली मंगायी जा सकती है. पटना समेत सभी जिलों में इस ऐप के जरिए मछली की ऑनलाइन सप्लाई की जाएगी.
मछली विक्रेता ने बताई प्रक्रिया
मछली विक्रेता विकास कुमार ने बताया कि बिहार सरकार ने मछली की होम डिलीवरी के लिए जो ऐप दिया है. उस ऐप के माध्यम से लोग ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं. ऑर्डर करते ही विक्रेता के मोबाइल पर मैसेज आता है. उसके बाद विक्रेता लोगों के नंबर पर वीडियो कॉल करके ग्राहक को दिखाते हैं कि कौन सी मछली पसंद है. ग्राहक वीडियो कॉल के माध्यम से मछली का चयन करते हैं. इसके बाद मछली को उन तक पहुंचा दिया जाता है. इन सबके बीच ऐप नजदीकी मछली विक्रेता के पास ग्राहक को ऑर्डर को सेंड करता है.
अभी कम मिल रहा ऑर्डर
वहीं, दुकानदार विकास ने बताया कि अभी इसकी शुरूआत हुई है इसलिए आर्डर भी मिल रहे हैं. लेकिन आशा है कि यह ऐप कारगर सिद्ध होगा और ऑनलाइन ऑर्डर ज्यादा होगा. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मछली बिक्री ऑनलाइन का निर्णय बहुत ही सही है क्योंकि कोरोना संक्रमण जिस तरह से फैल रहा है यह हमें पता नहीं कि हमारे दुकान पर कौन से ग्राहक आ रहा है. इसलिए यदि आप ग्राहक नहीं आ रहे हैं तो अच्छी बात है. इससे सोशल डिस्टेंसिंग भी संयमित रहेगी. सरकार का यह प्रयास बहुत अच्छा है.
मार्केट जाने से तो अच्छा है- ग्राहक
वहीं, ग्राहकों की मानें तो संक्रमण से बचने के लिए सरकार की यह एक अच्छी पहल है और हम अब घर बैठे ही ऑनलाइन मछली मंगा ले रहे हैं. इससे हम संक्रमण से भी बच गए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो जाएगा. बस सरकार को इस ऐप को लेकर थोड़ा जागरूकता फैलाना चाहिए, ताकि लोग जान जाए कि अब घर बैठे ही मछली मांगायी जा सकती है.
बिहार की मछली की डिमांड ज्यादा
बिहार की मछली की खासियत यह है कि यहां का पानी मीठा होने के कारण मछली के स्वाद में भी इसका असर पड़ता है. देशभर में मीठे पानी की मछली की डिमांड ज्यादा है.
बिहार में मछली की खपत
मछली के उत्पादन में बिहार देशभर में चौथे स्थान पर है. यहां की 14 फीसदी आबादी यानी करीब पौने दो करोड़ लोग सीधे तौर से मछली के कारोबार से जुड़े हैं. बिहार में मछली की खपत इतनी ज्यादा है कि हर साल करीब 2 लाख मीट्रिक टन मछली आंध्र प्रदेश से मंगानी पड़ती है.
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के अनुसार बिहार में 93 हजार हेक्टेयर में तालाब हैं. 9 हजार हेक्टेयर में एक्स ब्लू लाइक है, जबकि 26 हजार हेक्टेयर में जलजमाव के कारण मछली उत्पादन होता है. वहीं, नदी की बात करें तो 32 सौ किलोमीटर में मछली मिलती हैं.
'आत्मनिर्भर भारत में मत्स्य पालन का अहम योगदान'
कृषि मंत्री प्रेम कुमार का कहना है कि हम बहुत जल्द ही मछली के उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जाएंगे और बाहर मछली को भी सप्लाई कर सकेंगे. ऑनलाइन बिक्री के पीछे सरकार का मत है कि लोगों तक ताजी मछली पहुंचे और रोजगार भी सृजन हो.
कृषि विभाग के आदेश के बाद बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ लिमिटेड ने होम डिलीवरी के लिए जोर शोर से तैयारी करनी शुरू कर दी है. बता दें कि राजधानी पटना में कुछ युवाओं का ग्रुप फोन कॉल के जरिए मछली की होम डिलीवरी कर रहा है. गौरतलब है कि सरकार ने फल, दूध, अंडे और मछली बिक्री के लिए सशर्त छूट दी हुई है.