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गोपालगंज के RJD उम्मीदवार मोहन गुप्ता के खिलाफ रिट याचिका निष्पादित, चुनाव नतीजों को बनाया आधार - RJD Candidate Mohan Gupta In Patna High Court

गोपालगंज के आरजेडी प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक रिट याचिका (Petition Filed Against Gopalgnaj RJD Candidate ) को चुनाव परिणाम आ जाने के कारण निष्पादित कर दिया. पढ़ें पूरी खबर-

पटना हाईकोर्ट
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Published : Nov 7, 2022, 4:31 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट में बिहार विधानसभा उपचुनाव (Gopalganj Assembly by election 2022) में गोपालगंज से आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता (RJD candidate Mohan Prasad Gupta) के विरुद्ध दायर रिट याचिका का चुनाव परिणाम आ जाने के कारण निष्पादित कर दिया गया. जस्टिस मोहित कुमार शाह ने मामलें को निष्पादित करते हुए कहा कि इस रिट याचिका के सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. बता दें कि गोपालगंज सीट से हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी ने 1794 मतों के अंतर से राजद प्रत्याशी मोहन गुप्ता को हरा दिया है..

ये भी पढ़ें-गोपालगंज में भाजपा की कुसुम देवी ने राजद के मोहन गुप्ता को 1794 वोट से हराया

याचिक को किया गया निष्पादितः पटना हाई कोर्ट ने गोपालगंज से आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता के विरुद्ध दायर रिट याचिका के मामले में चुनाव परिणाम आ जाने के कारण निष्पादित कर दिया. जस्टिस मोहित कुमार शाह ने इस मामलें को निष्पादित करते हुए कहा कि इस रिट याचिका के सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है.

दीपू कुमार सिंह ने दायर की थी याचिकाः स्थानीय वोटर दीपू कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका दायर की गई थी. भारत के निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो रहे थे. सिद्धार्थ प्रसाद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 329 बी का हवाला देते हुए बताया था कि यह रिट याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है.

आरजेडी के उम्मीदवार के नामांकन रद्द करने की थी मांगः याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एस डी संजय का कहना था कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिए विधानसभा के उप चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता उर्फ मोहन प्रसाद के नामांकन की जांच कर रद्द करने के लिए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को आदेश देने का अनुरोध किया है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इनके नामांकन को गलत और अनुचित तरीके से स्वीकार किया गया.

गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोपः तथ्य को छुपा कर गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया था। ये भी आरोप लगाया गया था कि उक्त आरजेडी के उम्मीदवार द्वारा भरे गए फॉर्म सी- 4 में लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत सूचना दिया गया।साथ ही लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत जानकारी दी गई.

ये भी पढ़ें- OBC-EBC आयोग बनाएगी नीतीश सरकार, हाईकोर्ट से पुनर्विचार याचिका वापस लिया

पटना: पटना हाईकोर्ट में बिहार विधानसभा उपचुनाव (Gopalganj Assembly by election 2022) में गोपालगंज से आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता (RJD candidate Mohan Prasad Gupta) के विरुद्ध दायर रिट याचिका का चुनाव परिणाम आ जाने के कारण निष्पादित कर दिया गया. जस्टिस मोहित कुमार शाह ने मामलें को निष्पादित करते हुए कहा कि इस रिट याचिका के सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. बता दें कि गोपालगंज सीट से हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी ने 1794 मतों के अंतर से राजद प्रत्याशी मोहन गुप्ता को हरा दिया है..

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याचिक को किया गया निष्पादितः पटना हाई कोर्ट ने गोपालगंज से आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता के विरुद्ध दायर रिट याचिका के मामले में चुनाव परिणाम आ जाने के कारण निष्पादित कर दिया. जस्टिस मोहित कुमार शाह ने इस मामलें को निष्पादित करते हुए कहा कि इस रिट याचिका के सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है.

दीपू कुमार सिंह ने दायर की थी याचिकाः स्थानीय वोटर दीपू कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका दायर की गई थी. भारत के निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो रहे थे. सिद्धार्थ प्रसाद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 329 बी का हवाला देते हुए बताया था कि यह रिट याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है.

आरजेडी के उम्मीदवार के नामांकन रद्द करने की थी मांगः याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एस डी संजय का कहना था कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिए विधानसभा के उप चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता उर्फ मोहन प्रसाद के नामांकन की जांच कर रद्द करने के लिए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को आदेश देने का अनुरोध किया है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इनके नामांकन को गलत और अनुचित तरीके से स्वीकार किया गया.

गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोपः तथ्य को छुपा कर गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया था। ये भी आरोप लगाया गया था कि उक्त आरजेडी के उम्मीदवार द्वारा भरे गए फॉर्म सी- 4 में लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत सूचना दिया गया।साथ ही लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत जानकारी दी गई.

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