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हार के डर से महागठबंधन ने राज्यसभा उपचुनाव में नहीं दिया उम्मीदवार: बीजेपी - राज्यसभा उपचुनाव बिहार

बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि भले ही महागठबंधन के नेता कुछ भी बयानबाजी करें, लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा के उम्मीदवार के सामने महागठबंधन में कोई भी उम्मीदवार नहीं था. उन्हें फिर से फजीहत झेलने का डर था.

बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर
संजय टाइगर
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Published : Dec 3, 2020, 10:31 PM IST

पटना: बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि हार के डर से महागठबंधन ने राज्यसभा की सीट पर उम्मीदवार खड़ा नहीं किया. भले ही महागठबंधन के नेता कुछ भी बयानबाजी करें, लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा के उम्मीदवार के सामने महागठबंधन में कोई भी उम्मीदवार नहीं था. विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के समय महागठबंधन फजीहत झेल चुकी थी. उन्हें अपने मत का पता चल गया था.

अभी भी अनुभवहीन हैं तेजस्वी
संजय टाइगर ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि तेजस्वी अभी अनुभवहीन हैं. उन्हें राजनीति सीखनी होगी. जिस तरह उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार दिया और फजीहत झेली कहीं ना कहीं उन्हें डर था कि फिर से फजीहत झेलनी होगी.

शुरू से ही तेजस्वी अपनी अपरिपक्वता का उदाहरण देते रहे हैं. भगवान ने उन्हें सद्बुद्धि दी है. राज्यसभा के एक सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में उन्होंने उम्मीदवार नहीं उतारा है. नहीं तो इस बार भी फजीहत झेलनी पड़ती.

"चुनाव में जीत का फैसला बहुमत के आधार पर होता है. बहुमत हमारे पक्ष में है. यह विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में भी साफ हो चुका है. विपक्ष को उम्मीदवार भी नहीं मिल रहा था. वे उम्मीदवार की तलाश कर रहे थे. बलि का बकरा कौन बनना चाहेगा. उम्मीदवार नहीं मिला तो हताश-निराश होकर प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया."- संजय टाइगर, प्रवक्ता बीजेपी

पटना: बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि हार के डर से महागठबंधन ने राज्यसभा की सीट पर उम्मीदवार खड़ा नहीं किया. भले ही महागठबंधन के नेता कुछ भी बयानबाजी करें, लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा के उम्मीदवार के सामने महागठबंधन में कोई भी उम्मीदवार नहीं था. विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के समय महागठबंधन फजीहत झेल चुकी थी. उन्हें अपने मत का पता चल गया था.

अभी भी अनुभवहीन हैं तेजस्वी
संजय टाइगर ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि तेजस्वी अभी अनुभवहीन हैं. उन्हें राजनीति सीखनी होगी. जिस तरह उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार दिया और फजीहत झेली कहीं ना कहीं उन्हें डर था कि फिर से फजीहत झेलनी होगी.

शुरू से ही तेजस्वी अपनी अपरिपक्वता का उदाहरण देते रहे हैं. भगवान ने उन्हें सद्बुद्धि दी है. राज्यसभा के एक सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में उन्होंने उम्मीदवार नहीं उतारा है. नहीं तो इस बार भी फजीहत झेलनी पड़ती.

"चुनाव में जीत का फैसला बहुमत के आधार पर होता है. बहुमत हमारे पक्ष में है. यह विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में भी साफ हो चुका है. विपक्ष को उम्मीदवार भी नहीं मिल रहा था. वे उम्मीदवार की तलाश कर रहे थे. बलि का बकरा कौन बनना चाहेगा. उम्मीदवार नहीं मिला तो हताश-निराश होकर प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया."- संजय टाइगर, प्रवक्ता बीजेपी

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