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विद्युत शव दाहगृहों की दयनीय हालत पर कोर्ट ने जताई चिंता, सरकार से मांगा जवाब - electric crematorium case hearing in court

हाईकोर्ट ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को यह बताने को कहा कि राज्य में कितने विद्युत शवदाह गृह हैं. उनमें कितने चालू हालत में हैं और कितने बंद पड़े हैं.

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पटना हाईकोर्ट
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Published : Nov 29, 2019, 4:22 PM IST

पटनाः राजधानी समेत राज्य के अन्य क्षेत्रों में विद्युत शव दाहगृहों की दयनीय हालत पर शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. सुनवाई को दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई की.

प्रधान सचिव से जवाब तलब
हाईकोर्ट ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को यह बताने को कहा कि राज्य में कितने विद्युत शवदाह गृह हैं. उनमें कितने चालू हालत में हैं और कितने बंद पड़े हैं. इस पर कोर्ट को बताया गया कि भागलपुर, मोकामा और मुंगेर में विद्युत शव दाहगृह के लिए धन 2017 में ही आवंटित कर दिया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ेंः लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, 6 दिसंबर को अगली तारीख

मामले पर अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि पूरे राज्य में आबादी के हिसाब से विद्युत शवदाह गृहों की संख्या नहीं के बराबर है. जो है, वह भी हमेशा चालू हालत में नहीं रहते. परंपरागत तरीके से होने वाला दाह-संस्कार, पर्यावरण पर भी बुरा असर डालता है. इस मामले पर अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद की जाएगी.

पटनाः राजधानी समेत राज्य के अन्य क्षेत्रों में विद्युत शव दाहगृहों की दयनीय हालत पर शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. सुनवाई को दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई की.

प्रधान सचिव से जवाब तलब
हाईकोर्ट ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को यह बताने को कहा कि राज्य में कितने विद्युत शवदाह गृह हैं. उनमें कितने चालू हालत में हैं और कितने बंद पड़े हैं. इस पर कोर्ट को बताया गया कि भागलपुर, मोकामा और मुंगेर में विद्युत शव दाहगृह के लिए धन 2017 में ही आवंटित कर दिया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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मामले पर अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि पूरे राज्य में आबादी के हिसाब से विद्युत शवदाह गृहों की संख्या नहीं के बराबर है. जो है, वह भी हमेशा चालू हालत में नहीं रहते. परंपरागत तरीके से होने वाला दाह-संस्कार, पर्यावरण पर भी बुरा असर डालता है. इस मामले पर अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद की जाएगी.

पटना समेत राज्य के अन्य क्षेत्रों में विद्युत शव दाहगृहों की दयनीय हालत पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाबतलब किया।चीफ़ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई    की ।कोर्ट ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को बताने को कहा कि राज्य में कितने विद्युत शवदाह गृह हैं।उनमें कितने चालू हालत में हैं और कितने बंद पड़े हैं।कोर्ट को बताया गया कि भागलपुर,मोकामा और मुंगेर में विद्युत शव दाहगृह के लिए धन 2017 में ही आवंटित कर दिया गया था,लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं।इस मामलें पर अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद की जाएगी ।
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