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नई सेवा शर्त नियमावली में संशोधन नहीं, बोले मंत्री- शिक्षकों को जो सुविधा मिल रही है वो काफी है

बजट सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि सरकार की कोई मंशा नई सेवा शर्त में संशोधन करने की नहीं है. साथ ही उन्होंने सदन के माध्यम से सूबे के शिक्षकों को दो टूक में साफ कह दिया है कि शिक्षकों को जो सुविधाएं मिल रही है वो काफी है.

पटना
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Published : Mar 5, 2021, 5:50 PM IST

पटना: बिहार विधान परिषद में कई सदस्यों के ध्यानाकर्षण सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बड़ा बयान दिया. मंत्री विजय चौधरी ने सदन के माध्यम से शिक्षकों को दो टूक कहा, 'शिक्षकों को जितना मिल गया वह काफी है. पहले पढ़ाएं, लर्निंग आउटपुट बढ़ाएं, फिर हम सोचेंगे कि उनके लिए और क्या सुविधाएं हो सकती हैं'.

यह भी पढ़ें: मुकेश सहनी के भाई को मंत्री का प्रोटोकॉल देने वाले अधिकारी को सरकार करे बर्खास्त: कांग्रेस

सेवा शर्त नियमावली में संशोधन की मांग की
सीपीआई एमएलसी केदारनाथ पांडे, संजय कुमार सिंह, समेत 10 विधान पार्षदों में शिक्षा मंत्री से नई सेवा शर्त नियमावली में संशोधन की मांग की थी. उनका कहना था कि स्कूलों में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए. शिक्षकों की सेवा निरंतरता को भूतलक्षी प्रभाव से लागू करना चाहिए. उच्च माध्यमिक शिक्षकों को प्रोन्नति के दो अवसर मिलने चाहिए. अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिन करनी चाहिए और पुरुष शिक्षकों को भी अंतर जिला अंतर योजना इकाई ट्रांसफर की सुविधा मिलनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: नीतीश सरकार के मंत्री का 'बेतुका' बयान, कहा- देखते हैं मैदान में किसमें कितना है दम

सरकार का लक्ष्य लर्निंग आउटपुट बढ़ाना
सदस्यों के सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधान परिषद कहा कि सरकार का जोर लर्निंग आउटपुट बढ़ाना है. हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि बच्चे स्कूल में क्या सीख रहे हैं. इस पर फोकस करें. सुविधाएं तब बढ़ेंगी जब आउटपुट बढ़ेगा.

अपने बच्चों की तरह स्कूल में पढ़ाएं शिक्षक
उन्होंने कहा कि नई नियमावली में संशोधन का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल खुलने और बंद होने तक शिक्षकों को स्कूल में रहकर पढ़ाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक अपना शत-प्रतिशत शिक्षण कार्य में लगाएं और स्कूली बच्चों को अपने बच्चों की तरह पढ़ाएं. तभी हम बिहार में शिक्षा का स्तर बेहतर कर पाएंगे. शिक्षा मंत्री ने सदन में यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार की कोई मंशा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली में संशोधन करने की नहीं है.

पटना: बिहार विधान परिषद में कई सदस्यों के ध्यानाकर्षण सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बड़ा बयान दिया. मंत्री विजय चौधरी ने सदन के माध्यम से शिक्षकों को दो टूक कहा, 'शिक्षकों को जितना मिल गया वह काफी है. पहले पढ़ाएं, लर्निंग आउटपुट बढ़ाएं, फिर हम सोचेंगे कि उनके लिए और क्या सुविधाएं हो सकती हैं'.

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सेवा शर्त नियमावली में संशोधन की मांग की
सीपीआई एमएलसी केदारनाथ पांडे, संजय कुमार सिंह, समेत 10 विधान पार्षदों में शिक्षा मंत्री से नई सेवा शर्त नियमावली में संशोधन की मांग की थी. उनका कहना था कि स्कूलों में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए. शिक्षकों की सेवा निरंतरता को भूतलक्षी प्रभाव से लागू करना चाहिए. उच्च माध्यमिक शिक्षकों को प्रोन्नति के दो अवसर मिलने चाहिए. अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिन करनी चाहिए और पुरुष शिक्षकों को भी अंतर जिला अंतर योजना इकाई ट्रांसफर की सुविधा मिलनी चाहिए.

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सरकार का लक्ष्य लर्निंग आउटपुट बढ़ाना
सदस्यों के सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधान परिषद कहा कि सरकार का जोर लर्निंग आउटपुट बढ़ाना है. हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि बच्चे स्कूल में क्या सीख रहे हैं. इस पर फोकस करें. सुविधाएं तब बढ़ेंगी जब आउटपुट बढ़ेगा.

अपने बच्चों की तरह स्कूल में पढ़ाएं शिक्षक
उन्होंने कहा कि नई नियमावली में संशोधन का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल खुलने और बंद होने तक शिक्षकों को स्कूल में रहकर पढ़ाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक अपना शत-प्रतिशत शिक्षण कार्य में लगाएं और स्कूली बच्चों को अपने बच्चों की तरह पढ़ाएं. तभी हम बिहार में शिक्षा का स्तर बेहतर कर पाएंगे. शिक्षा मंत्री ने सदन में यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार की कोई मंशा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली में संशोधन करने की नहीं है.

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