पटना (मसौढ़ी): राजधानी पटना से मात्र 30 किलो मीटर स्थित मसौढ़ी शहर के मणिचक मोहल्ला स्थित ख्याति प्राप्त श्री विष्णु सूर्य मंदिर प्रांगण में वर्ष में दो बार चार दिवसीय लोक आस्था का पर्व छठ पूजा को लेकर अति विशिष्ट महत्व है. यहां कार्तिक और चैती छठ पूजा पर स्थानीय समेत दूरदराज से लाखों श्रद्धालु व्रत करने आते हैं.
कुष्ठ रोग से मुक्ति
जिसमें कई लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर और कई लोग मन्नतें उतारने के लिए मनोकामना का संकल्प लेते हैं. ऐसी मान्यता है कि प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में सच्चे मन से भगवान भास्कर की आराधना करने वाले श्रद्धालुओं को कुष्ठ रोग से मुक्ति और संतान की कामना करने वाले दंपति की मुरादें जरूर पूरी होती है. शादी-विवाह करने वाले को लेकर लोगों का हुजूम रहता है.
सूर्य नारायण की कृपा
लोग बताते हैं कि यहां शादी करने वाले जोड़े पर आराध्य देव सूर्य नारायण की कृपा दृष्टि बनी रहती है. ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 1949 में निवासी रामखेलावन के खेत में जुदागी गोप खेत जोत रहे थे. इसी दौरान भगवान श्री विष्णु की अभंग मूर्ति जमीन के अंदर से निकली थी. जिसमें गांव के लोगों ने पूजा शुरू की थी.
मंदिर निर्माण कार्य शुरू
पहले बने महंत प्रयाग राउत और ग्रामीणों की पहल पर मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ. इस दौरान विश्राम सिंह को पुत्र रत्न प्राप्ति के बाद सूर्य मंदिर कुंड के लिए 5 बीघा जमीन दान दिया. धीरे-धीरे यह पूरे इलाके में सूर्य मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बन गया और पटना में यह सुप्रसिद्ध मनोकामना पूर्ण मंदिर के नाम से जाना जाने लगा है.
लाखों की संख्या में भीड़
प्रत्येक रविवार को यहां आराध्यदेव सूर्य नारायण पर दूध चढ़ाने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है. चार दिवसीय अनुष्ठान छठ पर्व को लेकर लाखों की संख्या में यहां भीड़ उमड़ती है. जहां हर कोई श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण करने के लिए यहां छठ का व्रत करने के लिए आते हैं.