पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने शिक्षकों के सेवा शर्त को मानते हुए कई घोषणाएं कर दी है. इस संबंध में कैबिनेट में भी मुहर लगा दी गई. इसके बाद से बिहार के विपक्षी दलों द्वारा लगातार सरकार के इस फैसले पर शंका जाहिर किया जा रहा है.
इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि यह चुनावी लॉलीपॉप है. उन्होंने कहा कि 90 दिन की हड़ताल और 60 शिक्षकों की मौत के बाद नीतीश सरकार ने सेवा शर्त की जो घोषणा की है. यह सिर्फ चुनावी लॉलीपॉप है.
सरकार ने शिक्षकों का किया अपमान
मदन मोहन झा ने कहा कि नीतीश कुमार की कैबिनेट ने 1 अप्रैल 2021 से तमाम चीजों को लागू करने की घोषणा की है. चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी यह कोई नहीं जानता. हर सरकार किसी भी आंदोलन के परिणाम में पिछली तारीख से घोषणाएं लागू करती है. लेकिन नीतीश कुमार की सरकार ने अग्रिम तारीख से सेवा शर्त लागू कर साफ कर दिया है कि उनकी मंशा ठीक नहीं है. इससे साफ जाहिर होता है कि राज्य की वर्तमान सरकार ने शिक्षकों का अपमान किया है.
शिक्षक वर्ग किसी के बहकावे में आने वाले नहीं
उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासित तमाम राज्यों में हमेशा शिक्षकों की जायज़ मांगों का ख्याल रखा गया है. आगामी महागठबंधन की सरकार जब राज्य में बनेगी तब भी शिक्षकों के सभी जायज मांगों को पूर्ण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षक बुद्धिजीवी वर्ग है और वे किसी के बहकावे में आने वाले नहीं हैं.