पटना: कोरोना के संक्रमण की वजह से लागू देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस महामारी से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को नया मुकाम दिया है. मार्च महीने के शुरुआत में राज्य का स्वास्थ्य महकमा भले ही महामारी को लेकर तैयार नहीं था. लेकिन संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विभाग ने सबक लेते हुए खुद को तैयार कर लिया है. ऐसे में अब राज्य एक साथ 25 हजार मरीजों के इलाज के लिए तैयार है.
3 अस्पताल में 2400 लोगों के इलाज की व्यवस्था
कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद तीन कोरोना अस्पताल में 2400 लोगों के इलाज की व्यवस्था पटना के एनएमसीएच में की गई है. यह काेरोना विशेष अस्पताल है, जिसमें एक बार में 800, भागलपुर के जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1 हजार और एएनएमसीएच गया में 544 लोगों का एक साथ इलाज करने की व्यवस्था है. इसके अलावा सात अन्य मेडिकल कॉलेजों को भी एलर्ट मोड पर रखा गया है. इनमें पीएमसीएच, एसकेएमसीएच, वर्द्धमान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, डीएमसीएच, जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया और आइजीआइएमएस में एक साथ करीब 20 हजार मरीजों का इलाज करने में सक्षम हैं.
कोरोना अस्पताल और क्षमता
- एनएमसीएच, पटना- 800
- वेंटिलेटर- 25
- आइसीयू बेड- 20
एएनएमसीएच, गया - 544 - वेंटिलेटर - 20
- आइसीयू बेड - 60
जेएलएनएमसीएच, भागलपुर - 1000 - वेंटिलेटर - 20
- आइसीयू बेड - 36
क्वारंटाइन सेंटर - कुल - 635
- कमरों की संख्या -13464
- जिला स्तर पर आइसोलेशन वार्ड - 100 से ज्यादा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अपने संसाधन और क्षमता को लगातार बढ़ा रही है. राज्य में एक बार में 500 से अधिक लोगों को वेंटिलेटर पर रखने की सुविधा है. इसमें और विस्तार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभी हम 25 हजार लोगों के एक बार में इलाज को तैयार हैं. लेकिन अगले कुछ समय में हमारी क्षमता और बढ़ जाएगी.