पटना: बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी संघ ने कार्य बहिष्कार कर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. वहीं संघ के अध्यक्ष रणविजय कुमार ने बताया कि एड्स नियंत्रण संघ में कार्यरत मोहम्मद आलम सहित दो अन्य कर्मियों को सरकार की तरफ से जबरन कोरोना जांच में लगाया गया. जिस कारण मोहम्मद फखरे आलम की मृत्यु हो गई.
जबरन कराया कार्य
संघ के अध्यक्ष रणविजय कुमार ने बताया कि संघ ने पहले ही एड्स समिति के अपर परियोजना निदेशक डॉ. अभय प्रसाद, सहायक नीता कुमारी और सहायक निदेशक मिथिलेश पांडे को इस बात की जानकारी दी थी कि मोहम्मद आलम और दो अन्य कर्मी बीमार हैं. उन्हें अस्थमा और शुगर रोग भी है. उनके बदले किसी और कर्मी को कोरोना जांच कार्य में लगाया जाए. लेकिन विभाग ने एक नहीं सुनी और उन लोगों से जबरन कार्य कराया. जिस कारण मोहम्मद आलम की 27 जुलाई को कोरोनावायरस से मौत हो गई.
परिजनों को दी जाए अनुदान राशि
रणविजय कुमार ने बताया कि हम सरकार से मांग करते हैं कि मोहम्मद फखरे आलम को न्याय मिले और एड्स समिति के दोषी अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए. मोहम्मद फखरे आलम के परिजनों को सरकारी नौकरी और 50 लाख बीमा के साथ 4 लाख कोविड-19 अनुदान राशि परिजनों को दी जाए. अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानेगी तो हम आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
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