ETV Bharat / state

नवादा की बेटी अरुणिमा बनी सिविल जज, परिवार में दौड़ी खुशी की लहर

नवादा की रहने वाली अरुणिमा ने सिविल जज बनकर अपने पिता का सपना पूरा कर दिया. पूरे जिले में अरुणिमा के इस उपलब्धी को लेकर उत्साह का (Retired Daroga Daughter Becomes Judge) माहौल है. पहले दो बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और तीसरी बार में वह कर दिखाया, जो कभी बनने का सपना देखा था. पढ़ें पूरी खबर....

रिटायर्ड दरोगा की बेटी बनी सिविल जज
रिटायर्ड दरोगा की बेटी बनी सिविल जज
author img

By

Published : Oct 12, 2022, 5:02 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 6:01 PM IST

नवादा: कोशिश करते रहो, एक दिन मंजिल मिल ही जाएगी. इसी कहवात को नवादा की अरुणिमा ने चिरतार्थ कर दिखाया. दो बार लगातार असफलता मिलने के बाद भी कोशिश जारी रखी और तीसरे बार में वह मुकाम हासिल कर लिया, जिसके लिए कई सालों से मेहनत कर रहीं थी. रिटायर्ड दरोगा की नवादा की बेटी अरुणिमा ने 31वीं न्यायीक सेवा परीक्षा (Judicial Service Exam 2022) पास कर पूरे जिले का नाम (Arunima Of Nawada Becomes Civil Judge) रोशन किया है. पोस्टमार्टम रोड निवासी एससी-एसटी थाना से थानाध्यक्ष के पद से रिटायर्ड दरोगा दिनकर दयाल ने बताया कि अरुणिमा शुरू से ही पढ़ाई में मेधावी थी.

यह भी पढ़ें: बेटियां नहीं हैं बेटों से कम: BJSE में मोतिहारी की स्नेहा बनी चौथी टॉपर

दो बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी: अरुणिमा ने मैट्रिक की परीक्षा राजकीय कन्या इंटर विद्यालय नवादा से पास की. इसके बाद इंटर और स्नातक की पढ़ाई के लिए आरएमडब्ल्यू कॉलेज में प्रवेश लिया. विधि महाविद्यालय नवादा से लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद जज की तैयारी करने के लिए दिल्ली चली गई. इस दौरान दो बार सिविल जज के लिए परीक्षा दी. लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. फिर भी हार नहीं मानी और कोशिश जारी रखा. अरुणिमा को परिवार का भी पूरा सहयोग मिला.

अरुणिमा ने तीसरी बार में सफलता हासिल की: परीक्षा में दो बार असफलता मिलने के बाद भी अरुणिमा ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत से पढ़ाई में लग गई. जिसका परिणाम यह हुआ कि तीसरी बार में परीक्षा पास कर लिया. अरुणिमा के पिता दिनकर दयाल ने कहा कि मेरा सपना था कि बेटी न्यायिक पदाधिकारी बने. आज वह सपना पूरा हो गया है.

उन्होंने बताया कि अरुणिमा की तीन बहने हैं. बड़ी पुत्री चंद्रप्रभा पटना में कार्यक्रम अधिकारी के तौर पर पोस्टेड है. जबकि दूसरी पुत्री शशि प्रभा बैंक में पीओ और तीसरी बहन अभी पढ़ाई कर रही है. दो भाई भी है, जो अभी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं.

"दिल्ली जाकर सिविल जज परीक्षा के लिए कोचिंग की, इसके बाद घर वापस आ गए. घर में सेल्फ स्टडी करती रही, जिसका परिणाम आपके सामने है. मैंने दसवीं, इंटर, बीए और लॉ की डिग्री कोर्स नवादा से ही किया है" - अरुणिमा, उत्तीर्ण परीक्षार्थी

इंटरव्यू में शामिल हुए 688 अभ्यर्थी: 31वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मेंस परीक्षा पास करने के बाद सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 22 अगस्त से 6 सितंबर 2022 तक हुआ. आयोग के सचिव अमरेंद्र कुमार के अनुसार मुख्य परीक्षा में 688 उम्मीदवार सफल हुए थे. जिसमें 278 उम्मीदवार को इंटरव्यू में न्यूनतम योग्यता के लिए 35 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त हुए. जिसके कारण उन्हें मेधा सूची में शामिल नहीं किया गया. सचिव ने बताया कि परिणाम आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है. जहां रौल नंबर और जन्म की तारीख डालकर रिजल्ट डाउनलोड किया जा सकता है

यह भी पढ़ें: BPSC 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी, रांची की भावना नंदा बनी टॉपर

नवादा: कोशिश करते रहो, एक दिन मंजिल मिल ही जाएगी. इसी कहवात को नवादा की अरुणिमा ने चिरतार्थ कर दिखाया. दो बार लगातार असफलता मिलने के बाद भी कोशिश जारी रखी और तीसरे बार में वह मुकाम हासिल कर लिया, जिसके लिए कई सालों से मेहनत कर रहीं थी. रिटायर्ड दरोगा की नवादा की बेटी अरुणिमा ने 31वीं न्यायीक सेवा परीक्षा (Judicial Service Exam 2022) पास कर पूरे जिले का नाम (Arunima Of Nawada Becomes Civil Judge) रोशन किया है. पोस्टमार्टम रोड निवासी एससी-एसटी थाना से थानाध्यक्ष के पद से रिटायर्ड दरोगा दिनकर दयाल ने बताया कि अरुणिमा शुरू से ही पढ़ाई में मेधावी थी.

यह भी पढ़ें: बेटियां नहीं हैं बेटों से कम: BJSE में मोतिहारी की स्नेहा बनी चौथी टॉपर

दो बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी: अरुणिमा ने मैट्रिक की परीक्षा राजकीय कन्या इंटर विद्यालय नवादा से पास की. इसके बाद इंटर और स्नातक की पढ़ाई के लिए आरएमडब्ल्यू कॉलेज में प्रवेश लिया. विधि महाविद्यालय नवादा से लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद जज की तैयारी करने के लिए दिल्ली चली गई. इस दौरान दो बार सिविल जज के लिए परीक्षा दी. लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. फिर भी हार नहीं मानी और कोशिश जारी रखा. अरुणिमा को परिवार का भी पूरा सहयोग मिला.

अरुणिमा ने तीसरी बार में सफलता हासिल की: परीक्षा में दो बार असफलता मिलने के बाद भी अरुणिमा ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत से पढ़ाई में लग गई. जिसका परिणाम यह हुआ कि तीसरी बार में परीक्षा पास कर लिया. अरुणिमा के पिता दिनकर दयाल ने कहा कि मेरा सपना था कि बेटी न्यायिक पदाधिकारी बने. आज वह सपना पूरा हो गया है.

उन्होंने बताया कि अरुणिमा की तीन बहने हैं. बड़ी पुत्री चंद्रप्रभा पटना में कार्यक्रम अधिकारी के तौर पर पोस्टेड है. जबकि दूसरी पुत्री शशि प्रभा बैंक में पीओ और तीसरी बहन अभी पढ़ाई कर रही है. दो भाई भी है, जो अभी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं.

"दिल्ली जाकर सिविल जज परीक्षा के लिए कोचिंग की, इसके बाद घर वापस आ गए. घर में सेल्फ स्टडी करती रही, जिसका परिणाम आपके सामने है. मैंने दसवीं, इंटर, बीए और लॉ की डिग्री कोर्स नवादा से ही किया है" - अरुणिमा, उत्तीर्ण परीक्षार्थी

इंटरव्यू में शामिल हुए 688 अभ्यर्थी: 31वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मेंस परीक्षा पास करने के बाद सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 22 अगस्त से 6 सितंबर 2022 तक हुआ. आयोग के सचिव अमरेंद्र कुमार के अनुसार मुख्य परीक्षा में 688 उम्मीदवार सफल हुए थे. जिसमें 278 उम्मीदवार को इंटरव्यू में न्यूनतम योग्यता के लिए 35 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त हुए. जिसके कारण उन्हें मेधा सूची में शामिल नहीं किया गया. सचिव ने बताया कि परिणाम आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है. जहां रौल नंबर और जन्म की तारीख डालकर रिजल्ट डाउनलोड किया जा सकता है

यह भी पढ़ें: BPSC 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी, रांची की भावना नंदा बनी टॉपर

Last Updated : Oct 12, 2022, 6:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.