नवादा: जिले के हिसुआ नगर पंचायत के वार्ड 17 में वाटर प्यूरिफायर मशीन लगाई गई है. लोगों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था बिहार सरकार की नल-जल योजना के माध्यम से की गई है. वाटर प्यूरिफायर मशीन से वार्ड नं-17 के 400 घरों तक शुद्ध पानी पहुंचने लगा है, इससे लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है.
2017 में ही पारित हुआ था प्रस्ताव
तत्कालीन वार्ड सदस्य पवन कुमार ने नल जल योजना से मशीन के लिए प्रस्ताव पारित किया था. हालांकि विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया पूरे होने में 2 साल का वक्त बीत गया. इसके बाद अब वाटर प्यूरिफायर मशीन लगी है.
लाखों की लागत से लगी मशीन
आमलोगों के लिए बिहार सरकार की ओर से नल जल योजना के माध्यम से हर घर में शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है. हिसुआ का वार्ड 17 पेयजल समस्या से जूझ रहा था. इलाके के लोग फ्लोराइडयुक्त पानी से परेशान थे. तभी करीब 49 लाख 50 हजार की लागत से वॉटर प्यूरिफायर मशीन लगाई गयी है.
बंद बोतल में भी है पानी बेचने का योजना
इस मशीन के पानी की बर्बादी को देखते हुए इसे बोतल में बंद कर बेचने की भी योजना चल रही है. इससे जो लोग शादी विवाह में 20 रुपए की बोतल खरीदते हैं उसे 5-10 रुपए में बंद बोतल में पानी उपलब्ध करवाएंगे, जिससे नगर पंचायत के राजस्व में भी फायदा होगा.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले से काफी ज्यादा फायदा है. पहले पानी की बहुत दिक्कत होती थी. अब घर-घर पानी आ रहा है. स्थानीय रविन्द्र कुमार का कहना है गरीब जनता को काफी फायदा मिल रहा है. मशीन के जरिए सभी को शुद्ध पानी मिल रहा है. पूरे नवादा में इसकी व्यवस्था किसी वार्ड में नहीं हुइ है.
क्या कहती हैं वर्तमान वार्ड सदस्या
वार्ड नं-17 से वर्तमान वार्ड सदस्या माधवी देवी का कहना है कि मेरा उद्देश्य यही था कि यहां के लोगों को शुद्ध पानी मिले. पानी के बगैर काफी दिक्कतें हो रही थी. इसलिए मैंने सोचा कि लोगों के लिए कुछ करुं. इसी सोच के साथ काम किया और वर्तमान में इस मशीन के जरिए 400 घरों में लोगों को फायदा मिल रहा है.
पूर्व वार्ड सदस्य ने पारित कराई योजना
वार्ड नं- 17 के पूर्व वार्ड सदस्य पवन कुमार गुप्ता कहते हैं कि 2017 में मैंने ही इस योजना को पारित करवाया था. पानी के शुद्धता की जांच के लिए आवेदन दिया जिसमें पता चला कि यह फ्लोराइडयुक्त पानी है. इसलिए हमे यह वाटर प्यूरिफायर मशीन मिली है. वार्ड के 99 प्रतिशत लोग इसी पर आश्रित हैं. 3 महीने में वार्ड सदस्या की कोशिशों से पूरा हो सका है.