नालंदा: कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नालंदा जिला में जीविका की दीदीयों ने मास्क निर्माण कार्य शुरू किया है. इस महामारी की चुनौती को स्वीकार करते हुए ये अब तक 2 लाख मास्क का निर्माण कर चुकी है. जिसे लगातार इनकी ओर से क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा रहा है. ताकि लोग इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सके. इसके अलावा जीविका दीदी क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रही महिलाओं के लिए वस्त्र तैयार कर रही हैं.
सरकार के निर्देश के बाद जिले के सभी परिवारों को चार चार-मास्क का वितरण किया जाना है. इसके लिए लाखों की संख्या में मास्क की आवश्यकता है. इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए जीविका परियोजना से जुड़ी दीदियों ने अब तक करीब दो लाख मास्क का निर्माण किया है. जीविका की महिलाओं की ओर से बनाए जा रहे हैं मास्क पर प्रति मास्क उन्हें 5 रुपये मिलता है. बता दें कि जीविका दीदीयों की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड वाशिंग आदि के बारे में लगातार जागरूक करने का भी कार्य किया जा रहा है.
जीविकाओं ने दी जानकारी
इस काम से खुश महिलाओं का कहना है कि वे घर में खाली बैठी रहती थी. लेकिन उन्हें काम का अवसर प्रदान किया. जिसके कारण वे प्रतिदिन शुरुआती दौर में 20 से 25 मास्क बना पाती थी. उन्होंने कहा कि अब साठ से सत्तर मास्क प्रतिदिन बना लेती हैं. अन्य महिलाओं ने बताया कि इस काम से उन्हें रोजगार का अवसर भी मिला है और वे आत्मनिर्भरता भी बन रही है. मालूम हो कि जीविका की दीदी इस काम से काफी खुश नजर आ रही हैं.
इन जगहों में हो रहा मास्क निर्माण
बता दें कि जिले के बेन, परवलपुर, राजगीर, गिरियक, नूरसराय, सरमेरा, हिलसा, बिहार शरीफ, सिलाव, अस्थावां आदि में समूह के माध्यम से लगातार मास्क का निर्माण कराया जा रहा है. इसके अलावा अन्य प्रखंडों में भी करीब 500 जीविका समूह से जुड़े सदस्ययों की ओर से घर पर मास्क का निर्माण हो रहा है. जीविका अंतर्गत छह केंद्रों में कुल 158 सदस्यों के द्वारा थोक में मास्क का निर्माण होता है. वर्तमान में रोजाना करीब 15,000 मास्क का निर्माण जीविका दीदी कर रही हैं. जिसे प्रतिदिन 50,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.