नालंदा: बिहार हमेशा से ही कला और ज्ञान का धनी रहा है. साल 2019 में भी बिहार के लोगों ने ज्ञान और कला के क्षेत्र में कई अद्भुत काम किया है. उन्होंने कई उदाहरण पेश किए. इस साल नालंदा जिले के बुनकर कपिलदेव प्रसाद को उनकी वॉल हैंगिंग के लिए भारत सरकार ने सराहा है. दरअसल, कपिलदेव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. जिससे नालंदा के लोगों में काफी खुशी देखने को मिल रही है.
बता दें कि सम्मानित करने के लिए पूरे देश से 31 लोगों को चुना गया है. जिसमें बिहार से एकलौते कपिलदेव प्रसाद शामिल हैं. भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय ने उनकी कला को पसंद किया. उन्हें जल्द ही सम्मानित किया जाएगा. कपिलदेव प्रसाद नालंदा के बसवन बीघा गांव के रहने वाले हैं.
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राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की थी सराहना
बसवन बीघा गांव अपनी कला के लिए दशकों से प्रसिद्ध रहा है. यहां बनने वाली बाबन बुटी साड़ी, पर्दे, चादर, नैपकिन, मैट देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना परचम लहरा चुके हैं. डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को इस गांव की कला इतनी पसंद आई थी कि उन्होंने भी यहां बने पर्दे राष्ट्रपति भवन में लगवाए थे. उस दौरान ही इस गांव की कला को ख्याति मिली.
3 महीने के प्रयास के बाद तैयार की हैंगिंग
कपिलदेव प्रसाद 15 वर्ष की आयु से ही इस उद्योग से जुड़े हैं. तकरीबन 3 महीने की लगातार कोशिश के बाद उन्होंने बोधि वृक्ष के नीचे बैठे भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा में प्रतिमा बुनी, जिसे लोगों ने काफी सराहा है. कपिलदेव ने एक वॉल हैंगिंग बनाई है जो कि बेहद खूबसूरत है. कपिलदेव के चयन से बुनकर उद्योग से जुड़े लोगों में काफी खुशी देखने को मिल रही है. कपिलदेव के सहयोगियों का कहना है कि इस प्रकार पुरस्कार और सम्मान मिलने से बुनकर क्षेत्र से जुड़े लोगों में उत्साह बढ़ेगा.