नालंदा: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार में 16 जुलाई से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लागू है. लोगों से घरों में रहने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की अपील की जा रही है. लेकिन सरकार के आदेश का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में ही खुलेआम माखौल उड़ाया जा रहा है. न तो नियम कानून का ख्याल रखा गया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. इस कोरोना काल में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर बड़ी संख्या में लोग बार बालाओं के साथ मंच पर ठुमके लगाते दिखे.
दरअसल, नालंदा के भागन बीघा ओपी क्षेत्र अंतर्गत बोकना गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां जमकर ठुमके लगाए गए. इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई. न कोई रोकने वाला था और न ही कोई टोकने वाला. जैसा जी चाहा वैसा आनंद लिया. यहां तक कि मंच पर हथियार भी लहराए गए.
लॉकडाउन की उड़ी धज्जियां
रात भर लोग जमकर ठुमके लगाए. गांव के लोग बता रहे हैं कि इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के बाद उसी लूटे हुए पैसों से किया जाता है. लोगों का दावा है कि ये तमाम लोग अपराधी किस्म के हैं.
पुलिस-प्रशासन पर भी सवाल
बता दें कि इस कार्यक्रम को लेकर कुछ लोगों ने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंची भी और कार्यक्रम पर रोक लगा कर वापस लौट गई. लेकिन पुलिस का खौफ इन लोगों पर नहीं दिखा और न ही पुलिस के आने का असर, क्योंकि पुलिस के जाने के बाद फिर से यह डांस शुरू हो गया और देर तक चला. इस दौरान जमकर तमंचे पर डिस्को चला.