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महात्मा गांधी के नाम पर यहां बनेगा संग्रहालय, चंपारण सत्याग्रह के दौरान ठहरे थे बापू

कागजात के पेंच में मामला फंसा हुआ था. अब वह मामला हल हो गया है. महात्मा गांधी के सहयोगी स्वर्गीय गया प्रसाद के पौत्र इंद्रइंदु शेखर सिंह ने रामना स्थित गया प्रसाद सिंह की जमीन सरकार को रजिस्ट्री कर दी है.

रजिस्ट्री करते इंदुशेखर
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Published : Mar 8, 2019, 8:00 PM IST

मुजफ्फरपुर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रशंसकों के लिए खुशखबरी है. दरअसल अब शहर में जल्द ही बापू का एक संग्रहालय हमारे बीच होगा. सरकार ने उस मकान की रजिस्ट्री करा ली है जिसमें मोतिहारी जाने से पहले राष्ट्रपिता ठहरे हुए थे.

रजिस्ट्री करते इंदुशेखर

सरकार ने किया अधिग्रहण
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के मौके पर राज्य सरकार ने गया प्रसाद सिंह के उस मकान को संग्रहालय और गांधी स्मारक में बदलने का निर्णय लिया था. लेकिन कागजात के पेंच में मामला फंसा हुआ था. अब वह मामला हल हो गया है. महात्मा गांधी के सहयोगी स्वर्गीय गया प्रसाद के पौत्र इंद्रइंदु शेखर सिंह ने रामना स्थित गया प्रसाद सिंह की जमीन सरकार को रजिस्ट्री कर दी है.

जल्द होगा संग्रहालय
इंदुशेखर सिंह ने बताया कि काफी दिनों से विभिन्न कार्यालयों में फाइलें फंसी हुई थीं. जिसके कारण काफी लेट हुआ अब जल्दी ही मुजफ्फरपुर वासियों को यह संग्रहालय देखने को मिलेगा.

मुजफ्फरपुर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रशंसकों के लिए खुशखबरी है. दरअसल अब शहर में जल्द ही बापू का एक संग्रहालय हमारे बीच होगा. सरकार ने उस मकान की रजिस्ट्री करा ली है जिसमें मोतिहारी जाने से पहले राष्ट्रपिता ठहरे हुए थे.

रजिस्ट्री करते इंदुशेखर

सरकार ने किया अधिग्रहण
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के मौके पर राज्य सरकार ने गया प्रसाद सिंह के उस मकान को संग्रहालय और गांधी स्मारक में बदलने का निर्णय लिया था. लेकिन कागजात के पेंच में मामला फंसा हुआ था. अब वह मामला हल हो गया है. महात्मा गांधी के सहयोगी स्वर्गीय गया प्रसाद के पौत्र इंद्रइंदु शेखर सिंह ने रामना स्थित गया प्रसाद सिंह की जमीन सरकार को रजिस्ट्री कर दी है.

जल्द होगा संग्रहालय
इंदुशेखर सिंह ने बताया कि काफी दिनों से विभिन्न कार्यालयों में फाइलें फंसी हुई थीं. जिसके कारण काफी लेट हुआ अब जल्दी ही मुजफ्फरपुर वासियों को यह संग्रहालय देखने को मिलेगा.

Intro:आज मुज़्ज़फरपुर वाशियो के लिए बहुत ही गर्व दिन रहा
चंपारण जाने के क्रम में मोहनदास करमचंद गांधी मुज़्ज़फरपुर के जिस मकान में ठहरे थे उसके अधिग्रहण में कीमत का पेच फसा हुआ था वही चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के मौके पर राज्य सरकार ने गया प्रसाद सिंह के उस मकान को संग्रहालय और गांधी स्मारक में बदलने का निणय लिया था महात्मा गांधी के सहयोगी स्वर्गीय गया प्रसाद के पौत्र इंद्रइंदु शेखर सिंह ने रामना स्थित गया प्रसाद सिंह की जमीन सरकार को रजिस्ट्री कर दिया इंदुशेखर सिंह ने बताया कि काफी दिनों से विभिन्न ने कार्यालय में फाइल फंसा हुआ था। जिसके कारण काफी लेट हुआ अब जल्दी ही मुज़्ज़फरपुर वाशियो को जल्द ही महात्मा गांधी का संग्रहालय देखने को मिलेगा


Body:आज मुज़्ज़फरपुर वाशियो के लिए बहुत ही गर्व दिन रहा
चंपारण जाने के क्रम में मोहनदास करमचंद गांधी मुज़्ज़फरपुर के जिस मकान में ठहरे थे उसके अधिग्रहण में कीमत का पेच फसा हुआ था वही चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के मौके पर राज्य सरकार ने गया प्रसाद सिंह के उस मकान को संग्रहालय और गांधी स्मारक में बदलने का निणय लिया था महात्मा गांधी के सहयोगी स्वर्गीय गया प्रसाद के पौत्र इंद्रइंदु शेखर सिंह ने रामना स्थित गया प्रसाद सिंह की जमीन सरकार को रजिस्ट्री कर दिया इंदुशेखर सिंह ने बताया कि काफी दिनों से विभिन्न ने कार्यालय में फाइल फंसा हुआ था। जिसके कारण काफी लेट हुआ अब जल्दी ही मुज़्ज़फरपुर वाशियो को जल्द ही महात्मा गांधी का संग्रहालय देखने को मिलेगा


Conclusion:आज मुज़्ज़फरपुर वाशियो के लिए बहुत ही गर्व दिन रहा
चंपारण जाने के क्रम में मोहनदास करमचंद गांधी मुज़्ज़फरपुर के जिस मकान में ठहरे थे उसके अधिग्रहण में कीमत का पेच फसा हुआ था वही चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के मौके पर राज्य सरकार ने गया प्रसाद सिंह के उस मकान को संग्रहालय और गांधी स्मारक में बदलने का निणय लिया था महात्मा गांधी के सहयोगी स्वर्गीय गया प्रसाद के पौत्र इंद्रइंदु शेखर सिंह ने रामना स्थित गया प्रसाद सिंह की जमीन सरकार को रजिस्ट्री कर दिया इंदुशेखर सिंह ने बताया कि काफी दिनों से विभिन्न ने कार्यालय में फाइल फंसा हुआ था। जिसके कारण काफी लेट हुआ अब जल्दी ही मुज़्ज़फरपुर वाशियो को जल्द ही महात्मा गांधी का संग्रहालय देखने को मिलेगा
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