मुजफ्फरपुर: बिना वैध कागजात के देश में घुसने की सजा काट रहे अमेरिकी नागरिक डेविड की रिहाई को लेकर पहल शुरू हुई है. जमानतदार नहीं मिलने की वजह से यह रिहाई रुकी हुई थी. साल 2018 में एक पर्यटक के रूप में नेपाल घूमने आए अमेरिकी मूल के निवासी डेविड क्विंग दुहयन ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की एक छोटी सी गलती उनको भारतीय जेल पहुंचा देगी.
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नेपाल की सीमा से निकलकर भारत पहुंचे
दरअसल, नेपाल में घूमने के क्रम में डेविड गलती से नेपाल की सीमा से निकलकर भारत पहुंच गए. जिसकी कीमत डेविड को पिछले तीन साल से बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार में एक कैदी के रूप में बितानी पड़ रही है. जहां जमानतदार नहीं मिलने की वजह से उनकी रिहाई और वतन वापसी संभव नहीं हो पा रही है. लेकिन अब शहर के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता की पहल पर उनकी रिहाई की कोशिश तेज हो गई है.
एसएसबी ने किया था गिरफ्तार
बिना वैध दस्तावेज के भारतीय सीमा में प्रवेश करने के आरोप में 19 मार्च 2018 को डेविड दुहयन को मधुबनी जिला के बासोपट्टी थाना खौना ओपी के निकट एसएसबी ने गिरफ्तार किया था. जहां उनके ऊपर बिना वीजा के भारत में प्रवेश करने का आरोप था. इस संबंध में एसएसबी ने बासोपट्टी थाना में विदेशी अधिनियम के तहत डेविड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस मामले में मधुबनी कोर्ट ने डेविड को 5 साल साधारण कारावास और 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.
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जमानतदार नहीं मिलने से बढ़ी परेशानी
हालांकि, मधुबनी कोर्ट की ओर से उसे जमानत का लाभ भी मिला था, लेकिन भारत में उसका कोई जमानतदार नहीं मिला, जिस कारण वह बाहर नहीं निकल सका. तब से डेविड गुमनाम तरीके से मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार में अपनी सजा काट रहा है. लेकिन अब अमेरिकी नागरिक डेविड क्विंग दुहयन की जेल से रिहाई और उनकी वतन वापसी को लेकर कुछ मानवाधिकार संगठन आगे आए हैं, जो उनकी जेल से रिहाई को लेकर अब जरूरी कानूनी प्रक्रिया को पूरा कर उनकी रिहाई के लिए काम कर रहे हैं.