मुजफ्फरपुर: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में अपनों को खोने वालों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले से मुआवजा पाने की उम्मीद जगी है. बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया कि कोरोना (Corona) से मौत होने पर परिजन मुआवजा के हकदार हैं. सरकार उन्हें मुआवजा दे.
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आर्थिक संकट झेल रहा पीड़ितों का परिवार
कोर्ट के इस फैसले से मुजफ्फरपुर के ऐसे परिवारों की भी उम्मीद जगी है, जिनके सदस्य की मौत कोरोना महामारी के चलते हुई. कई परिवार ऐसे हैं जिनके घर के कमानेवाले सदस्यों की मौत होने के बाद परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. वहीं, कई मासूमों के सिर से माता-पिता का साया छीन गया.
मुजफ्फरपुर में हुई 200 से अधिक मौतें
कोरोना की दूसरी लहर में मुजफ्फरपुर में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है. कोरोना ने किस तरह हंसते खेलते परिवार की खुशियां छीन ली इसका अंदाजा अजय चौधरी और अरुण चौधरी के घर की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है. शादी के कार्ड का कारोबार कर परिवार चलाने वाले दोनों भाई की मौत 20 अप्रैल को हो गई थी.
जगी आर्थिक सहायता की उम्मीद
दोनों के इलाज में परिवार की जमा-पूंजी खत्म हो गई. इसके चलते परिवार आर्थिक संकट में है. अजय चौधरी के निधन के बाद अब उनकी पत्नी सुलेखा देवी दुकान चला रहीं हैं. इन्हें अभी तक सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन्हें मदद की उम्मीद जगी है.
क्या है फैसला?
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि कोरोना से मौत होने पर परिजन मुआवजा के हकदार हैं. सरकार पीड़ितों को मुआवजा दे. कोर्ट ने मुआवजा की राशी तय करने का अधिकार सरकार को दिया है. कोर्ट ने कहा कि मुआवजे की रकम सरकार तय करे. इसके साथ ही कोर्ट ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (National Disaster Management Authority) को मुआवजा देने के लिए गाइडलाइन तय करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसके लिए 6 सप्ताह का समय दिया है.
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