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जाम से जूझ रहा लखीसराय, बाईपास निर्माण के लिए छठी बार डेडलाइन जारी

122,28 करोड़ की लागत से बाईपास सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 मई 2013 को किया था. उस समय उन्होंने कहा था कि अंतिम तिथि 1 मई 2015 है. उस दिन तक उद्घाटन कर दिया जाएगा. लेकिन, उद्घाटन नहीं हो सका.

नहीं हुआ काम पूरा
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Published : Jul 4, 2019, 9:30 PM IST

लखीसराय: लंबे समय से जिले के लोग जाम की समस्या से जूझ रहे हैं. इससे निजात के लिए स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद सहित अन्य बड़े नेताओं को आवेदन दिया. आजादी के बाद से 2 दर्जन से अधिक सांसदों ने बाईपास बनाने के मुद्दे पर वोट तो ले लिया. लेकिन, किसी ने सड़क निर्माण करने की जहमत नहीं उठाई.

अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तब पुनः बिहार सरकार की आंखें खुली हैं. लखीसराय बाईपास सड़क के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश जारी किया गया है. लेकिन, धरातल पर निर्माण कार्य जस का तस पड़ा हुआ है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

क्या है मामला
लखीसराय के लंबित ड्रीम प्रोजेक्ट बाईपास सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने अंतिम डेट दी है. गौरतलब है कि यह छठी बार है जब डेडलाइन दी गई है. सरकार के पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने बाईपास निर्माण कर रही एजेंसी को विधानसभा चुनाव होने के पहले पूरा कर देने का निर्देश दिया है. लगभग 07 किलोमीटर के लंबे बाईपास सड़क का निर्माण कार्य धीमी गति से जारी है. हालांकि योजना के तहत बाईपास रोड में क्यूल-गया और क्यूल-मोकामा रेलखंड में दो जगह पर आरओबी का निर्माण होना है.

25 साल बाद भी बाईपास सड़क एक सपना
122,28 करोड़ की लागत से बाईपास सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 मई 2013 को किया था. उस समय उन्होंने कहा था कि अंतिम तिथि 1 मई 2015 है. उस दिन तक उद्घाटन कर दिया जाएगा. लेकिन, निर्माण कार्य में धीमी रफ्तार, जमीन अधिग्रहण आदि कारणों से उद्घाटन नहीं हो सका.

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नहीं हुआ काम पूरा

विधानसभा चुनाव से पहले होगा कार्य
अब सूबे के मुख्यमंत्री आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. चुनाव से पहले बाईपास सड़क निर्माण को जल्द से जल्द पूरा कराने की कवायद की जा रही है. ताकि, इस दौरान ही इसका उद्घाटन कराया जा सके.

मुख्य सड़क पर जाम, पैदल चलना हुआ दुश्वार
जिले में जाम के कारण लोगों की परेशानी लगातार बढ़ रही है. मुख्य सड़क पर जाम लगने के कारण लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है. लखीसराय की सड़क देवघर, नवादा, गया, शेखपुरा, मुंगेर, भागलपुर, पटना , बरौनी, बेगूसराय जाती है.

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अधूरा कार्य

सीपीआई नेता का बयान
स्थानीय सीपीआई लीडर पंकज वर्मा ने कहा कि आजादी के बाद से लगातार लखीसराय जाम की समस्या से जूझ रहा है. तमाम सांसदों, विधायकों की पहल के बाद भी अभी तक यह चालू नहीं हो पाया है.

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बयान

क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
लखीसराय डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि लखीसराय बाईपास सड़क का निर्माण 31 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है. रेलखंड में दो जगहों पर आरओबी को जोड़ने का कार्य होना बाकी रह गया है. इसके लिए राज्य सरकार रेलवे के दोनों रेल खंडों पर मेगा ब्लॉक लगाने के लिए पत्र लिखा है.

लखीसराय: लंबे समय से जिले के लोग जाम की समस्या से जूझ रहे हैं. इससे निजात के लिए स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद सहित अन्य बड़े नेताओं को आवेदन दिया. आजादी के बाद से 2 दर्जन से अधिक सांसदों ने बाईपास बनाने के मुद्दे पर वोट तो ले लिया. लेकिन, किसी ने सड़क निर्माण करने की जहमत नहीं उठाई.

अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तब पुनः बिहार सरकार की आंखें खुली हैं. लखीसराय बाईपास सड़क के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश जारी किया गया है. लेकिन, धरातल पर निर्माण कार्य जस का तस पड़ा हुआ है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

क्या है मामला
लखीसराय के लंबित ड्रीम प्रोजेक्ट बाईपास सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने अंतिम डेट दी है. गौरतलब है कि यह छठी बार है जब डेडलाइन दी गई है. सरकार के पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने बाईपास निर्माण कर रही एजेंसी को विधानसभा चुनाव होने के पहले पूरा कर देने का निर्देश दिया है. लगभग 07 किलोमीटर के लंबे बाईपास सड़क का निर्माण कार्य धीमी गति से जारी है. हालांकि योजना के तहत बाईपास रोड में क्यूल-गया और क्यूल-मोकामा रेलखंड में दो जगह पर आरओबी का निर्माण होना है.

25 साल बाद भी बाईपास सड़क एक सपना
122,28 करोड़ की लागत से बाईपास सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 मई 2013 को किया था. उस समय उन्होंने कहा था कि अंतिम तिथि 1 मई 2015 है. उस दिन तक उद्घाटन कर दिया जाएगा. लेकिन, निर्माण कार्य में धीमी रफ्तार, जमीन अधिग्रहण आदि कारणों से उद्घाटन नहीं हो सका.

lakhisarai
नहीं हुआ काम पूरा

विधानसभा चुनाव से पहले होगा कार्य
अब सूबे के मुख्यमंत्री आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. चुनाव से पहले बाईपास सड़क निर्माण को जल्द से जल्द पूरा कराने की कवायद की जा रही है. ताकि, इस दौरान ही इसका उद्घाटन कराया जा सके.

मुख्य सड़क पर जाम, पैदल चलना हुआ दुश्वार
जिले में जाम के कारण लोगों की परेशानी लगातार बढ़ रही है. मुख्य सड़क पर जाम लगने के कारण लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है. लखीसराय की सड़क देवघर, नवादा, गया, शेखपुरा, मुंगेर, भागलपुर, पटना , बरौनी, बेगूसराय जाती है.

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अधूरा कार्य

सीपीआई नेता का बयान
स्थानीय सीपीआई लीडर पंकज वर्मा ने कहा कि आजादी के बाद से लगातार लखीसराय जाम की समस्या से जूझ रहा है. तमाम सांसदों, विधायकों की पहल के बाद भी अभी तक यह चालू नहीं हो पाया है.

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बयान

क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
लखीसराय डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि लखीसराय बाईपास सड़क का निर्माण 31 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है. रेलखंड में दो जगहों पर आरओबी को जोड़ने का कार्य होना बाकी रह गया है. इसके लिए राज्य सरकार रेलवे के दोनों रेल खंडों पर मेगा ब्लॉक लगाने के लिए पत्र लिखा है.

Intro:लखीसराय जिले में सदियों से जाम की समस्या से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसके लिए स्थानीय लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधि, विधायक ,सांसद सहित अन्य बड़े नेताओं को आवेदन देकर जाम की समस्या से मुक्त करने के लिए बायपास सड़क निर्माण करने की मांग की।
परंतु आजादी के बाद 2 दर्जन से अधिक सांसदों ने बायपास बनाने के मुद्दे पर वोट तो ले लिया लेकिन किसी ने सड़क निर्माण करने की जहमत नहीं उठाई ।

सूबे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2013 में बायपास सड़क निर्माण करने के लिए आधारशिला रखी। और लगातार 15 साल तक उसी तरह चार अन्य जगहों पर शिलान्यास करते रहे। आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आने वाली है तब पुनः बिहार सरकार की आंखें खुल गई है। लखीसराय में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए बायपास सड़क के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश जारी किया गया है लेकिन धरातल पर निर्माण कार्य जस की तस पड़ा हुआ है।


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बाइपास सड़क एक सपना, चिर लंबित बायपास सड़क निर्माण में
राज्य सरकार ने छठी बार पूरा करने के लिए दिया अंतिम डेडलाइन

anchor- लखीसराय का चिर लंबित ड्रीम प्रोजेक्ट बायपास सड़क का निर्माण का सरकार ने अंतिम डेट लाइन छठी बार तय कर दी है। सरकार की पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने बायपास निर्माण कर रही एजेंसी को विधान सभा चुनाव होने के पहले पूरा कर देने का निर्देश दिया है ।
लगभग 07 किलोमीटर की लंबी बाईपास सड़क निर्माण कार्य धीमी गति से जारी है। हालांकि योजना के तहत बायपास रोड में क्यूल- गया एवं क्यूल- मोकामा रेलखंड में दो जगह पर आरओबी का निर्माण होना है।
इसके लिए रेलवे द्वारा दोनों रेलखंड को मेगा ब्लॉक लगाने के बाद ही आरओबी को आपस में जोड़ा जा सकता है । रेलवे से इसकी अनुमति मिलने का अभी तक इंतजार है । जबकि राज्य सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार नरेंद्र मोदी की संयुक्त सरकार है । उसके बाद भी रेलवे द्वारा आरओबी लगाने में लंबी जद्दोजहद करनी पड़ रही है ।

जिला बने 25 साल पूरा होने पर भी बाईपास सड़क बना एक सपना:

122,28 करोड़ की लागत से बाईपास सड़क का निर्माण का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 मई 2013 को स्थानीय के हाई स्कूल के मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान किया था। उस समय उन्होंने कहा था कि अंतिम तिथि 1 मई 2015 को इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा । लेकिन निर्माण कार्य में धीमी रफ्तार, जमीन अधिग्रहण आदि कारणों से उद्घाटन नहीं हो सका।


रेलवे पर आरओबी नहीं बनने से बायपास निर्माण में परेशानी;

बायपास रोड में संत जोसेफ स्कूल के आगे क्यूल -गया रेलखंड की और ओवर ब्रिज के पास पचना रोड की ओर जाने वाला एप्रोच रोड निर्माण कार्य चल रहा है ।।जबकि रेलवे द्वारा लगाए जा रहे औरंगा को दूर करने की कवायद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। जिससे लखीसराय क्यूल -गया रेलखंड पर आरओबी नहीं जोड़ा जा सका है। वहीं लखीसराय- मोकामा रेल लाइन पर भी आरओबी का निर्माण होना है ।
वह भी नहीं हो पाया है। राज्य सरकार व जिला प्रशासन की इच्छाशक्ति के कारण आजादी के बाद अभी तक लखीसराय में बाईपास सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। जिसके कारण यहां के लोगों को प्रतिदिन जाम की समस्या से जूझना पड़ता है।

आगामी विधानसभा चुनाव के पहले बायपास पूरा करने का लक्ष्य:

अब जबकि सूबे बिहार के मुख्यमंत्री आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। आगामी विधानसभा चुनाव के पहले लखीसराय का चिर लंबित बाईपास सड़क निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराने की कवायद की जा रही है। ताकि इस दौरान ही इसका उद्घाटन कराया जा सके।

लखीसराय मुख्य सड़क पर जाम, पैदल चलना हुआ दुश्वार:

जिले में जाम को लेकर लोगों को लगातार परेशानी बढ़ रही है। मुख्य सड़कों पर जाम लगने के कारण लोगों को पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है। लखीसराय का इकलौता सड़क जो लखीसराय से देवघर, लखीसराय से नवादा, गया, शेखपुरा, मुंगेर, भागलपुर, पटना , बरौनी, बेगूसराय जाने के लिए चारों तरफ से रास्ता है। चारों तरफ के वाहनों को इकलौता सड़क पर चलने से आम लोगों को पैदल चलना मुश्किल हो गया है।

बाईपास सड़क बनने के बाद ही ट्रैफिक व्यवस्था होगी दुरस्त:

हर बार चुनाव के समय में स्थानीय जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद द्वारा बाईपास सड़क बनाने की सपना दिखाया जाता है। और चुनाव खत्म होते ही बायपास सड़क सपना बनकर रह जाती है । जिसका परिणाम यहां के लोगों को सुबह 5:00 बजे से मुख्य मार्ग से लेकर जिले के रेलवे पुल तक वाहनों की कतार लग जाती है । खासकर शादी विवाह अन्य मौसम में ट्रैफिक की स्थिति और भी खराब हो जाती है। आपकी शादी कल और कल की शादी परसों होने की संभावना बढ़ जाती है । शहर के ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए रेलवे पुल, नया बाजार स्थित पचना रोड पर पुलिस तैनात की गई है। उसके बाद भी ट्रैफिक कंट्रोल नहीं हो पाता है। उसका एक ही विकल्प है जब तक लखीसराय बाईपास नहीं बन जाती तब तक यहां के लोगों को जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा।

15 सालों से जिले में बायपास का काम पूरा नहीं हो सका:

V,O 1,, स्थानीय सीपीआई लीडर पंकज वर्मा ने कहा कि आजादी के बाद से लगातार लखीसराय जाम की समस्या से जूझ रहा है तब से अब तक कई सांसद विधायक बाईपास सड़क के लिए वादे करते रहे। इस मुहिम में कांग्रेसी सांसद राजो सिंह दो बार पहल की। वर्तमान सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तीन बार पहल की। परंतु अभी तक चालू नहीं हो पाया है। लखीसराय जिला बने 25 साल पूरा हो गया है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4 बार इस योजना का शिलान्यास कर चुके हैं। मुख्यमंत्री जी 15 सालों से प्रदेश में राज करने के बाद भी लखीसराय में बाइपास सड़क का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। 15 सालों से प्रदेश में राज करने के बाद भी जाम की समस्या खत्म नहीं हो पाई है ।

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क्या कहते हैं जिलाधिकारी:

V,O 2,,, लखीसराय डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि लखीसराय बाईपास सड़क का निर्माण 31 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है। रेलखंड में दो जगहों पर आरओबी को जोड़ने का कार्य होना बाकी रह गया है। इसके लिए राज्य सरकार रेलवे के दोनों रेल खंडों पर मेगा ब्लॉक लगाने के लिए पत्र लिखा है ।जब तक क्यूल गया रेलखंड और क्यूल पटना रेल खंड पर आरओबी नहीं बन जाता तब तक परेशानी जारी रहेगा।
बाईपास सड़क को चालू होने पर शहर को जाम से मुक्ति मिल सकती है।
byte,,,Dm,,,शोभेंद्र कुमार चौधरी


Conclusion:लखीसराय का चीर लंबित बाइपास सड़क निर्माण एक सपना बनकर रह गया है। हर कोई अपने अपने चुनाव में अपने अपने तरीके से वादा कर आम जनता से वोट तो ले लेते हैं लेकिन चुनाव के बाद बायपास के मुद्दे पर कुछ भी बोलने से साफ साफ मना कर देते हैं।, चिर लंबित बायपास सड़क निर्माण में
राज्य सरकार ने छठी बार पूरा करने के लिए अंतिम डेडलाइन दे दिया है।
अब देखना है विधानसभा चुनाव के पहले या बाईपास सड़क पर दोनों रेलखंड पर आरओबी जोड़कर चालू किया जाता है या नहीं, या फिर अगले चुनाव के लिए बायपास फिर मुद्दा बनकर रह जाएगा l
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