ETV Bharat / state

जंगल में तब्दील होता जा रहा है हेल्थ सेंटर, अधिकारियों को नहीं है फिक्र

किशनगंज के टेढ़ागाछ गांव उपस्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति बद से बदत्तर होती जा रही है. पिछले कई महीनों से बंद पड़ ये हेल्थ सेंटर की सुध लेने कोई भी अधिकारी नहीं आया है.

हेल्थ सेन्टर की बदहाल स्थिति
author img

By

Published : Mar 29, 2019, 11:45 PM IST

किशनगंज: जिले के टेढ़ागाछ गांव उपस्वास्थ्य केन्द्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. कई सालों से यह उपचार केन्द्र बंद पड़ा है. इलाज के लिए लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

इलाज के लिए जाना पड़ता है 70 किमी दूर
बता दें कि उप-स्वास्थय केन्द्र चालू नहीं होने की वजह से लोगों को इलाज के लिए 70 किमी तक का सफर करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं को होती है. दरअसल बदहाल स्थिति में यह उपचार केन्द्र कई महीनों से बंद पड़ा है. आपातकाल की बात तो दूर है, यहां समय पर प्राथमिक इलाज की बी सुविदा नहीं है.

हेल्थ सेन्टर की बदहाल स्थिति

विभाग का कोई अधिकारी अबतक बेखबर
इस बाबत ग्रामीण बताते हैं कि उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कई साल पहले हुआ था. उन्होंने बताया कि यहां पर आज तक कोई डॉक्टर या विभागिय अधिकारी सुध लेने नहीं आया है. लोगों को इलाज के लिए परोसी ज़िले अररिया या पूर्णिया जा कर करवाना पड़ता है.

सिविल सर्जन ने कही यह बात
वहीं इन सब बातों पर किशनगंज सदर अस्पताल के सिविल सर्जन परशुराम प्रसाद ने बताया कि जिले में डॉक्टरों की भारी कमी के चलते सरकार ने उप स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. भविष्य में जैसे ही हमें आदेश दिया जाएगा. हम सभी उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी जाएगी.

किशनगंज: जिले के टेढ़ागाछ गांव उपस्वास्थ्य केन्द्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. कई सालों से यह उपचार केन्द्र बंद पड़ा है. इलाज के लिए लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

इलाज के लिए जाना पड़ता है 70 किमी दूर
बता दें कि उप-स्वास्थय केन्द्र चालू नहीं होने की वजह से लोगों को इलाज के लिए 70 किमी तक का सफर करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं को होती है. दरअसल बदहाल स्थिति में यह उपचार केन्द्र कई महीनों से बंद पड़ा है. आपातकाल की बात तो दूर है, यहां समय पर प्राथमिक इलाज की बी सुविदा नहीं है.

हेल्थ सेन्टर की बदहाल स्थिति

विभाग का कोई अधिकारी अबतक बेखबर
इस बाबत ग्रामीण बताते हैं कि उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कई साल पहले हुआ था. उन्होंने बताया कि यहां पर आज तक कोई डॉक्टर या विभागिय अधिकारी सुध लेने नहीं आया है. लोगों को इलाज के लिए परोसी ज़िले अररिया या पूर्णिया जा कर करवाना पड़ता है.

सिविल सर्जन ने कही यह बात
वहीं इन सब बातों पर किशनगंज सदर अस्पताल के सिविल सर्जन परशुराम प्रसाद ने बताया कि जिले में डॉक्टरों की भारी कमी के चलते सरकार ने उप स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. भविष्य में जैसे ही हमें आदेश दिया जाएगा. हम सभी उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी जाएगी.

Intro:किशनगंज- अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा उप स्वास्थ्य केंद्र महीनों से नहीं खुला ताला।उप स्वास्थ्य केंद्र के आस-पास जम गए हैं जंगल।


Body:किशनगंज- अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा उप स्वास्थ्य केंद्र महीनों से नहीं खुला ताला।इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है ग्रामीण।ज़िला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर की दूर है यह उप स्वास्थ्य केंद्र।

किशनगंज-एक और सरकार करोड़ो रुपए पानी की तरह बहा कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराए जाने के लिए कटिबद्ध है, वहीं विभागीय उपेक्षा के चलते जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के झुमकी मुशायरा पंचायत में बना हुआ उप स्वास्थ्य केंद्र शोपीस मात्र बनकर रह गया है परिसर में लगी हुई बड़ी-बड़ी झाड़ झंकार प्रशासन की मंशा को मुंह चिढ़ा रहे हैं। ग्राम पंचायत झुनकी मुशायरा में गर्भवती महिलाओं के प्रसव कड़वाने हेतु कई वर्ष पूर्व उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण लाखों रुपए खर्च करके किया गया था जिससे कि ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके परंतु उप स्वास्थ्य केंद्र के अगल-बगल उपजे जंगल को देख कर ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य केंद्र पिछले कई महीनों से नहीं खुला है।
इस संबंध में ग्रामीण बताते हैं कि उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कई वर्ष पूर्व हुआ था जो शायद कागजों पर ही चल रहा है,ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ पर आज तक कोई भी डॉक्टर या विभाग से हमारी सुध लेने नही आए हैं, उन्हें आज भी अपना इलाज करवाने परोश के ज़िले अररिया या पूर्णिया जाना पड़ता है क्योंकि किशनगंज ज़िला मुख्यालय जाने का रास्ता दुर्लभ है,और काफी दूर भी है,उन्होंने बताया कि प्रसव के दौरान भगवान भरोशे ही रहता है।
बाइट-(सिविल सर्जन) वही इन सब बातों पर किशनगंज सदर अस्पताल के सिविल सर्जन परशुराम प्रसाद ने बताया कि जिले में डॉक्टरों की भारी कमी के चलते सरकार ने उप स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की नियुक्ति पर रोक लगाई हुई है भविष्य में जैसे ही हमें आदेश दिया जाएगा हम सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की और एएनएम की नियुक्ति करेंगे और सुचारू रूप से चालू रखेंगे।


Conclusion:एक तरफ सरकार लाखो-करोड़ो खर्च कर के ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण करवाती है ,और दूसरे तरफ डॉक्टरों की कमी के कारण उन स्वास्थ्य केंद्रों पर कोई डॉक्टर नही रहते जिससे गरीब ग्रामीणों को अपनी जान गवाकर खामियाजा भुगतना पड़ता है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.