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जमुई: विशाल आनंद की पेशी में देरी के विरोध में हड़ताल पर डॉक्टर्स - धारा 302

डॉ. विशाल 15 जनवरी से लगातार जमुई थाने में पुलिस के पास रहे. रिमांड पर लेने के बाद उन्हें चौथे दिन न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया. देरी से नाराज डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा की है.

jamui
जमुई न्यायालय
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Published : Jan 19, 2020, 10:15 AM IST

जमुई: पुलिस ने इलाज के दौरान मरीज की मौत मामले में डॉ. विशाल आनंद सिंह के खिलाफ धारा 302 के तहत केस दर्ज किया था. जिसके बाद पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया था. इसी को लेकर डॉ. विशाल 15 जनवरी से लगातार जमुई थाने में हैं, लेकिन उन्हें रिमांड कर जमुई न्यायालय में न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया, बल्कि चौथे दिन 18 जनवरी को डॉक्टर को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. इसी के विरोध में आज सभी डॉक्टर दिनभर हड़ताल पर रहेंगे.

एफआईआर दर्ज कर भेजा गया कोर्ट

डॉक्टरों का आरोप है कि विशाल आनंद सिंह के मामले में पुलिस ने कानून को ताक पर रखकर काम किया है. मरीज की इलाज के दौरान मौत के मामले में धारा 302 नहीं लगाई जा सकती.

देखें रिपोर्ट

उपद्रवियों के खिलाफ नहीं किया केस दर्ज

इन लोगों ने डॉ. विशाल पर लगी धारा 302 को सुधार कर धारा 304 ए में परिवर्तित करने का आवेदन दिया है. इनका ये भी आरोप है कि क्लिनिक में तोड़फोड़ और डॉक्टर की पिटाई की गई. साथ ही गाड़ी भी जलाने की कोशिश की गई. लेकिन इस घटना को लेकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. जबकि घटना के दिन मौके पर डीएसपी रामपुकार सिंह और आला अधिकारी भी मौजूद थे.

जमुई: पुलिस ने इलाज के दौरान मरीज की मौत मामले में डॉ. विशाल आनंद सिंह के खिलाफ धारा 302 के तहत केस दर्ज किया था. जिसके बाद पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया था. इसी को लेकर डॉ. विशाल 15 जनवरी से लगातार जमुई थाने में हैं, लेकिन उन्हें रिमांड कर जमुई न्यायालय में न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया, बल्कि चौथे दिन 18 जनवरी को डॉक्टर को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. इसी के विरोध में आज सभी डॉक्टर दिनभर हड़ताल पर रहेंगे.

एफआईआर दर्ज कर भेजा गया कोर्ट

डॉक्टरों का आरोप है कि विशाल आनंद सिंह के मामले में पुलिस ने कानून को ताक पर रखकर काम किया है. मरीज की इलाज के दौरान मौत के मामले में धारा 302 नहीं लगाई जा सकती.

देखें रिपोर्ट

उपद्रवियों के खिलाफ नहीं किया केस दर्ज

इन लोगों ने डॉ. विशाल पर लगी धारा 302 को सुधार कर धारा 304 ए में परिवर्तित करने का आवेदन दिया है. इनका ये भी आरोप है कि क्लिनिक में तोड़फोड़ और डॉक्टर की पिटाई की गई. साथ ही गाड़ी भी जलाने की कोशिश की गई. लेकिन इस घटना को लेकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. जबकि घटना के दिन मौके पर डीएसपी रामपुकार सिंह और आला अधिकारी भी मौजूद थे.

Intro:जमुई " पुलिस द्वारा एक डॉक्टर की गिरफ्तारी को लेकर पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे है विरोध में आज दिनभर डॉक्टर हड़ताल पर रहे "


Body:जमुई " कानून ताक पर रखकर जमुई पुलिस ने डॉक्टर मामले में किया काम "

15 जनवरी को गिरफ्तार डॉक्टर को 24 धंटे की समय सीमा के विरुद्ध 18 तारीख को न्यायालय में किया गया प्रस्तुत उपद्रव की आग बुझाने के वावजूद नहीं दर्ज किया उपद्रव का कोई मामला

कानून और न्याय कानून में लिखी बातों और उसके प्रावधानों के तत ही चलता है लेकिन डॉक्टर विशाल आनंद सिंह मामले में जमुई पुलिस ने कानून को ताक पर रखकर इसकी धज्जियां उड़ा दी धारा 302 मरीज की इलाज के दौरान मौत मामले में नहीं लगाई जा सकती बाबजूद इसके पुलिस ने यह धारा लगाकर न्यायालय में डॉक्टर विशाल आनंद सिंह पर केस दर्ज करते हुए एफआईआर कोर्ट को भेज दी डॉक्टर विशाल 15 जनवरी से लगातार जमुई थाने में पुलिस के पास रहे बाबजूद उनहे एफआईआर के साथ रिमांड कर जमुई न्यायालय में न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया बल्कि चौथे दिन 18 जनवरी को डॉक्टर विशाल को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया

जब धारा 302 भा0 द0 को सुधार कर धारा 304 ए में परिवर्तित करने का आवेदन दिया गया तब डॉक्टर विशाल को शाम में कोर्ट में प्रस्तुत किया गया
दुसरी तरफ क्लिनिक में डॉक्टर की पिटाई की गई तोडफ़ोड़ की गई गाड़ी को जलाया गया क्लिनिक को भी जलाने की कोशिश की गई मौके पर पुलिस पहुंची उपद्रव को शांत कराया था लेकिन इस धटना को लेकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया है आज तक पुलिस ने आवेदन देने के बाबजूद जबकि धटना के दिन मौके पर डीएसपी रामपुकार सिंह और आला अधिकारी भी मौजूद थे

राजेश जमुई





Conclusion:जमुई एक निजी क्लिनिक में इलाज के दौरान मरीज की मौत पर पीड़ित परिजन के आवेदन पर पुलिस ने 15 जनवरी को ही डॉक्टर को गिरफ्तार कर थाने में रखा 302 का मामला दर्ज किया जब विरोध में डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया सभी क्लिनिक बंद रहे तब आज 18 तारीख शाम को में न्यायालय में पेश किया दुसरी तरफ उक्त डॉक्टर के क्लिनिक में तोडफ़ोड़ आगजनी डॉक्टर के साथ मारपीट भी हुई थी डॉक्टर के तरफ से दिए गए आवेदन को स्वीकार ही नहीं किया शहर में पुलिसिया कारवाई पर चर्चा होने लगी
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