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गोपालगंज: गंडक नदी का जलस्तर कम लेकिन तेज गति से हो रहा कटाव, इलाके में दहशत - gopalganj latest news

कटावरोधी कार्य पर हर साल करोड़ों खर्च किए जाते हैं. लेकिन, नदी किनारे डाली गई बड़ी संख्या में बोरियां बह जाती हैं. हर साल यह त्रासदी झेलनी पड़ती है. लेकिन सराकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है.

कटाव से दहशत का माहौल
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Published : Aug 2, 2019, 2:19 PM IST

गोपालगंज: गंडक नदी में जलस्तर कम होने से धीरे- धीरे स्थिति सामान्य हो रही थी, लेकिन नदी के जलस्तर में कमी के साथ ही अब कटाव शुरु हो गया है. लगातार बढ़ रहे कटाव को देखते हुए एक बार फिर से बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. कटाव से कारण कई एकड़ जमीन गंडक की गर्भ में समा गई है. जिस कारण किसानों के सामने खाने की संकट खड़ी हो गई है. मामला जिले के बरौली प्रखंड के सलेमपुर घाट का है. जहां लोगों का कहना है कि कटाव काफी तेज गति से हो रही है, जिससे प्रखंड के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

गंडक नदी के कटाव से दहशत में लोग

इलाके में दहशत का माहौल
कटाव से इलाके में दहशत का माहौल है. लोगों का कहना है कि कटावरोधी कार्य पर हर साल करोड़ों खर्च किए जाते हैं. लेकिन, नदी किनारे डाली गई बड़ी संख्या में बोरियां बह जाती हैं. हर साल यह त्रासदी झेलनी पड़ती है. लेकिन, सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है. अधिकारी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. कटाव के कारण नदी के गर्भ में कई एकड़ जमीन समा गई. जिससे किसानों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया है.

रिंग बांध के सौ गज की दूरी पर कटाव
रिंग बांध के सौ गज की दूरी पर कटाव हो रहा है. सरकार अगर समय से चेत जाती और मुकम्मल इंतजाम करती तो लोगों को कटाव के संकट को नहीं झेलना पड़ता. लोगों ने सरकारी इंजीनियर और ठेकेदारों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा की ये लोग बांध को नियंत्रित करने में घोर लापरवाही कर रहे हैं. जिस कारण बचाव कार्य कारगर साबित नहीं हो रहा है.

गंडक नदी से हो रहा कटाव
बांध का कटाव

खतरे की कोई बात नहीं- जेई
वहीं, मामले पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के जेई राजेश कुमार का कहना है कि कटाव पर प्रशासन नजर बनाए हुए है. तटबंध के किनारे जरूरत के अनुसार जिओ बैग लगाकर कटाव निरोधी कार्य किए जा रहे हैं. कटाव वाली जगह पर 24 घंटे सुरक्षाकर्मी की तैनती की गई है. फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है.

गोपालगंज: गंडक नदी में जलस्तर कम होने से धीरे- धीरे स्थिति सामान्य हो रही थी, लेकिन नदी के जलस्तर में कमी के साथ ही अब कटाव शुरु हो गया है. लगातार बढ़ रहे कटाव को देखते हुए एक बार फिर से बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. कटाव से कारण कई एकड़ जमीन गंडक की गर्भ में समा गई है. जिस कारण किसानों के सामने खाने की संकट खड़ी हो गई है. मामला जिले के बरौली प्रखंड के सलेमपुर घाट का है. जहां लोगों का कहना है कि कटाव काफी तेज गति से हो रही है, जिससे प्रखंड के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

गंडक नदी के कटाव से दहशत में लोग

इलाके में दहशत का माहौल
कटाव से इलाके में दहशत का माहौल है. लोगों का कहना है कि कटावरोधी कार्य पर हर साल करोड़ों खर्च किए जाते हैं. लेकिन, नदी किनारे डाली गई बड़ी संख्या में बोरियां बह जाती हैं. हर साल यह त्रासदी झेलनी पड़ती है. लेकिन, सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है. अधिकारी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. कटाव के कारण नदी के गर्भ में कई एकड़ जमीन समा गई. जिससे किसानों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया है.

रिंग बांध के सौ गज की दूरी पर कटाव
रिंग बांध के सौ गज की दूरी पर कटाव हो रहा है. सरकार अगर समय से चेत जाती और मुकम्मल इंतजाम करती तो लोगों को कटाव के संकट को नहीं झेलना पड़ता. लोगों ने सरकारी इंजीनियर और ठेकेदारों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा की ये लोग बांध को नियंत्रित करने में घोर लापरवाही कर रहे हैं. जिस कारण बचाव कार्य कारगर साबित नहीं हो रहा है.

गंडक नदी से हो रहा कटाव
बांध का कटाव

खतरे की कोई बात नहीं- जेई
वहीं, मामले पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के जेई राजेश कुमार का कहना है कि कटाव पर प्रशासन नजर बनाए हुए है. तटबंध के किनारे जरूरत के अनुसार जिओ बैग लगाकर कटाव निरोधी कार्य किए जा रहे हैं. कटाव वाली जगह पर 24 घंटे सुरक्षाकर्मी की तैनती की गई है. फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है.

Intro:गंडक नदी जब चढ़ती है तो बर्बादी लेकर आती है और जब उतरती है तो अपना प्रभाव छोड़ जाती है।नेपाल के पहाड़ी इलाके व नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बारिश कम होने के बाद गंडक नदी के जल स्तर कम होना शुरू हुआ तो जमीन का कटाव हो रहा है।


Body:गंडक के जलस्तर में कमी के कारण बाढ़ का खतरा फिलहाल टल गया है। लेकिन कटाव बढ़ने से इलाके के लोगों में भय का माहौल है। नदी का जलस्तर में लगातार उतार चढ़ाव हो रहे है। वही बाढ़ नियंत्रण विभाग कटाव पर लगातार नजर बनाए हुए है।नदी के कटाव से दीयरा इलाके के लोग भयभीत् है। पिछले कई दिनों से कटाव हो रहे है जिसमे कई एकड़ जमीन गंडक की गर्भ में समाते जा रहे है। वही बाढ़ नियंत्रण विभाग ने भी कटाव रोकने के लिए कटाव निरोधी कार्य कराकर तटबंध के किनारे जिओ बैग लगाकर कटाव निरोधी कार्य कर रही है। बात करें बरौली प्रखंड के सलेमपुर घाट की तो यहां सारण तटबन्ध के रिंग बांध से सौ गज की दूरी पर कटाव हो रहे है। स्थानीय लोगो के माने तो गंडक नदी के गर्भ में कई एकड़ जमीन समा गई है। बावजूद प्रशानिक पहल नगण्य साबित हो रही है। जहां 24 घण्टे बांध व कटाव व वाले स्थान पर होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गई है वही सुरक्षा कर्मी सिर्फ रात में बांध व कटाव वाले जगह पर तैनात रहते है। हलांकि ईटीवी भारत के टीम के पहुचने की भनक लगते ही सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंच कर ड्यूटी में तैनात हो गए। इस संदर्भ में जब बाढ़ नियंत्रण विभाग के जेई से इस सन्दर्भ में वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि कटाव पर लगातार नजर बनाई जा रही है। अभी खतरे की कोई बात नही है जहां कटाव हो रहे है वहा कटाव रोधी कार्य किये जा रहे है।

बाइट- मनोज कुमार सुरक्षाकर्मी
- लड्डू कुमार स्थानीय( लाल टीशर्ट)
राजेश कुमार, जेई


Conclusion:na
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