गोपालगंज: गंडक नदी में जलस्तर कम होने से धीरे- धीरे स्थिति सामान्य हो रही थी, लेकिन नदी के जलस्तर में कमी के साथ ही अब कटाव शुरु हो गया है. लगातार बढ़ रहे कटाव को देखते हुए एक बार फिर से बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. कटाव से कारण कई एकड़ जमीन गंडक की गर्भ में समा गई है. जिस कारण किसानों के सामने खाने की संकट खड़ी हो गई है. मामला जिले के बरौली प्रखंड के सलेमपुर घाट का है. जहां लोगों का कहना है कि कटाव काफी तेज गति से हो रही है, जिससे प्रखंड के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.
इलाके में दहशत का माहौल
कटाव से इलाके में दहशत का माहौल है. लोगों का कहना है कि कटावरोधी कार्य पर हर साल करोड़ों खर्च किए जाते हैं. लेकिन, नदी किनारे डाली गई बड़ी संख्या में बोरियां बह जाती हैं. हर साल यह त्रासदी झेलनी पड़ती है. लेकिन, सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है. अधिकारी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. कटाव के कारण नदी के गर्भ में कई एकड़ जमीन समा गई. जिससे किसानों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया है.
रिंग बांध के सौ गज की दूरी पर कटाव
रिंग बांध के सौ गज की दूरी पर कटाव हो रहा है. सरकार अगर समय से चेत जाती और मुकम्मल इंतजाम करती तो लोगों को कटाव के संकट को नहीं झेलना पड़ता. लोगों ने सरकारी इंजीनियर और ठेकेदारों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा की ये लोग बांध को नियंत्रित करने में घोर लापरवाही कर रहे हैं. जिस कारण बचाव कार्य कारगर साबित नहीं हो रहा है.
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खतरे की कोई बात नहीं- जेई
वहीं, मामले पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के जेई राजेश कुमार का कहना है कि कटाव पर प्रशासन नजर बनाए हुए है. तटबंध के किनारे जरूरत के अनुसार जिओ बैग लगाकर कटाव निरोधी कार्य किए जा रहे हैं. कटाव वाली जगह पर 24 घंटे सुरक्षाकर्मी की तैनती की गई है. फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है.