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नाराज महिला टीचर ने DEO ऑफिस के गेट को दुपट्टे से किया सील, कई महीनों से नहीं मिली है सैलरी - teacher threatens self-esteem with her daughter

29 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के मुख्य गेट को अपने दुपट्टा से बांध दिया और वहीं धरने पर बैठ गईं. जिसके बाद अधिकारी ऑफिस के बाहर पेड़ के नीचे काम कर रहे हैं.

कार्यालय के मुख्य गेट को अपने दुपट्टा से बांध दिया
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Published : Aug 1, 2019, 11:13 PM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में एक ऐसी शिक्षिका है. जिन्हें अपने वेतन के लिए हर बार आंदोलन करनी पड़ती है. इससे पहले वह दो बार आंदोलन और आत्मदाह की धमकी दे चुकीं हैं. जिसके बाद उन्हें सैलरी मिली. शिक्षिका फिर एक बार आंदोलन की राह पर हैं.

दुपट्टा से बांधा अधिकारी के कार्यालय का मुख्य गेट
29 माह से वेतन नहीं आने के कारण शिक्षिका कि आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई है. शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के मुख्य गेट को अपने दुपट्टे से बांध दिया और वहीं धरने पर बैठ गई. जिस कारण डीपीओ स्थापना को कार्यालय के बाहर ही एक पेड़ के नीचे अपना कार्यालय चलाना पड़ रहा है.

पेड़ के नीचे बैठे डीपीओ

बेटी के साथ आत्मदाह की धमकी
विनीता कुमारी जिले के पहाड़पुर के एनपीएस बंजारीपट्टी में शिक्षिका हैं. जिनका वेतन जनवरी 2017 से बकाया है. स्कूल की प्रधानाध्यापिका विनीता कुमारी को मूल उपस्थिति पंजी में हाजिरी भी नहीं बनाने दे रही हैं. इसके पूर्व भी विनीता कुमारी ने वर्ष 2017 में अपने बकाये वेतन भुगतान को लेकर अपनी बेटी के साथ आत्मदाह की धमकी दी थी. तब दिसंबर 2016 तक की उन्हें तीन साल की सैलरी मिली थी.

बिना आंदोलन किए वेतन नहीं मिलता
इसके पूर्व भी दो साल-तीन साल पर विनीता देवी का वेतन आंदोलन की राह पकड़ने के बाद हीं उन्हें मिला है. विनीता का कहना है कि आखिर क्यों उसके साथ हमेशा ऐसा होता है. बिना आंदोलन किए वेतन नहीं मिलता है.

शिक्षिका के आवेदन पर हो रहा विचार
शिक्षिका ने डीपीओ स्थापना को भी उनके कार्यालय में नहीं जाने दिया. जिसकी वजह से कार्यालय के बाहर ही पेड़ के नीचे डीपीओ बैठ गए और बाहर ही अपने काम को निपटाने लगे. जब उनसे शिक्षिका के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि शिक्षिका के आवेदन पर विचार हो रहा है. जल्द हीं उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में एक ऐसी शिक्षिका है. जिन्हें अपने वेतन के लिए हर बार आंदोलन करनी पड़ती है. इससे पहले वह दो बार आंदोलन और आत्मदाह की धमकी दे चुकीं हैं. जिसके बाद उन्हें सैलरी मिली. शिक्षिका फिर एक बार आंदोलन की राह पर हैं.

दुपट्टा से बांधा अधिकारी के कार्यालय का मुख्य गेट
29 माह से वेतन नहीं आने के कारण शिक्षिका कि आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई है. शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के मुख्य गेट को अपने दुपट्टे से बांध दिया और वहीं धरने पर बैठ गई. जिस कारण डीपीओ स्थापना को कार्यालय के बाहर ही एक पेड़ के नीचे अपना कार्यालय चलाना पड़ रहा है.

पेड़ के नीचे बैठे डीपीओ

बेटी के साथ आत्मदाह की धमकी
विनीता कुमारी जिले के पहाड़पुर के एनपीएस बंजारीपट्टी में शिक्षिका हैं. जिनका वेतन जनवरी 2017 से बकाया है. स्कूल की प्रधानाध्यापिका विनीता कुमारी को मूल उपस्थिति पंजी में हाजिरी भी नहीं बनाने दे रही हैं. इसके पूर्व भी विनीता कुमारी ने वर्ष 2017 में अपने बकाये वेतन भुगतान को लेकर अपनी बेटी के साथ आत्मदाह की धमकी दी थी. तब दिसंबर 2016 तक की उन्हें तीन साल की सैलरी मिली थी.

बिना आंदोलन किए वेतन नहीं मिलता
इसके पूर्व भी दो साल-तीन साल पर विनीता देवी का वेतन आंदोलन की राह पकड़ने के बाद हीं उन्हें मिला है. विनीता का कहना है कि आखिर क्यों उसके साथ हमेशा ऐसा होता है. बिना आंदोलन किए वेतन नहीं मिलता है.

शिक्षिका के आवेदन पर हो रहा विचार
शिक्षिका ने डीपीओ स्थापना को भी उनके कार्यालय में नहीं जाने दिया. जिसकी वजह से कार्यालय के बाहर ही पेड़ के नीचे डीपीओ बैठ गए और बाहर ही अपने काम को निपटाने लगे. जब उनसे शिक्षिका के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि शिक्षिका के आवेदन पर विचार हो रहा है. जल्द हीं उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा.

Intro:मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिला में एक ऐसी शिक्षिका है।जिन्हे अपने वेतन के लिए हर बार आंदोलन की राह पकड़नी पड़ती है।पूर्व में दो बार आंदोलन और आत्मदाह की धमकी के बाद वेतन पाने वाली शिक्षिका एक बार फिर आंदोलन की राह पर है।उनतीस माह के बकाये वेतन को लेकर शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के मुख्य गेट को अपने दुपट्टा से बांधकर उसे जाम कर दिया और वहीं धरना पर बैठ गई।जिस कारण डीपीओ स्थापना को कार्यालय के बाहर एक पेड़ के नीचे अपना कार्यालय चलाना पड़ा।


Body:वीओ..1...शिक्षिका विनीता कुमारी जिले के पहाड़पुर स्थित एनपीएस बंजारीपट्टी में पदस्थापित है।जिनका वेतन जनवरी 2017 से बकाया है।इसके अलावा स्कूल की प्रधानाध्यापिका द्वारा विनीता कुमारी को मूल उपस्थिति पंजी में हाजिरी भी नहीं बनाने दिया जाता है।इसके पूर्व भी विनीता कुमारी ने बर्ष 2017 में अपने बकाये वेतन भुगतान को लेकर अपनी बेटी के साथ आत्मदाह की धमकी दी थी।तब दिसंबर 2016 में तीन साल का उनका वेतन भुगतान हुआ था।इसके पूर्व भी दो साल - तीन साल पर अनीता देवी का वेतन आंदोलन की राह पकड़ने के बाद हीं उन्हे मिला है।अनीता शिक्षा विभाग से खुद सवाल करती है।आखिर उन्हे उनके किस गुनाह का सजा दिया जा रहा है कि उन्हे बिना आंदोलन किए वेतन नहीं मिलता है।
बाईट....अनीता देवी....पीड़ित शिक्षिका


Conclusion:वीओ...2..डीईओ कार्यालय का गेट जाम किए जाने के बाद गेट पर बैठी शिक्षिका ने डीपीओ स्थापना को भी उनके कार्यालय में नहीं जाने दिया।लिहाजा,कार्यालय के बाहर ही पेड़ के नीचे डीपीओ बैठ गए और बाहरी कार्य को निपटाने लगे।जब उनसे शिक्षिका के बारे में पूछा गया।तो उन्होने कहा कि शिक्षिका के आवेदन पर विचार हो रहा है।जल्द हीं उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा।
बाईट....मिथलेश कुमार....डीपीओ स्थापना मोतिहारी

वीओएफ....अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला जिले के शिक्षा विभाग की कार्यशैली कब सुधरेगी।यह बताना मुश्किल है।लेकिन एक महिला शिक्षिका को मानसिक रुप से प्रताड़ित करने की विभाग की यह कोई नई कहानी नही है।जरुरत है कि शिक्षकों के स्थानीय राजनीति को दरकिनार कर उन्हे बिना कोई मानसिक परेशानी दिए बच्चों को पढ़ाने का कार्य करने दिया जाए।ताकि शिक्षा का स्तर में सुधार हो सके।
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