मोतिहारी: देश में एक सितंबर से New Motor Vehicle Act 2019 (नया वाहन अधिनियम-2019) लागू होने के बाद भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है. पूर्वी चंपारण जिले में भी लोगों में नए मोटर अधिनियम में होने वाले जुर्माने का खौफ देखा जा रहा है. लिहाजा लोगों में ड्राईविंग लाईसेंस बनवाने की होड़ मची हुई है. ड्राईविंग लाईसेंस के लिए जरुरी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट को लेकर सदर अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है. भीड़ के कारण पहले से हीं चिकित्सकों की कमी से बेपटरी हो चुके सदर अस्पताल में मरीजों का ईलाज करना मुश्किल हो गया है. सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक मरीज देखने के बदले मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने में व्यस्त हैं
सर्टिफिकेट के लिए सदर अस्पताल में लगा लोगों का मेला
नए वाहन अधिनियम के लागू होने के बाद से जिले में हेलमेट के अलावा अन्य कागजातों की जांच शुरु हो गई है. पकड़े जाने पर भारी भरकम जुर्माना वाहन चालक को भरना पड़ रहा है. जिस कारण ड्राईविंग लाईसेंस बनवाने के लिए लोगों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. ड्राईविंग लाईसेंस के लिए मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ती है. मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए सदर अस्पताल में लोगों का मेला लगा हुआ है. मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने वालों की भीड़ अस्पताल में इस कदर बढ़ी हुई है कि लोगों कई दिनों के बाद मेडिकल सर्टिफिकेट बनावा रहें हैं. इधर मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने में लगे चिकित्सक भी लोगों के अप्रत्याशित भीड़ से परेशान हैं. संबंधित विभाग के चिकित्सक के अनुपस्थित रहने से उन्हे सर्टिफिकेट बनाकर देना पड़ रहा है.
मरीज को नहीं मिल रहा समय
भीड़ से परेशान होकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सरकार से अलग जगह सर्टिफिकेट बनवाने की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं. जिससे सदर अस्पताल में मरीजों के ईलाज में कोई कमी ना हो सके. दरअसल सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण पहले से हीं मरीजों के ईलाज की व्यवस्था चरमराई हुई है. ऐसे में मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने वालों की भीड़ ने मरीजों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने में व्यस्त हो जा रहे हैं. इस वजह से मरीज के ईलाज के लिए चिकित्सकों को समय नहीं मिल रहा है.