दरभंगा: एलएनएमयू ने दरभंगा राज की धरोहरों को संरक्षित करने और विवि परिसर को हेरिटेज घोषित करने की मुहिम शुरू की है. इसके तहत विवि के प्रशासनिक भवन में वर्षों से बंद पड़ी लिफ्ट को फिर से चालू कराया गया. कुलपति प्रो. एसके सिंह ने इस लिफ्ट का उद्घाटन किया.
रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय की पहल पर इसे चालू किया गया है. इस अवसर पर पुरानी लिफ्ट के पुर्जों की एक प्रदर्शनी भी लगायी गयी. विवि के सिनेटर संतोष कुमार ने बताया कि इंग्लैंड के आरए इवेंस नामक कंपनी ने विश्व में पहली बार 1919 में लिफ्ट बनाना शुरू किया था. यह कंपनी आज भी लिफ्ट बनाती है. दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने इसी कंपनी से 1936 में खरीद कर ये लिफ्ट यहां लगवाई थी. इस तरह की तीन लिफ्ट इस भवन में लगी हैं.
मूल स्वरूप को बचाया गया
विवि के अभियंता सोहन चौधरी ने बताया कि इस हेरिटेज लिफ्ट को दोबारा शुरू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसके मूल स्वरूप को बचाते हुए इसे चालू किया गया है. इसकी खासियत यह है कि इसमें एंटी रेस्क्यू डिवाइस लगा है. इससे अगर कोई खराबी आती है और व्यक्ति लिफ्ट में फंस जाता है तो लिफ्ट बीच में नहीं रुकेगी बल्कि नजदीकी फ्लोर पर ही जाकर रुकेगी.
बुजुर्गों को होगी सुविधा
कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा कि इस लिफ्ट को चालू करने के दो फायदे हुए हैं. एक तो पेंशन के लिये आने वाले बुजुर्ग इसका उपयोग कर सकेंगे. उन्हें ऊंची सीढियां चढ़ने से मुक्ति मिलेगी. दूसरा, इस हेरिटेज लिफ्ट का संरक्षण हो गया है. बता दें कि एलएनएमयू दरभंगा राज के सेक्रेटेरिएट भवन में चलता है. इस भवन में सैकड़ों पुरानी धरोहर हैं जो देख-रेख के अभाव में बर्बाद हो रही हैं. विवि ने इन धरोहरों के संरक्षण के लिये हेरिटेज सेल का गठन किया है. यह सेल धरोहरों की सूची बनाकर उनके संरक्षण की सिफारिश करेगा. उसके बाद प्राथमिकता के अनुसार इनका संरक्षण होगा.