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83 साल पुरानी दरभंगा राज की धरोहर लिफ्ट को LNMU ने कराया चालू

विवि प्रशासन ने प्रशासनिक भवन में वर्षों से बंद पड़ी लिफ्ट को चालू किया गया है. इस अवसर पर पुरानी लिफ्ट के पुर्जों की एक प्रदर्शनी भी लगायी गयी.

एलएनएमयू
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Published : Jun 3, 2019, 3:55 PM IST

दरभंगा: एलएनएमयू ने दरभंगा राज की धरोहरों को संरक्षित करने और विवि परिसर को हेरिटेज घोषित करने की मुहिम शुरू की है. इसके तहत विवि के प्रशासनिक भवन में वर्षों से बंद पड़ी लिफ्ट को फिर से चालू कराया गया. कुलपति प्रो. एसके सिंह ने इस लिफ्ट का उद्घाटन किया.

रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय की पहल पर इसे चालू किया गया है. इस अवसर पर पुरानी लिफ्ट के पुर्जों की एक प्रदर्शनी भी लगायी गयी. विवि के सिनेटर संतोष कुमार ने बताया कि इंग्लैंड के आरए इवेंस नामक कंपनी ने विश्व में पहली बार 1919 में लिफ्ट बनाना शुरू किया था. यह कंपनी आज भी लिफ्ट बनाती है. दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने इसी कंपनी से 1936 में खरीद कर ये लिफ्ट यहां लगवाई थी. इस तरह की तीन लिफ्ट इस भवन में लगी हैं.

लिफ्ट को एलएनएमयू ने कराया चालू

मूल स्वरूप को बचाया गया

विवि के अभियंता सोहन चौधरी ने बताया कि इस हेरिटेज लिफ्ट को दोबारा शुरू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसके मूल स्वरूप को बचाते हुए इसे चालू किया गया है. इसकी खासियत यह है कि इसमें एंटी रेस्क्यू डिवाइस लगा है. इससे अगर कोई खराबी आती है और व्यक्ति लिफ्ट में फंस जाता है तो लिफ्ट बीच में नहीं रुकेगी बल्कि नजदीकी फ्लोर पर ही जाकर रुकेगी.

darbhanga
लिफ्ट को LNMU ने कराया चालू

बुजुर्गों को होगी सुविधा

कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा कि इस लिफ्ट को चालू करने के दो फायदे हुए हैं. एक तो पेंशन के लिये आने वाले बुजुर्ग इसका उपयोग कर सकेंगे. उन्हें ऊंची सीढियां चढ़ने से मुक्ति मिलेगी. दूसरा, इस हेरिटेज लिफ्ट का संरक्षण हो गया है. बता दें कि एलएनएमयू दरभंगा राज के सेक्रेटेरिएट भवन में चलता है. इस भवन में सैकड़ों पुरानी धरोहर हैं जो देख-रेख के अभाव में बर्बाद हो रही हैं. विवि ने इन धरोहरों के संरक्षण के लिये हेरिटेज सेल का गठन किया है. यह सेल धरोहरों की सूची बनाकर उनके संरक्षण की सिफारिश करेगा. उसके बाद प्राथमिकता के अनुसार इनका संरक्षण होगा.

दरभंगा: एलएनएमयू ने दरभंगा राज की धरोहरों को संरक्षित करने और विवि परिसर को हेरिटेज घोषित करने की मुहिम शुरू की है. इसके तहत विवि के प्रशासनिक भवन में वर्षों से बंद पड़ी लिफ्ट को फिर से चालू कराया गया. कुलपति प्रो. एसके सिंह ने इस लिफ्ट का उद्घाटन किया.

रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय की पहल पर इसे चालू किया गया है. इस अवसर पर पुरानी लिफ्ट के पुर्जों की एक प्रदर्शनी भी लगायी गयी. विवि के सिनेटर संतोष कुमार ने बताया कि इंग्लैंड के आरए इवेंस नामक कंपनी ने विश्व में पहली बार 1919 में लिफ्ट बनाना शुरू किया था. यह कंपनी आज भी लिफ्ट बनाती है. दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने इसी कंपनी से 1936 में खरीद कर ये लिफ्ट यहां लगवाई थी. इस तरह की तीन लिफ्ट इस भवन में लगी हैं.

लिफ्ट को एलएनएमयू ने कराया चालू

मूल स्वरूप को बचाया गया

विवि के अभियंता सोहन चौधरी ने बताया कि इस हेरिटेज लिफ्ट को दोबारा शुरू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसके मूल स्वरूप को बचाते हुए इसे चालू किया गया है. इसकी खासियत यह है कि इसमें एंटी रेस्क्यू डिवाइस लगा है. इससे अगर कोई खराबी आती है और व्यक्ति लिफ्ट में फंस जाता है तो लिफ्ट बीच में नहीं रुकेगी बल्कि नजदीकी फ्लोर पर ही जाकर रुकेगी.

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लिफ्ट को LNMU ने कराया चालू

बुजुर्गों को होगी सुविधा

कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा कि इस लिफ्ट को चालू करने के दो फायदे हुए हैं. एक तो पेंशन के लिये आने वाले बुजुर्ग इसका उपयोग कर सकेंगे. उन्हें ऊंची सीढियां चढ़ने से मुक्ति मिलेगी. दूसरा, इस हेरिटेज लिफ्ट का संरक्षण हो गया है. बता दें कि एलएनएमयू दरभंगा राज के सेक्रेटेरिएट भवन में चलता है. इस भवन में सैकड़ों पुरानी धरोहर हैं जो देख-रेख के अभाव में बर्बाद हो रही हैं. विवि ने इन धरोहरों के संरक्षण के लिये हेरिटेज सेल का गठन किया है. यह सेल धरोहरों की सूची बनाकर उनके संरक्षण की सिफारिश करेगा. उसके बाद प्राथमिकता के अनुसार इनका संरक्षण होगा.

Intro:दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विवि ने दरभंगा राज की धरोहरों को संरक्षित करने और विवि परिसर को हेरिटेज घोषित करने की मुहिम शुरू की है। इसी के तहत विवि के प्रशासनिक भवन में वर्षों से बंद पड़ी1936 में लगी लिफ्ट को फिर से चालू कराया गया। कुलपति प्रो. एसके सिंह ने इसका उद्घाटन किया। रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय की पहल पर इसे चालू किया गया है। इस अवसर पर पुरानी लिफ्ट के पुर्जों की एक प्रदर्शनी भी लगायी गयी।


Body:विवि के सीनेटर संतोष कुमार ने बताया कि इंग्लैंड की आरए इवेंस नामक कंपनी ने विश्व में पहली बार 1919 में लिफ्ट बनाना शुरू किया था। यह कंपनी आज भी लिफ्ट बनाती है। दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने इसी कंपनी से 1936 में खरीद कर ये लिफ्ट यहां लगवाई थी। इस तरह की तीन लिफ्ट इस भवन में लगी हैं।

विवि के अभियंता सोहन चौधरी ने बताया कि इस हेरिटेज लिफ्ट को दोबारा शुरू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके मूल स्वरूप को बचाते हुए इसे चालू किया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें एंटी रेस्क्यू डिवाइस लगा है। इससे अगर कोई खराबी आती है और व्यक्ति लिफ्ट में फंस जाता है तो लिफ्ट बीच में नहीं रुकेगी बल्कि नज़दीकी फ्लोर पर ही जाकर रुकेगी।

कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा कि इस लिफ्ट को चालू करने के दो फायदे हुए हैं। एक तो पेंशन के लिये आने वाले बुजुर्ग इसका उपयोग कर सकेंगे। उन्हें ऊंची सीढियां चढ़ने से मुक्ति मिलेगी। दूसरा, इस हेरिटेज लिफ्ट का संरक्षण हो गया है।


Conclusion:बता दें कि ललित नारायण मिथिला विवि दरभंगा राज के सेक्रेटेरिएट भवन में चलता है। इस भवन में सैकड़ों पुरानी धरोहर हैं जो देखरेख के अभाव में बर्बाद हो रही हैं। विवि ने इन धरोहरों के संरक्षण के लिये हेरिटेज सेल का गठन किया है। यह सेल धरोहरों की सूची बनाकर उनके संरक्षण की सिफारिश करेगा। उसके बाद प्राथमिकता के अनुसार इनका संरक्षण होगा।


बाइट 1- संतोष कुमार, सीनेटर, एलएनएमयू
बाइट 2- सोहन चौधरी, विवि अभियंता, एलएनएमयू
बाइट 3- प्रो. एसके सिंह, कुलपति, एलएनएमयू


विजय कुमार श्रीवास्तव
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