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स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे के लिए बड़ी चुनौती, क्या बिहार के अस्पताल कोरोना से लड़ने के लिए हैं तैयार - पीएमसीएच

कोरोना से बचाव को लेकर सरकार अलर्ट मोड में है. सरकार की ओर से अस्पताल और डॉक्टरों को विशेष सुरक्षा बरतने की हिदायत दी गई है. लेकिन अगर पटना के पीएमसीएच की बात की जाए तो यह अस्पताल सरकार के दावे का पोल खोलती नजर आती है.

स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे
स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे
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Published : Mar 15, 2020, 2:58 PM IST

Updated : Mar 15, 2020, 3:23 PM IST

बक्सर: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा करते हैं, जबकि धरातल पर इसका असर नहीं दिखाई देता है. बिहार के कई जिलों में अस्पताल की स्थिति बद से बदतर है. कहीं डॉक्टरों की कमी है तो कहीं बेहतर सुविधाओं की. ऐसे में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से लोगों को बचाना स्वास्थ्य मंत्री के लिए बड़ी चुनौती है.

बता दें कि अश्विनी कुमार चौबे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री और 17 वीं लोकसभा के सदस्य हैं. वह बक्सर का प्रतिनिधित्व करने वाली 16 वीं लोकसभा के सदस्य और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं.
पीएमसीएच में नहीं है साफ-सफाई की व्यवस्था
बताया जा रहा है कि पीएमसीएच के टाटा वार्ड में पिछले दिनों पीएमसीएच का इमरजेंसी विभाग शिफ्ट हुआ था. टाटा वार्ड जहां पीएमसीएच का इमरजेंसी वार्ड चल रहा है. उसके गेट के ठीक सामने यूज किए गए सिरिंज, ग्लव्स और अन्य प्रकार के मेडिकल वेस्ट बिखरे पड़े रहते हैं. जिसकी वजह से अस्पताल के सामने कचरे का अंबार लग गया है. जिस कारण इमरजेंसी के सामने दो पल ठहरना लोगों का मुश्किल हो रहा है. तो ऐसे में मरीजों का इलाज बेहतर कैसे हो पाएगा.

बक्सर
वेंटीलेटर पर स्वास्थ्य व्यवस्था

कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं हाई अलर्ट पर
कोरोना से बचाव को लेकर सरकार अलर्ट मोड में है. सरकार की ओर से अस्पताल और डॉक्टरों को विशेष सुरक्षा बरतने की हिदायत दी गई है. लेकिन अगर पटना के पीएमसीएच की बात की जाए तो यह अस्पताल सरकार के दावे का पोल खोलती नजर आती है. हां साफ-सफाई के तमाम दावे पूरी तरह फेल हैं.

आपके लिए रोचक: केंद्रीय मंत्री के संसदीय क्षेत्र में बदहाल स्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था, घंटों करना पड़ता है एंबुलेंस का इंतजार

स्वास्थ्य महकमे की हालत बद से बदतर
केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग वेंटीलेटर पर है. अस्पताल में न तो जरूरत की दवा है और न ही फोन करने पर एंबुलेंस की व्यवस्था है. अश्विनी कुमार चौबे भले ही बयान बहादुर की तरह बयान देकर सुर्खियों में बने रहते हैं, लेकिन उनके संसदीय क्षेत्र के स्वास्थ्य महकमे की हालत बद से बदतर हालात में पहुंच गई है. स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार सूचना देने के बाद भी यहां के स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे में मजबूरी में मरीजों को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाया जाता है.

बक्सर: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा करते हैं, जबकि धरातल पर इसका असर नहीं दिखाई देता है. बिहार के कई जिलों में अस्पताल की स्थिति बद से बदतर है. कहीं डॉक्टरों की कमी है तो कहीं बेहतर सुविधाओं की. ऐसे में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से लोगों को बचाना स्वास्थ्य मंत्री के लिए बड़ी चुनौती है.

बता दें कि अश्विनी कुमार चौबे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री और 17 वीं लोकसभा के सदस्य हैं. वह बक्सर का प्रतिनिधित्व करने वाली 16 वीं लोकसभा के सदस्य और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं.
पीएमसीएच में नहीं है साफ-सफाई की व्यवस्था
बताया जा रहा है कि पीएमसीएच के टाटा वार्ड में पिछले दिनों पीएमसीएच का इमरजेंसी विभाग शिफ्ट हुआ था. टाटा वार्ड जहां पीएमसीएच का इमरजेंसी वार्ड चल रहा है. उसके गेट के ठीक सामने यूज किए गए सिरिंज, ग्लव्स और अन्य प्रकार के मेडिकल वेस्ट बिखरे पड़े रहते हैं. जिसकी वजह से अस्पताल के सामने कचरे का अंबार लग गया है. जिस कारण इमरजेंसी के सामने दो पल ठहरना लोगों का मुश्किल हो रहा है. तो ऐसे में मरीजों का इलाज बेहतर कैसे हो पाएगा.

बक्सर
वेंटीलेटर पर स्वास्थ्य व्यवस्था

कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं हाई अलर्ट पर
कोरोना से बचाव को लेकर सरकार अलर्ट मोड में है. सरकार की ओर से अस्पताल और डॉक्टरों को विशेष सुरक्षा बरतने की हिदायत दी गई है. लेकिन अगर पटना के पीएमसीएच की बात की जाए तो यह अस्पताल सरकार के दावे का पोल खोलती नजर आती है. हां साफ-सफाई के तमाम दावे पूरी तरह फेल हैं.

आपके लिए रोचक: केंद्रीय मंत्री के संसदीय क्षेत्र में बदहाल स्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था, घंटों करना पड़ता है एंबुलेंस का इंतजार

स्वास्थ्य महकमे की हालत बद से बदतर
केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग वेंटीलेटर पर है. अस्पताल में न तो जरूरत की दवा है और न ही फोन करने पर एंबुलेंस की व्यवस्था है. अश्विनी कुमार चौबे भले ही बयान बहादुर की तरह बयान देकर सुर्खियों में बने रहते हैं, लेकिन उनके संसदीय क्षेत्र के स्वास्थ्य महकमे की हालत बद से बदतर हालात में पहुंच गई है. स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार सूचना देने के बाद भी यहां के स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे में मजबूरी में मरीजों को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाया जाता है.

Last Updated : Mar 15, 2020, 3:23 PM IST
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