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'क्या आतंकवादी को संसद में भेजकर आतंकवाद समाप्त करेंगे मोदी'

'साध्वी प्रज्ञा अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जेल से बाहर हैं तो फिर वह चुनाव कैसे लड़ रही हैं. फिर तो साध्वी प्रज्ञा की तरह और न जाने कितने हैं जो जेल में बंद है या बेल पर छूटे हैं'.

संदीप पांडेय
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Published : May 8, 2019, 9:15 PM IST

भोजपुरः रैमन मग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित और मशहूर पर्यावरणविद् संदीप पांडेय ने आरा में केंद्र सरकार पर हमला बोला है. यहां भाकपा माले प्रत्याशी राजू यादव का समर्थन करने पहुंचे संदीप पांडेय ने भारतीय जनता पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी जगह-जगह आतंकवाद का विरोध करती है. लेकिन वह खुद एक आतंकवादी को चुनाव लड़ा रही है.

संदीप पांडेय ने कहा कि पीएम खुद आतंकवाद के नाम पर वोट मांग रहे हैं और एक आतंकवादी को संसद में भेजना चाह रहे हैं. उनकी यह क्या नीति है कि आतंकवादी को चुनाव लड़वाकर आतंक को खत्म करेंगे. उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जेल से बाहर हैं तो फिर वह चुनाव कैसे लड़ रही हैं. वे आगे कहते हैं कि साध्वी प्रज्ञा की तरह और न जाने कितने हैं जो जेल में बंद है या बेल पर छूटे हैं. इस तरह तो अफजल गुरू के खिलाफ भी कोई ठोस सबूत नहीं मिला लेकिन उसे सजा मिली.

'देश की अंतरात्मा को शांत करने के लिए अफजल गुरु को फांसी'
संदीप पांडेय ने कहा कि अफजल गुरु के खिलाफ 80 गवाहों में किसी एक ने भी नहीं कहा कि वह किसी आतंकवादी संगठन के साथ था. उसके खिलाफ सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं. पुलिस ने अपने कस्टडी में उससे इकबालिया बयान लिखवाया है इसके अलावा उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. फैसले में यह कहा गया कि देश की अंतरात्मा को शांत करने के लिए अफजल गुरु को फांसी दी गयी.

आरके सिंह पर भी भड़के
ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान संदीप पांडेय ने साध्वी प्रज्ञा को लेकर एनडीए प्रत्याशी आर के सिंह पर निशाना साधा. गृह सचिव के रूप में आर के सिंह बोल चुके हैं कि राष्ट्रीय सेवक संघ इस देश में आतंकवादी घटनाओं में शामिल रही है. जिसमें मालेगांव में दो बार बम धमाके, अजमेर शरीफ, हैदराबाद के मजार और मस्जिद के सामने और समझौता एक्सप्रेस के धमाके शामिल हैं.

साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर सवाल

'जो थे आरएसएस के खिलाफ'
उन्होंने कहा कि स्वामी असीमानंद के द्वारा स्वीकार करने के बाद भी उन्हें बरी कर दिया गया है. जिस पर जज ने भी टिप्पणी की. उस घटना पर टिप्पणी करने वाले आरके सिंह उस समय आरएसएस के खिलाफ थे और अब भारतीय जनता पार्टी से दोबारा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अब प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से उम्मीदवार बना दिया गया फिर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा. अगर कोई मुस्लिम होता है तो फांसी पर चढ़ जाता है. पर हिंदू होता है तो उसे चुनाव लड़ने का मौका इस देश में दिया जाता है.

भोजपुरः रैमन मग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित और मशहूर पर्यावरणविद् संदीप पांडेय ने आरा में केंद्र सरकार पर हमला बोला है. यहां भाकपा माले प्रत्याशी राजू यादव का समर्थन करने पहुंचे संदीप पांडेय ने भारतीय जनता पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी जगह-जगह आतंकवाद का विरोध करती है. लेकिन वह खुद एक आतंकवादी को चुनाव लड़ा रही है.

संदीप पांडेय ने कहा कि पीएम खुद आतंकवाद के नाम पर वोट मांग रहे हैं और एक आतंकवादी को संसद में भेजना चाह रहे हैं. उनकी यह क्या नीति है कि आतंकवादी को चुनाव लड़वाकर आतंक को खत्म करेंगे. उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जेल से बाहर हैं तो फिर वह चुनाव कैसे लड़ रही हैं. वे आगे कहते हैं कि साध्वी प्रज्ञा की तरह और न जाने कितने हैं जो जेल में बंद है या बेल पर छूटे हैं. इस तरह तो अफजल गुरू के खिलाफ भी कोई ठोस सबूत नहीं मिला लेकिन उसे सजा मिली.

'देश की अंतरात्मा को शांत करने के लिए अफजल गुरु को फांसी'
संदीप पांडेय ने कहा कि अफजल गुरु के खिलाफ 80 गवाहों में किसी एक ने भी नहीं कहा कि वह किसी आतंकवादी संगठन के साथ था. उसके खिलाफ सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं. पुलिस ने अपने कस्टडी में उससे इकबालिया बयान लिखवाया है इसके अलावा उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. फैसले में यह कहा गया कि देश की अंतरात्मा को शांत करने के लिए अफजल गुरु को फांसी दी गयी.

आरके सिंह पर भी भड़के
ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान संदीप पांडेय ने साध्वी प्रज्ञा को लेकर एनडीए प्रत्याशी आर के सिंह पर निशाना साधा. गृह सचिव के रूप में आर के सिंह बोल चुके हैं कि राष्ट्रीय सेवक संघ इस देश में आतंकवादी घटनाओं में शामिल रही है. जिसमें मालेगांव में दो बार बम धमाके, अजमेर शरीफ, हैदराबाद के मजार और मस्जिद के सामने और समझौता एक्सप्रेस के धमाके शामिल हैं.

साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर सवाल

'जो थे आरएसएस के खिलाफ'
उन्होंने कहा कि स्वामी असीमानंद के द्वारा स्वीकार करने के बाद भी उन्हें बरी कर दिया गया है. जिस पर जज ने भी टिप्पणी की. उस घटना पर टिप्पणी करने वाले आरके सिंह उस समय आरएसएस के खिलाफ थे और अब भारतीय जनता पार्टी से दोबारा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अब प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से उम्मीदवार बना दिया गया फिर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा. अगर कोई मुस्लिम होता है तो फांसी पर चढ़ जाता है. पर हिंदू होता है तो उसे चुनाव लड़ने का मौका इस देश में दिया जाता है.

Intro:अफजल गुरु के खिलाफ 80 गवाहों में किसी एक ने भी नही कहा कि अफजल किसी आतंकवादी संगठन के साथ था ।उसके खिलाफ सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं।पुलिस ने अपने कस्टडी में उनसे इकबालिया बयान लिखवाया है इसके अलावे उसके खिलाफ कोई सबूत नही है।और फैसले में यह कहा गया है कि देश की अंतरात्मा को शांत करने के लिए अफजल गुरु को फांसी दी गयी । उक्त बातें भोजपुर में महागठबंधन के प्रत्याशी राजू यादव के प्रचार प्रसार में आये 2000 में रैमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित व चर्चित पर्यावरणविद संदीप पांडेय ने कही। ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने दबे स्वर में जहां साध्वी प्रज्ञा को लेकर एनडीए प्रत्याशी आर के सिंह को निशाना बनाया वहीं दूसरी ओर देश को बांटने का नारा लगाने वाले जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु का समर्थन किया।


Body: संदीप पाण्डे ने एनडीए प्रत्याशी आर के सिंह के सम्बंध में बताया कि गृह सचिव के रूप में आर के सिंह बोल चुके हैं कि राष्ट्रीय सेवक संघ इस देश में आतंकवादी घटनाओं में शामिल रही है।माले गांव में दो बार बम धमाकों में, अजमेरशरीफ,हैदराबाद के मजार और मस्जिद के सामने में और समझौता एक्सप्रेस के धमाकों में।ये अलग बात है कि स्वामी असीमानंद के द्वारा स्वीकार करने के बाद भी उन्हें बरी कर दिया गया है जिस पर जज ने भी टिप्पणी की । उस घटना पर टिप्पणी करने वाले आरके सिंह उस समय आर एस एस के खिलाफ थे और अब भारतीय जनता पार्टी के द्वारा दोबारा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अभी जब वही प्रज्ञा ठाकुर को मेरठ से उम्मीदवार बनाया गया है तो वे कुछ बोलते क्यों नही। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नीतियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी जगह-जगह आतंकवाद का विरोध करती है और प्रधानमंत्री आतंकवाद का नाम लेते हैं लेकिन एक आतंकवादी को चुनाव लड़ा रहे हैं । क्या यही उनकी नीति है की आतंकवादी को संसद में भेजकर आतंकवाद समाप्त करेंगे।उन्होंने साध्वी प्रज्ञा के बारे में कहा कि जिस महिला का स्वास्थ्य खराब है और जो स्वास्थ्य लाभ के लिए जमानत पर छुट्टी है और जेल के बाहर है वह चुनाव कैसे लड़ रही है । उन्होंने यह भी कहा कि साध्वी प्रज्ञा की तरह और न जाने कितने हैं जो जेल में बंद हैया बेल पर छूटे हैं और अफजल जैसे लोगों को सजा भी हुई है जबकि अफजल गुरु के खिलाफ भी ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं था। अफजल गुरु के बारे में उन्होंने उसका पक्ष लेते हुए कहा की कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है उसमें लिखा है कि अफजल गुरु के खिलाफ 80 गवाहों में से किसी एक ने भी ऐसा नहीं कहा कि किसी आतंकवादी संगठन से उसका जुड़ाव था उसके खिलाफ सी परिस्थिति जन्य साक्ष्य हैं पुलिस ने अपनी कस्टडी में उनसे इकबालिया बयान लिखवाया है इसके खिलाफ उसे पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है। और फैसले में कहा गया है कि देश की अंतरात्मा को शांत करने के लिए अफजल गुरु को फांसी की सजा दी गई है ।


Conclusion:इतना ही नहीं उन्होंने हिंदू मुस्लिम पर बयान देते हुए कहा की अगर कोई मुस्लिम होता है तो फांसी पर चढ़ जाता है और हिंदू होता है तो उसे चुनाव लड़ने का मौका इस देश में दिया जाता है
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