भोजपुरः आरा जिला के सदर अस्पताल में खून से लथपथ मरीज को स्ट्रैचर तक नसीब नहीं हुआ. मरीज अपने परिजनों के साथ हाथ में ग्लूकोज की बोतल लिए घूमता रहा. मरीज इमरजेंसी कक्ष से एक्सरे कक्ष तक जा रहा था. बता दें कि टाउन थाना क्षेत्र में गांगी पर बकरी चराने को लेकर विवाद हो गया था. जिसमें अन्य पक्ष के लोगों ने चाकू से हमला कर दिया था. जिससे गौसगंज निवासी उमाशंकर भगत लहूलुहान हो गया था.
डॉक्टर ने एक्सरे करवाने भेजा
इलाज के दौरान डॉक्टर ने जख्मी उमाशंकर भगत को एक्सरे करवाने को कहा. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से स्ट्रैचर की मांग की. जवाब में स्ट्रैचर तो नहीं मिला लेकिन सलाह जरूर मिल गया कि मरीज को गोद में उठाकर ले जाएं. लाचार परिजन जख्मी को पैदल ही एक्सरे कक्ष तक ले गए. उसी वक्त यह तस्वीरें ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गई.
सीएस ने ऐसी घटना से किया इनकार
आरा सिविल सर्जन ललितेश्वर प्रसाद झा ने इस मामले से इंकार किया है. उन्होंने कहा, आरा सदर अस्पताल में मरीजों के लिए समुचित व्यवस्था है. अगर इस तरह की तस्वीर आई होगी तो वो जान-बूझकर मरीज को खड़ा कर अस्पताल को बदनाम करने के लिए किया गया होगा. सिविल सर्जन ने आगे कहा, मामले के बारे में पता लगाया जाएगा. इस लापरवाही में जो भी कर्मी शामिल होंगे. उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
पहले भी हो चुका है मामला
बहरहाल, आरा सदर अस्पताल का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस अस्पताल में कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं, जिससे इंसानियत शर्मसार होते हुए नजर आयी है.