भागलपुरः बिहार के नवगछिया अनुमंडल कारा के एक विचाराधीन बंदी ने व्यवहार न्यायालय में पेशी के बाद लौटते वक्त अपने मलद्वार में मोबाइल और चार्जर केबल छुपा लिया. उपकारा में प्रवेश करने का दौरान जब मेटल डिटेक्टर से उसकी जांच हुई तो वो पकड़ा गया. इसके बाद जेल के वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर अनुमंडलीय अस्पताल में कैदी का एक्सरे कराया गया, तो पता चला कि बंदी के मलाशय (रेक्टम) में मोबाइल और चार्जर का केबल है. बाद में चिकित्सकों के प्रयास से शौच करवाकर मोबाइल व चार्जर का दो केबल निकाला गया.
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मेटल डिटेक्टर से जांच में पकड़ाया बंदीः विचाराधीन बंदी नवगछिया थाना क्षेत्र के महद्दतपुर निवासी रहीम आलम है. यह कैदी रकम लेन-देन के मामले में लगभग छः माह से अनुमंडल कारा में है. सोमवार को रहीम पेशी के लिए दोपहर करीब 12 बजे अनुमंडल कारा से नवगछिया न्यायालय गया था. जहां कुछ देर के लिए उसे कोट हाजत में भी रखा गया. शाम साढ़े चार बजे उसे पुनः जेल में प्रवेश करने के लिए जेल गेट पर लाया गया, जहां तलाशी के दौरान मेटल डिटेक्टर से चेक करने पर पता चला कि उक्त बंदी के पास धातु का कुछ सामान है.
शौच के जरिए निकला केबल और मोबाइलः वहीं, काफी तलाशी के बाद भी सुरक्षाकर्मियों को उसके पास से कुछ नहीं मिला. इसके बाद इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी गई, जिनके आदेश पर कैदी का एक्स-रे कराया गया. एक्स-रे में मोबाइल व चार्जर के दो केबल स्पष्ट देखे गए. इसके बाद कैदी को जब शौच कराया गया तो दो केबल और मोबाइल निकाला.
लावारिस अवस्था में कैदी को मिला था मोबाइल ः कैदी ने बताया कि हाजत में मोबाइल और चार्जर उसने लावारिस अवस्था में देखा तो खा लिया था. तीनों समान मलाशय में फंसा हुआ था. वहीं, चिकित्सकों ने बताया की संभावना है कि मलद्वार के रास्ते से ही सामानों को मलाशय तक पहुंचाया गया होगा. मुंह के रास्ते समान मलाशय तक आने में काफी वक्त लगता है.
"जब हम हाजत में थे तो मोबाइल और चार्जर लावारिस अवस्था मिला था, उसे खा लिया था. इसलिए तीनों सामान मलाशय में फंसा हुआ था"- रहीम आलम, कैदी
"ऐसा लगता है कि मलद्वार के रास्ते सभी सामानों को मलाशय तक पहुंचाया गया होगा. क्योंकि मुंह के रास्ते समान मलाशय तक आने में काफी समय लगता है"- चिकित्सक