भागलपुर : जिले के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में हो रही रक्त की कमी को पूरा करने के लिए दर्जनों की संख्या में मीडिया कर्मियों ने रक्तदान किया. एक गैर सरकारी संस्था ने 10 दिनों तक ब्लड डोनेट करने के लिये अस्पताल के ब्लड बैंक में ही कैंप लगाया था, जिसमें रविवार को अलग-अलग संस्था से जुड़े मीडिया कर्मियों ने ब्लड डोनेट किया.
इसमें महिला मीडिया कर्मी भी शामिल हुई. इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है और लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो रही थी और इसे पूरा करने के लिए लगाए जाने वाले रक्तदान शिविर भी कहीं नहीं लगाई जा रही है. ऐसे में मीडिया कर्मी द्वारा रक्तदान किया गया, जिसकी अस्पताल में मौजूद मेडिकल कर्मियों ने जमकर सराहना की.
क्या बोले रक्त देने वाले
मीडिया कर्मी कुणाल शेखर ने कहा कि ब्लड बैंक में लगातार रक्त की कमी हो रही थी, इस समय पूरे देश में कोरोना का कहर जारी है, जिसे रोकने के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में लोग ना कहीं जा पा रहे हैं और ना ही ब्लड बैंक में रक्त की कमी को पूरा करने के लिए रक्तदान शिविर लग रहा है. ऐसे में हम लोगों ने रक्त कोष में हो रही रक्त की कमी को पूरा करने का कोशिश की. उन्होंने कहा कि रक्तदान को जीवनदान भी कहा जाता है.
समाज सेवा करने का मौका
महिला मीडिया कर्मी उषा कुमारी ने कहा कि महिलाओं के मन में गलतफहमी है कि रक्तदान करने से उनके शरीर में कमजोरी आ जाएगी, जबकि ऐसा नहीं है. रक्तदान से हमारे शरीर का रक्त प्यूरीफायर होता है. महिलाओं को खासकर रक्तदान करना चाहिए. ऐसे में यदि रक्तदान कर समाज सेवा करने का मौका मिला है, तो उन्हें आगे आकर रक्तदान करना चाहिए.
रक्त की हो रही थी कमी
संस्था के अध्यक्ष नितेश चौबे ने कहा कि 17 मई से लगातार हम लोगों ने रक्तदान के लिए अस्पताल में ही शिविर लगाया और जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रक्त कोष में 184 यूनिट को जमा कराया है. हम लोग समय-समय पर शिविर लगाकर रक्तदान करते हैं. लेकिन अभी कोरोना काल में शिविर नहीं लगाया जा सकता है. ऐसे में रक्त कोष में रक्त की कमी हो रही थी, जिसे पूरा करने के लिए हम लोगों ने रक्तदान किया है.
रक्तदान करें
भागलपुर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है. इस अस्पताल में अलग-अलग जिलों से पहुंचने वाले थैलेसीमिया के मरीजों को रक्त की जरूरत होती है, जिसे अस्पताल के ब्लड बैंक से रक्त की कमी को पूरा किया जाता है. अस्पताल के रक्त कोष में रक्त की कमी हो रही थी, जिससे ब्लड बैंक के साथ-साथ मरीज को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.